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टाइफाइड क्या है: कारण, लक्षण (Symptoms in Hindi), परहेज व् उपचार

by Sheetal Verma

टाइफाइड एक गंभीर समस्या है और वक्त रहते अगर टाइफाइड के कारण, लक्षण, परहेज व उपचार से संबंधित जानकारी मिल जाए तो पीड़ित व्यक्ति को जल्द ही इस बीमारी से दूर कर स्वस्थ बनाया जा सकता है।

आइए टाइफाइड के बारे में विस्तार से जानते हैं और यह भी पता लगाते हैं कि यह किन कारणों से होता है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि क्या लक्षण है जिन्हें आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए जो टाइफाइड का कारण बनता है।

typhoid symptoms in hindi

इसके साथ हम टाइफाइड के होने पर क्या परहेज करना चाहिए और इसके क्या उपचार होंगे उसका भी वर्णन हम यहां पर करेंगे । आइए समझते हैं:-

टाइफाइड क्या है – What is Typhoid in Hindi

Typhoid ko hindi me kya kahate hai: टाइफाइड यूं तो एक इंग्लिश शब्द है लेकिन हिंदी में भी इसको टाइफाइड के नाम से ही पुकारा जाता है। कई जगह पर इसे टाइफाइड फीवर भी कहा जाता है । अगर हम हिंदी की बात करें तो इसे “आंत्र ज्वर” कहकर भी पुकारा जाता है।

टाइफाइड एक गंभीर समस्या है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) नामक इंफेक्शन के शरीर में फैलने से उत्पन्न होती है।

टाइफाइड की समस्या में  सालमोनेला टाइफी नामक तत्व मुंह के द्वार से शरीर में प्रवेश करता है और यह करीब 1 से 3 हफ्ते तक आपके शरीर के अंदर रहता है तथा आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं तक पहुंचकर उनमें में फैल जाता है तथा खून की कोशिकाओं में अपना संचार करने के बाद यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैलने लगता है जिससे व्यक्ति की हालत गंभीर होने लगती है। ‌

typhoid fever in hindi

टाइफाइड  होने पर किडनी फेलियर और गंभीर जीआई ब्लडिंग आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। ‌

वक्त रहते आइए जानते हैं कि बीपी लो होने के क्या लक्षण है व बीपी लो कैसे ठीक होता है। साथ ही हम इसके प्राथमिक उपचार के बारे में भी वाद-विवाद करेंगे ।

टाइफाइड बीमारी के कारण – Causes of Typhoid in Hindi 

टाइफाइड एक ऐसी समस्या है जो शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित कर व्यक्ति को गति हीन एवं कमजोर बना देती है इसीलिए टाइफाइड की समस्या से बचाव के लिए उनके कारणों से संबंधित जानकारी का होना आवश्यक है।

typhoid causes in hindi

टाइफाइड फीवर के कारण जानना अति आवश्यक है । सही कारण पता होने पर हम बीमारी की जड़ का पता लगा सकते हैं वह उसे वहीं पर खत्म कर सकते हैं। यदि वह संभव नहीं है तो हम उस बीमारी से बचने के उपाय भी खोज सकते हैं ।

नीचे टाइफाइड बीमारी के मुख्य कारण दिए गए हैं:-

  • दूषित भोजन – कोई ऐसा खाद्य पदार्थ या भोजन जिसमें खराब मसाले तेल को मिलाया गया हो या फिर वह दूषित खाद्य सामग्री से तैयार किया गया हो या फिर लगातार एक-दो दिन का बासी खाना। ‌
  • दूषित पानी – कोई ऐसा पानी जिसमें कुछ कंकड़ एवं मिट्टी धूल जमा हो तथा आप उसका सेवन कर ले तब भी आपको यह बीमारी लग सकती है या फिर आप गंदे नल से पानी का सेवन कर लेते हैं तो यह भी दूषित पानी के कारण होने वाली टाइफाइड की समस्या में शामिल होता है।‌
  • सड़क के किनारे मिल रहे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी टाइफाइड बीमारी के तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं क्योंकि सड़क किनारे लगे फूड स्टॉल में वातावरण में फैली धूल मिट्टी और छोटे-छोटे कण खाने में मिल जाते हैं जिसके सेवन से टाइफाइड की बीमारी हो जाती है।
  • किसी टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति के भोजन या पानी का सेवन कर लेना। ‌
  • खराब फिल्टर के पानी का सेवन करने के कारण भी टाइफाइड की समस्या उत्पन्न होती है। ‌

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टाइफाइड बीमारी के लक्षण – Typhoid Symptoms in Hindi

टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी भी हो सकती है । यदि उनके लक्षणों पर समय रहते गौर नहीं किया गया तो टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी बन जाती है। आइए इसके लक्षणों को विस्तार से समझते हैं और समय रहते इसका उपचार, नियमित परहेज व रोकथाम करते हैं।

typhoid symptoms in hindi

टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में सालमोनेला टाइफी तत्व प्रवेश कर आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं में पहुंचकर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर देता है

और ऐसी स्थिति में प्रतिरक्षा कोशिकाएं भी शरीर को प्रभावित होने से नहीं बचा पाती है लेकिन व्यक्ति को अगर टाइफाइड की बीमारी के लक्षण पता हो तो टाइफाइड की समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।‌

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टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में व्यक्ति को निम्नलिखित मुख्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं-:

टाइफाइड-बीमारी-के-लक्षण

  • तेज बुखार ( 100 डिग्री से अधिक)
  • सिर दर्द
  • कब्ज और डायरिया की समस्या
  • भूख की कमी
  • लीवर में सूजन
  • छाती पर लाल रंग के निशानों का दिखना।
  • थकान महसूस होना।
  • शरीर का तापमान बिगड़ने से ठंड लगना।
  • शरीर के कुछ अंगों में दर्द महसूस होना।
  • पेट में दर्द और ऐंठन महसूस होना।‌

टाइफाइड बीमारी के उपाय – Typhoid Treatment in Hindi

अगर आपको टाइफाइड के किसी भी लक्षण जैसे थकान, सिरदर्द, उल्टी, कब्ज और तेज बुखार आदि शरीर में नजर आते हैं तो आपको जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बीमारी के बारे में परामर्श करना चाहिए।‌ इसके अलावा यदि आप जांघ में हो रहे दर्द से अत्यधिक परेशान है तो आईए जानते हैं जांघ में दर्द का घरेलू इलाज तथा विस्तार पूर्वक पूरी जानकारी प्राप्त करें।

typhoid treatment in hindi

डॉक्टर्स नियमित टेस्ट के जरिए इस बात की पुष्टि करेंगे कि आप टाइफाइड से पीड़ित है या नहीं।‌ यदि हां तो आपको क्या दवा लेनी है क्या परहेज करने हैं और इससे बचाव के उपाय।‌

हम सलाह देते हैं कि आप टाइफाइड बीमारी के साथ-साथ क्वाशिओरकोर बीमारी के बारे में भी जरूर पढ़ें ।

दवा के साथ-साथ आपको घर पर टाइफाइड को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए-:

  • टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति का वजन तेजी से गिरने लगता है जिसके कारण व्यक्ति कमजोर दिखाई देने लगता है तथा इसीलिए आपको डॉक्टर की दवा के परामर्श के साथ-साथ कैलोरी युक्त कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में ताकत बनी रहे और आपका वजन फिर से सामान्य रूप से बढ़ सके।आप इसके लिए दूध, दाल और उबले हुए आलू का सेवन डाइट में इस्तेमाल कर सकते हैं। ‌ ध्यान रहे कि टाइफाइड की समस्या होने पर केवल वही खाना दिया जाए जो आसानी से पच सके व् नियमित परहेज किये जाएँ ।
  • टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से पानी ज्यादा मात्रा में निकल जाता है इसीलिए डॉक्टर ओआरएस घोल पीने का परामर्श देते हैं तथा इसके साथ आप दही की लस्सी तथा दाल का पानी भी पीड़ित व्यक्ति को दे सकते हैं। ‌
  • टाइफाइड की समस्या होने पर 5 से 7 लॉन्ग को 8 कप पानी में उबालें और पानी आधा होने तक इसे आंच पर पकाते रहें और फिर पानी को छान कर इसका सेवन करें।
  • टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से ताकत एकदम चली जाती है और इसीलिए व्यक्ति को डॉक्टर की परामर्श दवा के साथ-साथ घर पर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें पीड़ित व्यक्ति को सेब, दलिया और ओट्स तथा मौसमी फल जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो आदि खाने के लिए दे सकते हैं। ‌
  • टाइफाइड की समस्या में पीड़ित व्यक्ति को थोड़ा-थोड़ा खाने को देते रहे तथा पेट भर कर खाने को ना दें।
  • चाय का परहेज करें- चाय तथा ज्यादा फैट जैसे जी एवं तेज मसालों का खाद्य पदार्थों में उपयोग ना करें।
  • मांस से परहेज रखे – मांस का सेवन बिल्कुल बंद कर दे क्योंकि कमजोर पाचन तंत्र के कारण पीड़ित व्यक्ति मांस को नहीं पचा पाता है। ‌

यदि आप पेट में गैस के लक्षण जानना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करें वह पूरी जानकारी प्राप्त करें और यह भी जाने कि इसके क्या उपचार व घरेलू नुस्खे हैं जिसके द्वारा आप पेट के दर्द को ठीक कर सकते हैं।

टाइफाइड से बचाव – Precautions in Typhoid in Hindi

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड की समस्या 3 से 5 प्रतिशत लोगों में ही देखी जाती है तथा अगर हर व्यक्ति टाइफाइड के बचाव से संबंधित नियमों को निरंतर फॉलो करें तो टाइफाइड की समस्या से बचा जा सकता है।

typhoid prevention tips

टाइफाइड से बचाव के मुख्य नियम निम्नलिखित हैं-:

  • अगर घर में वाटर फिल्टर खराब है तो सबसे पहले उसे बदले तथा उसमें साफ पानी भरकर उसका उपयोग करें।
  • हाथ धोने के लिए साबुन की जगह डब्बा युक्त हैंडवाश का उपयोग करें।
  • फलों और सब्जियों को हमेशा धोकर साफ- -सुथरी जगह पर रखें।‌
  • घर पर बना हुआ तथा पका हुआ भोजन ही खाएं।
  • बाहर जाते वक्त एक साफ पानी की बोतल को साथ में रखें।
  • सड़क पर खड़े फूड स्टॉल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। ‌
  • बच्चों को टाइफाइड के वैक्सीन लगवाएं। ‌
  • ताजा फलों का रस घर पर बनाकर पीएं।
  • तुलसी के पत्ते चबाएं या चाय में तुलसी उबालकर पिए। ‌

टाइफाइड में परहेज़ – Abstinence in Typhoid in Hindi

स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही टाइफाइड में खाद्य पदार्थों एवं डाइट को फॉलो करना चाहिए तथा टाइफाइड में निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए-:

यदि आप यह जानना चाहते हैं कि बीपी लो कैसे ठीक होता है इसके क्या कारण हैं, क्या लक्षण हैं, व प्राथमिक उपचार तो यहां पर क्लिक करें और पूरी जानकारी प्राप्त करें ।

  • टाइफाइड की समस्या होने पर फाइबर युक्त पदार्थ जैसे सेब, केला, साबूत अनाज और साबुत दाल आदि का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
  • डेयरी उत्पादों जैसे घी, मक्खन, दूध तथा चीज़ जैसे उत्पादों का सेवन टाइफाइड की समस्या में बंद कर देना चाहिए।
  • अत्याधिक मिर्च-मसाला, तेल एवं अचार, कुछ भारी सब्जियों जैसे गोभी,शिमला मिर्च, प्याज लहसुन, मूली, शलगम आदि का सेवन से परहेज करना चाहिए।
  • डिब्बाबंद जूस तथा मिल्क शेक आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इन सब में कैलोरी एवं वसा की मात्रा अत्याधिक रूप से मौजूद होती है एवं वसा पेट की आंतों के लिए ठीक नहीं होता है जिस वजह से टाइफाइड होने पर इन सभी प्रकार के फूड ड्रिंक से परहेज करना चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

ऊपर दिए गए लेख में हम नहीं है जाना कि टाइफाइड क्या होता है । यह किन कारणों से होता है । इसके लक्षण क्या है । वह टाइफाइड बीमारी से बचने के क्या-क्या उपाय हैं जो हमें ध्यान में रखनी चाहिए ।

ऊपर दिए गए लेख के अनुसार आप टाइफाइड को भलीभांति जान सकते हैं और इसका तुरंत ही निदान कर सकते हैं । यदि किसी व्यक्ति को लक्षण दिखाई देते हैं तो हम यह सलाह देंगे कि तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें वह नियमित जांच करवाएं ।

इन दवाओं के बारे में भी ज्ञान अवश्य प्राप्त करें।

टाइफाइड की पुष्टि होने पर डॉक्टर ही आपको सही दवा की सलाह देंगे वह आपको बताएंगे कि आपको क्या प्रेरणा है और बीमारी से ठीक होने के उपाय ।

हालांकि हमने पूरी जानकारी ऊपर सांझा की है जिसके द्वारा आप टाइफाइड के बारे में सब कुछ पता लगा सकते हैं। यदि कहीं पर आपको कुछ संदेह होता है या आपको लगता है की जानकारी कहीं पर अधूरी रह गई है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं ।

नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आप अपना सवाल दर्ज कर सकते हैं जिससे हमारे एक्सपर्ट आपको यह सलाह देंगे कि आपको क्या करना है ।

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13 comments

Deepak Dhiman जुलाई 28, 2023 - 10:02 पूर्वाह्न

टाइफाइड बहुत ही खतरनाक संक्रमण है जो इंसान के फेफड़ों पर आक्रमण करता है और उनको क्षतिग्रस्त कर देता है इस संक्रमण के अंतर्गत हमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए हमें जल्द से जल्द चिकित्सक सलाह लेनी चाहिए और इसके साथ घरेलू नुस्खों के बारे में भी सोचना चाहिए और उनका उपयोग करना चाहिए जैसा कि आपने अपने विज्ञापन में बताया है कि हम 4 से 5 लॉन्ग का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं तो यह बहुत लाभकारी है और इसके साथ हमें गिलोय की बेल और पपीते के पत्तों का भी काढ़ा बनाकर उनका सेवन करना चाहिए। ‌

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Amit kumar जुलाई 29, 2023 - 10:01 पूर्वाह्न

टाइफाइड एक बहुत ही खतरनाक वह जानलेवा वायरस है इस वायरस से हमें हमारा बचाओ हमेशा करना चाहिए और आपने टाइफाइड के बारे में जो भी लिखा है वह बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियां हैं आपके द्वारा दी गई जानकारियों से हमको टाइफाइड जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने की प्रेरणा मिलती है इसके लिए आपका धन्यवाद करना चाहेंगे और आगे भविष्य में आप हमें ऐसे ही जानकारियां देते रहें इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे धन्यवाद

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Ansh अगस्त 3, 2023 - 7:05 अपराह्न

टाइफाइड के बारे में हमने यहां पर जो भी जानकारियां प्राप्त की है वह बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी लगी हैं क्योंकि टाइफाइड बीमारी हमारे समाज में बहुत ही ज्यादा दूषित वातावरण अथवा दूषित भोजन दूषित पानी की वजह से पनपती है और आपकी यह जानकारी हमें हर व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए ताकि समाज में हर व्यक्ति को इसके बारे में पता हो और वह सभी सावधानियों का ध्यान में रखते हुए ऐसी बीमारियों से बच के रहे आशा करते हैं आपका यह विज्ञापन हर व्यक्ति तक पहुंचे।

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Manveer अगस्त 10, 2023 - 5:03 अपराह्न

हमें टाइफाइड जैसी भयानक बीमारी से बचने के लिए अपने चल रही जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता है हमें अपने जीवन में अपने आसपास के वातावरण को साफ एवं सुरक्षित रखने की जरूरत है यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो टाइफाइड जैसी अनेकों बीमारियों के शिकार जल्द ही हो जाएंगे और हमारा जीवन खतरे में पड़ जाएगा।

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Sandeep अगस्त 19, 2023 - 4:08 अपराह्न

टाइफाइड एक बहुत ही भयानक बीमारी है इस बीमारी के अंतर्गत हमारे शरीर की सारी ऊर्जा नष्ट हो जाती है और शरीर के बीमारियों के विरुद्ध लड़ने की क्षमता भी खत्म हो जाती है शरीर पूरी तरह से असमर्थ हो जाता है चलने फिरने में भी टाइफाइड जैसी बीमारियों में जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए और सावधानीपूर्वक इलाज करवाना चाहिए।

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Tomar सितम्बर 8, 2023 - 4:18 अपराह्न

टाइफाइड बीमारी से बचने के लिए क्या हम बकरी के दूध का सेवन कर सकते हैं क्योंकि टाइफाइड बीमारी में शरीर की प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाती हैं जिससे व्यक्ति चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है इस अवस्था में बकरी का दूध पीने से प्लेटलेट्स को बढ़ावा मिलता है इस बारे में हमारे साथ चर्चा करें और हमें बताएं कि क्या हमारा यह कथन सही है या गलत ??

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Mr.Kushal Sharma सितम्बर 28, 2023 - 3:45 अपराह्न

टाइफाइड एक बहुत ही भयानक बीमारी है यदि टाइफाइड का सही समय पर चिकित्सक इलाज न किया जाए तो टाइफाइड जानलेवा हो सकता है टाइफाइड के मरीज को किसी सावधानी पूर्वक अपना इलाज करवाना चाहिए और टाइफाइड में परहेज होते हैं उनका पालन करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द मरीज इस भयानक जानलेवा बीमारी से मुक्त हो सके मुझे भी टाइफाइड हुआ था मैंने भी बहुत ही सावधानी पूर्वक अपना इलाज करवाया था और साथ-साथ मैंने घरेलू उपचारों का भी इस्तेमाल किया था जिसकी वजह से मैं बहुत ही जल्द ठीक हो गया था घरेलू उपचारों में जैसे की गिलोय की बेल का रस पपीता के पत्तों का रस लौंग इलायची आदि इन सभी को एक साथ उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से बहुत ही आराम मिलता है और जल्द ही टाइफाइड जैसी भयानक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है मैं यहां पर अपना अनुभव टाइफाइड बीमारी को लेकर शेयर किया है आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगे और आपको इससे सहायता मिल सके धन्यवाद।

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Deepak अक्टूबर 6, 2023 - 3:46 अपराह्न

टाइफाइड क्या है: कारण, लक्षण (Symptoms in Hindi), परहेज व् उपचार के बारे में हमने यहां पर अच्छी जानकारियां प्राप्त की हैं मैं भी कुछ दिनों से टाइफाइड जैसी भयानक बीमारी से जूझ रहा था पर अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैंने बहुत ही ध्यान पूर्वक चिकित्सा करवाई है टाइफाइड में मुझे मौसमी के जूस का सख्त परहेज दिया गया था ऐसा कहा जाता है कि मौसमी के जूस से प्लेटलेट्स और भी ज्यादा कम होती हैं मौसमी का जूस टाइफाइड बीमारी में हानिकारक होता है आपकी इस तथ्य को लेकर क्या राय है ??

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Riyan अक्टूबर 6, 2023 - 3:48 अपराह्न

टाइफाइड के चलते कुछ परहेज होते हैं जिनके बारे में हमारे बुजुर्गों ने हमें बताया है इसमें से एक यह भी है कि टाइफाइड बीमारी में मरीज के पास सब्जी में तड़का नहीं लगना चाहिए मुझे इसके पीछे की साइंस समझ नहीं आई है यदि आपको इसके बारे में कुछ नॉलेज है तो मुझे बताएं और मेरी दुविधा खत्म करें।

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Bablu अक्टूबर 6, 2023 - 3:49 अपराह्न

टाइफाइड क्या है: कारण, लक्षण (Symptoms in Hindi), परहेज व् उपचार में हमने जाना है कि इस खतरनाक बीमारी का इलाज सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए अन्यथा जान का खतरा भी हो सकता है अपने यहां पर इससे जुड़े कुछ उपचारों के बारे में बताया है वह काफी प्रशंसनी है हम आपके द्वारा दी हुई इस जानकारी की सराहना करते हैं धन्यवाद

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Raju अक्टूबर 21, 2023 - 7:30 अपराह्न

टाइफाइड जैसी भयानक तथा जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए क्या हम घरेलू उपाय जैसे की गिलोय की बेलपत्र के पेट लौंग इलायची दालचीनी आदि को मिलाकर गाढ़ा बनाएं और उसका सेवन दिन में दो से तीन बार करें तो क्या टाइफाइड जैसी बीमारी से मुक्त हो सकते हैं अथवा नहीं ?

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Tanuj नवम्बर 17, 2023 - 7:11 अपराह्न

टाइफाइड एक बहुत ही भयानक तथा जानलेवा बीमारी है यदि सही समय पर इसका उचित इलाज न किया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है इस बीमारी में व्यक्ति को जल्द से जल्द चिकित्सा इलाज करवाना चाहिए और साथ ही घरेलू उपचार जैसे की गिलोय की बेल पपीता के पत्ते लॉन्ग व इलायची आदि मिलाकर काढ़ा बनाएं और नियमित रूप से इस कार्य का सेवन करते रहे ताकि शरीर का इम्यून सिस्टम स्ट्रांग रहे और टाइफाइड जैसी भयानक बीमारी से लड़ने की क्षमता बनी रहे।

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Ahaan दिसम्बर 13, 2023 - 4:33 अपराह्न

क्या टाइफाइड जैसी भयानक बीमारी का घर पर रहकर इलाज कर पाना संभव है या नहीं ?

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