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शीतपित्त का घरेलू उपचार वात रोग में क्या खाना चाहिए वात रोग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

आज का यह लेख आपको वात रोग और शीत पित्त के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। इस लेख में आप यह जान पाएंगे कि यह क्या है? साथ ही आप यह भी जान पाएंगे कि इसके एलोपैथिक और आयुर्वेदिक उपचार क्या है? आप इसके लक्षणों के साथ ही इसकी पहचान के बारे में भी जान पाएंगे। तो आइए शुरूआत करते हैं आज के इस लेख की।

वात रोग क्या है? (What is gout?)

वात रोग क्या है

इसके साथ-साथ आप यहां पर त्रिफला चूर्ण के फायदा के बारे में हिंदी में विभिन्न प्रकार की आवश्यक जानकारियां हासिल कर सकते हैं।

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ता है। जोड़ों के दर्द के साथ ही वात रोग से ग्रसित व्यक्ति को गैस की समस्या भी बनी रहती है। यह शब्द वायु और आकाश को मिलाकर बनाया गया है। यह रोग सर्दी के मौसम में बहुत अधिक बढ़ जाता है। 

वात रोग की एलोपैथिक दवा कौनसी है? (Which is the allopathic medicine for gout?)

वात रोग की एलोपैथिक दवा के बारे में तो आपको डॉक्टर ही सही प्रकार से बता सकते हैं। लेकिन यहां पर हम आपको कुछ आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वात रोग की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं। 

वात रोग की एलोपैथिक दवा कौनसी है

यह भी पढ़ें: करेला के फायदे और नुकसान

  • सोया, दूध, मूंग की दाल और राजमा खाना चाहिए।
  • शकरकंदी, पालक, खीरा, चुकंदर और गाजर को अपनी नियमित डाइट में शामिल करना चाहिए।
  • गाय का दूध, पनीर, छाछ और मक्खन का उपयोग करें।
  • तेल, घी और बहुत अधिक फैट वाली चीजों का सेवन करें।
  • अदरक, लहसुन गुड, तिल और गेहूं से बने हुए खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करें।
  • सूखे मेवों को घी में भूनकर खाएं।

वात पित्त कफ की पहचान कैसे करें? (How to identify Vaat Pitt Kapha?)

वात पित्त कफ की पहचान कैसे करें

नोट – मेथी दाना के फायदे और नुकसानके बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।

आईए जानते हैं कि वात पित्त कफ की पहचान कैसे कर सकते हैं। 

  • व्यक्ति को बहुत अधिक गुस्सा आना।
  • सीने पर जलन होना।
  • बहुत अधिक मुंहासे निकालना
  • व्यक्ति के शरीर में सूजन होना
  • स्किन पर रैशेज हो रहे हो तो
  • हॉट फ्लैशेस की समस्या हो रही हो तो
  • खट्टी डकारें आ रही हो तो
  • मितली आ रही हो तो

शीतपित्त का घरेलू उपचार (Home remedies for sheetpitt)

शीतपित्त का घरेलू उपचार

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कुछ ऐसे तरीके भी है जिनके माध्यम से शीतपित्त का घरेलू उपचार भी किया जा सकता है। तो आइए जानते है शीतपित्त के घरेलू उपचार के बारे में।

  • हल्दी का उपयोग कर सकते है।
  • आंवलें का उपयोग भी कर सकते है।
  • नीम का इस्तेमाल कर रहे है।
  • क्योंकि ये सभी चीजें एलर्जिक रिएक्शन को कम करने में मदद करती है। 
  • इन सभी चीजों के इस्तेमाल के अलावा आप गरम पानी से भी नहा सकते है। 
  • नहाने के बाद आप नारियल और सरसों के तेल का उपयोग कर सकते है।

शीत का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment of sheet)

संतुलित आहार को शीत का एक आयुर्वेदिक उपचार कहा जा सकता है। आइए इसी उपचार के बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं। नीचे जो खाद्य पदार्थ हम बताने जा रहे हैं उन्हें शीत से ग्रसित मरीज को नहीं खाने चाहिए।

  • पीने के ऐसे पदार्थ जो कि ठंडे होते हैं उनका सेवन बहुत कम करना चाहिए।
  • दूध या फिर दूध से बने हुए पदार्थ का सेवन कम करना चाहिए।
  • बहुत अधिक मसाले वाली चीज भी नहीं खानी चाहिए।
  • तली भुनी चीजों से भी विशेष प्रकार का परहेज करना चाहिए।
  • चीनी मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • प्रोसैस्ड फूड से भी दूरी बनाकर रहना चाहिए।
  • खट्टे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मांसाहारी भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

शीत से छुटकारा पाएं इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर (Get rid of sheet pitt by eating these foods)

शीत से छुटकारा पाएं इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर

यदि आप गैस की समस्या से परेशान हैं और जानना चाहते हैं पेट में गैस के लक्षण के बारे में दिए हुए लिंक पर क्लिक करें और जानिए विस्तार सहित पूरी जानकारी।

अब जब हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में जान चुके हैं जिनका सेवन शीत के दौरान नहीं करना चाहिए तो हमारे लिए यह जरूरी हो जाता है कि हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानें जिनका सेवन हमें शीत के दौरान करना चाहिए।

  • आंवले का सेवन शीत के दौरान किया जा सकता है लेकिन आंवले के अचार का सेवन शीत पित्त के दौरान नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह खट्टा होता है और ऊपर हमने आपको खट्टा खाने से मना किया है इसीलिए आप आंवले का मुरब्बा या फिर कच्चे आंवले का सेवन कर सकते हैं। 
  • यदि आप नीम के माध्यम से इसका निपटान करना चाह रहे हैं तो आपको नीम के पत्तों को नींबू और अदरक वाली चाय में डालकर पीना होगा। 
  • गिलोय का नियमित रूप से सेवन भी शीत पित्त के आयुर्वेदिक उपचार में शामिल है।
  • रोजाना हल्दी का सेवन भी शीत पित्त के आयुर्वेदिक उपचार में आता है।

आप यहां पर दिए हुए इन सभी विषयों के बारे में आवश्यक जानकारियां हासिल कर सकते हैं।

निष्कर्ष – (Conclusion)

इस लेख के माध्यम से हमने आपको यह बताया कि वात रोग में क्या खाना चाहिए। लेकिन हमारा आशय यह नहीं है कि इन चीजों को खाने से आपको यह रोग नहीं होगा या फिर बिल्कुल ठीक हो जाएगा यह मात्र एक स्थिरता बनाए रखने के लिए है। हम आशा करते है कि आपको पता चल गया होगा कि वात रोग की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है।

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