आज का यह लेख महिलाओं के बारे में होने जा रहा है। क्योंकि इस लेख में हम आपको महिलाओं के भीतर पाए जाने वाली एक समस्या के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। लेबिअल हाइपरट्रॉफी महिलाओं की समस्या होती है। आज के इस लेख में हम आपको इसके लक्षण, कारण, इलाज और सभी जानकारी देने का प्रयास करने जा रहे हैं।
लेबिअल हाइपरट्रॉफी क्या होती है और लक्षण
सबसे पहले यह जानना बहुत ज्यादा आवश्यक है कि आखिर लेबिअल हाइपरट्रॉफी क्या होती हैं? और आपके शरीर में इसके क्या-क्या लक्षण देखने को मिल सकते हैं तो आइए नीचे इन दोनों दोनों के ही बारे में विस्तार से जानते हैं।
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लेबिअल हाइपरट्रॉफी क्या होती है?
आइए पहले यह जानते हैं कि यह समस्या क्या होती है।
* यह एक ऐसी स्थिति होती है जो की महिलाओं में पाई जाती है और इस दौरान महिला के योनि के होठे असाधारण रूप से मोटे और चौड़े होने शुरू हो जाते हैं। आमतौर पर इन्हें लेबिया के नाम से जाना जाता है। आजकल महिलाओं में यह समस्या बहुत ज्यादा पाई जाने लगी है।
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लेबिअल हाइपरट्रॉफी के लक्षण
नीचे हम इसके सभी लक्षणों के बारे में जानने का प्रयास करेंगे।
* सेक्स में परेशानी: यदि महिलाओं में यह समस्या होगी तो उन्हें सेक्स संबंध बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा यदि आपको भी और संबंधों के दौरान परेशानी हो रही है तो यह इस समस्या का एक लक्षण हो सकता हैं।
* शारीरिक गतिविधियों में परेशानी होना: इस समस्या के दौरान महिला को शारीरिक गतिविधियों में परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।
* दर्द की परेशानी: यदि आपको यह समस्या होती है तो आप कोई योनि में दर्द का एहसास होता है।
* असहजता महसूस होना: योनि में असहजता होना इस समस्या के लक्षणों का हिस्सा है।
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* योनि के होठ बड़े हो जाना: इस प्रकार की समस्या में आपके योनि के होठ बड़े होने लग जाते है। यदि आपकी योनि के होठ बड़े हो रहे है तो आप को जांच करवा लेनी चाहिए।
* योनि के होठों का मोटा हो जाना: यदि आपकी योनि के होठ असाधारण रूप से मोटे होते जा रहे हैं तो आपको तुरंत जांच करवा लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह इस बीमारी का एक लक्षण हो सकता है।
लेबिअल हाइपरट्रॉफी के उपचार
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है दरअसल लेबिअल हाइपरट्रॉफी का इलाज संभव होता है। नीचे हम आपको इसके सभी संभावित उपचारों के बारे में बता रहे हैं।
* लेजर थेरेपी करवाएं: यदि आप इस बीमारी का सरल और सटीक उपाय चाह रहे हैं तो आप लेजर थेरेपी का सहारा ले सकते हैं। बहुत से लोग इसकी मदद ले रहे हैं और यह काफी कारगर उपचार साबित है।
* हार्मोनल थेरेपी हैं फायदेमंद: हार्मोनल थेरेपी का इस्तेमाल कर भी इस तरह की समस्याओं से राहत पाए जा सकती है। यह इसका एक काफी अच्छा उपचार माना जाता है।
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* सर्जरी का सहारा ले: यदि आप चाहे तो आप सर्जरी का सहारा लेकर भी इस तरह की समस्याओं का इलाज कर सकते हैं।
* होम्योपैथिक इलाज भी है संभव: यदि आप चाहे तो इस समस्या के लिए होम्योपैथिक इलाज भी चुन सकते हैं। होम्योपैथिक इलाज भी इसका कारगर उपाय माना जाता है।
लेबिअल हाइपरट्रॉफी के इलाज की जानकारी
यदि कोई भी महिला इस समस्या से जूझ रही है और वह यह जानना चाहती है कि इसका इलाज किस प्रकार से किया जाए। तो नीचे हम आपको इसके इलाज की जानकारी देने जा रहे हैं।
* हार्मोनल क्रीम फायदेमंद: हार्मोनल क्रीम को इस प्रकार की समस्या का एक इलाज माना जाता है। आप जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकती है।
* रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली सर्जरी: आज कल यह सर्जरी बहुत ज्यादा प्रचलन में है ऐसे में यदि आप चाहे तो रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली सर्जरी करवा कर इस समस्या से राहत पा सकती हैं।
* लेबिया की सर्जरी करवाएं: यदि आप चाहे तो सर्जरी की मदद से भी इस समस्या का अंत कर सकते हैं। सर्जरी इस समस्या का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है।
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* हार्मोनल गोलियां है इलाज: यदि आपकी यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ी नहीं है तो आप हार्मोनल गोलियों का सहारा ले सकते हैं और अपना इलाज कर सकते हैं।
* हार्मोनल इंजेक्शन का इस्तेमाल करें: हार्मोनल इंजेक्शन की मदद से भी आप इस प्रकार की समस्या से हमेशा के लिए राहत पा सकते हैं।
लेबिअल हाइपरट्रॉफी की पहचान करने के तरीके
यदि आप चाहते हैं कि आप इस तरह की समस्या से बच रहे तो आपके लिए ज्यादा आवश्यक है कि आपको इसकी पहचान करना आता हो। यही कारण है कि हम आपको इसकी पहचान के तरीके बता रहे हैं। जिससे कि आप इसे शुरुआती स्टेज में ही पड़ सकती हैं।
* हार्मोनल टेस्ट की मदद से: यदि आप चाहे तो हार्मोनल टेस्ट की मदद से इस समस्या का अंदाजा लगा सकते हैं। यह इसके आकार और स्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों का पता लगा देता है।
* बायोप्सी के द्वारा: बायोप्सी की मदद से भी इसकी पहचान की जा सकती है। यह आपके ऊतकों का मूल्यांकन करने में आपकी मदद कर सकता है।
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* एमआरआई की मदद से: एमआरआई की मदद से भी इसके लक्षणों की पहचान की जा सकती है। यह इसका पता लगाने का बहुत ही फायदेमंद और आसान तरीका है इससे आपको सटीक जांच देखने को मिलती है।
* अल्ट्रासाउंड करवाएं: यदि आप चाहे तो अल्ट्रासाउंड भी करवा सकते है। अल्ट्रासाउंड की मदद से भी इसके बारे में पता चल जाता है और यह इसकी जांच का फायदेमंद तरीका माना जाता है।
लेबिअल हाइपरट्रॉफी के बारे में हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख आपको कैसा लगा यह आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं। यदि इस लेख से जुड़े हुए कोई भी सुझाव आप हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो वह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते है। लेकिन हम आपको यह सलाह देना चाहेंगे कि इस लेख को चिकित्सीय सलाह न माना जाए और यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आपको पहले किसी अच्छे विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।