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विटामिन डी के मुख्य स्रोत: किन चीजों का करें सेवन किनका करें बहिष्कार

by Anjita Yadav

व्यक्ति के शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए विभिन्न प्रकार के विटामिन की जरूरत होती है। इन्हीं में से एक विटामिन डी भी है जो व्यक्ति की शरीर को ठीक से कार्य करने में मदद करता है।

मानव शरीर के लिए विटामिन डी बहुत ज्यादा आवश्यक होता है क्योंकि यह एक ऐसा विटामिन है जो की वसा में खुल जाता है। आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि विटामिन डी का स्तर बनाए रखने के लिए आपको किस-किस चीज का सेवन करना चाहिए और इसकी खुराक क्या है।

विटामिन डी के स्रोत क्या है? – (What is the source of Vitamin D)

मुख्य रूप से विटामिन डी के तीन स्रोत बाजार में उपलब्ध है। नीचे हम आपको इन सभी के बारे में एक-एक कर बताएंगे।

Vitamin D ke strott

  • विटामिन डी से भरपूर फलों और सब्ज़ियों का सेवन: ऐसे बहुत से फल और सब्जी है जिनमें विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है। जैसे कि आप मशरूम का सेवन कर सकते हैं या फिर संतरे के रस में भी विटामिन डी की काफी मात्रा पाई जाती है। 
  • विटामिन डी के अन्य पूरक: बाजार में विटामिन डी के और भी बहुत से पूरक मौजूद है। जिनमें की टेबलेट, कैप्सूल और यहां तक की लिक्विड भी शामिल है। क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनकी विटामिन डी की जरूरत मात्र फल और सब्जियों के साथ सूर्य की किरणों से भी पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे लोग बाजार में मिलने वाली टेबलेट और कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल जरूर से ज्यादा मात्रा में ना करें।
  • सूर्य की किरण: सूर्य की करने को हमेशा से ही विटामिन डी का एक बहुत अच्छा स्रोत माना जाता रहा है। क्योंकि जब व्यक्ति की त्वचा सूर्य की किरणों के संपर्क में आती है तो वह काफी मात्रा में विटामिन डी को अपने अंदर अवशोषित कर लेती है। लेकिन इसका इस्तेमाल भी ज्यादा नहीं करना चाहिए। आपका दिन में 20 से 25 मिनट धूप ले लेना विटामिन डी की मात्रा को पूरा करने के लिए काफी है। 

विटामिन डी की पूर्ति के लिए क्या खाना चाहिए? – (What should be eaten to get Vitamin D)

ऊपर हमने आपको यह तो बता दिया है कि कुछ खाद्य पदार्थों को खाकर विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है। लेकिन नीचे हम आपको कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताएंगे जिनके इस्तेमाल को विटामिन डी की पूर्ति कीजिए बहुत अच्छा माना जाता है।

Vitamin D ki poorti ke liye kya khayen

  • मांस और अंडे की जर्दी को विटामिन डी की पूर्ति का एक बहुत ही अच्छा स्रोत माना जाता है लेकिन मांसाहारी लोग ही इस तरीके से विटामिन डी को प्राप्त कर सकते हैं। इसीलिए बहुत से खाद्य पदार्थ हम ऐसे बताएंगे जो की शाकाहारियों के द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकते हैं। 
  • इसके अलावा आप यदि नियमित रूप से संतरे और झींगा का इस्तेमाल करते हैं तो आपको निश्चित रूप से विटामिन डी की कमी नहीं होगी। संतरे के अलावा और भी खट्टे खाद्य पदार्थों से विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है जैसे कि नींबू, माल्टा आदि।
  • फोर्टीफाइड दही और फोर्टीफाइड दलिया भी विटामिन डी की पूर्ति के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। 
  • सार्दिन के सेवन से भी विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है।
  • हिलसा को भी विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।

विटामिन डी की जरूरत क्यों होती है? – (Why is Vitamin D Needed)

मनुष्य के शरीर को बहुत से विटामिन की जरूरत होती है ऐसे में यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपको विटामिन डी की जरूरत क्यों होती है तो नीचे हम आपको इसका कारण बताने जा रहे हैं। 

Vitamin D ki jaroorat kyu hai

  • विटामिन डी की पूर्ति से व्यक्ति की हड्डी मजबूत रहती है क्योंकि यह आपके द्वारा खाए जाने वाले पदार्थ को कैल्शियम में परिवर्तित कर देता है जिससे कि व्यक्ति की हड्डियां बहुत ज्यादा मजबूत रहती है। 
  • इतना ही नहीं यह आपके खून में मौजूद कैल्शियम की मात्रा को भी नियंत्रण में रखने का कार्य करता है। 
  • तंत्रिका तंत्र, हार्मोन और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुचारू रूप से संचालित करने का कार्य करता है।

मानव शरीर को कितने विटामिन डी की आवश्यकता होती है? – (How much vitamin D does the human body Need)

यहां पर सबसे जरूरी प्रश्न यहीं उठता हैं कि आखिर एक व्यक्ति के शरीर को कितनी मात्रा में विटामिन डी की आवश्यकता होती है जिससे कि वह बिना किसी दिक्कत के ठीक रूप से कार्य कर सके। नीचे हम आपकी उम्र के हिसाब से प्रति व्यक्ति की विटामिन डी की आवश्यकता के बारे में बताएंगे।

Manav Shareer me Kitne Vitamin d ki avshyakta hoti hai

  • 1 वर्ष की आयु के बच्चे से लेकर वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन  10 माइक्रोग्राम विटामिन डी लेना चाहिए। बता दे कि यहां पर हम गर्भवती महिला में विटामिन डी की कमी के कारण होने वाले रोगों की बात भी कर रहे हैं उन्हें भी इतनी मात्रा में विटामिन डी की मात्रा का सेवन करना चाहिए। 
  • 8.5 से 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी की मात्रा 1 वर्ष से कम के बच्चों के लिए ठीक होती है। 
  • 71 की उम्र से ज्यादा के व्यक्तियों को 20 एमसीजी यानी की 800 आईईयू विटामिन डी की जरूरत होती है।

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शाकाहारी लोग विटामिन डी की मात्रा किस प्रकार ले सकते हैं? – (How can vegetarians take Vitamin D)

इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि जो व्यक्ति मांस नहीं खाता है उसके लिए विटामिन डी की पूर्ति करना थोड़ा ज्यादा मुश्किल हो सकता है। क्योंकि यदि बात विटामिन डी ग्रहण करने की हो तो इसमें पशु पर आधारित खाद्य पदार्थ ही सबसे ज्यादा अच्छे रहते हैं।

Shakahaari log kis prakar vitamin d ki matra prapt kar sakte hai

  • मशरूम: हम पहले भी बता चुके हैं कि विटामिन डी मशरूम में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जब वह सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आता है तो उसमें विटामिन डी और ज्यादा बढ़ जाता है यही कारण है कि विटामिन डी की पूर्ति के लिए मशरूम का सेवन करने की सलाह दी जाती है
  • गरिष्ठ टोफू: यदि आप इस टोफू का इस्तेमाल करते हैं तो आप विटामिन डी की मात्रा ग्रहण कर सकते हैं हालांकि यह कुछ ब्रांड ही प्रदान करते है। 

ऐसा दूध जो कि पेड़ों के माध्यम से प्राप्त होता है या पेड़ों पर लगे पदार्थों के माध्यम से प्राप्त होता है विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत साबित हो सकता है। उदाहरण के लिए आप बादाम वाले दूध या फिर ओट्स वाले दूध या फिर सोया दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

विटामिन डी को सप्ताह में एक बार लेना चाहिए या फिर रोज लेना चाहिए? – (Vitamin D Should be Taken once a Week or Daily)

कुछ लोगों के मन में अक्सर यह प्रश्न रहता है कि क्या उनका रोज विटामिन डी लेना सही रहेगा या फिर उन्हें सप्ताह में एक बार ही ऐसा करना चाहिए तो हम आपको बता दें कि इस बात का जवाब व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है कि वह कितनी बार विटामिन डी ले। 

Vitamin d ko 1 hafte me kitni bar lena chahiye

वहीं दूसरी ओर यह यदि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानी जाए तो उनका कहना है कि यदि आप अपने शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का स्तर बनाए रखना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए। 

वैसे विटामिन डी का सेवन करना दोनों ही स्थिति में फायदेमंद साबित होता है। फिर चाहे आप सप्ताह में एक बार करें या फिर इसका सेवन रोज करें लेकिन जो व्यक्ति सप्ताह में इसका सेवन एक बार अधिक मात्रा में कर लेता  है।

उसके लिए इसे रोज-रोज ग्रहण करने का झंझट खत्म हो जाता है यह खासतौर से ऐसे व्यक्तियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो कि रोज-रोज इसे लेना भूल जाते हैं दोनों ही तरीके से विटामिन डी का सेवन उतना ही फायदा पहुंचाएगा।

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विटामिन डी के सबसे अच्छे अनुपूरक क्या है? – (What is the best vitamin D supplement)

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि बाजार में विटामिन डी के बहुत से  अनुपूरक मौजूद हैं। हम नीचे आपको दो प्रकार की विटामिन डी की खुराक के बारे में बताएंगे। 

vitamin D ke sabse ache anupoorak

  • पहली खुराक एग्रोकैलसीफ्रोल होती है जो कि विटामिन डी2 प्रदान करने का कार्य करती है।
  • दूसरी खुराक कोलेकलसीफेरोल होती है जो कि विटामिन डी 3 प्रदान करने का कार्य करती है।  

याद रहे जब भी आप विटामिन डी के किसी अनुपूरक का चयन कर रहे हो तो आपको यह ध्यान देना है कि वह किसी मान्यता प्राप्त ऑर्गनाइजेशन द्वारा तैयार किया गया हो और उसमें इस्तेमाल होने वाले पदार्थों के बारे में ठीक से जान लीजिए वह आपके लिए नुकसानदायक साबित नहीं होने चाहिए।

सूर्य की किरणों द्वारा विटामिन डी कब लेना चाहिए? – (When Should Vitamin D be Taken From Sunlight)

हम पहले भी बता चुके हैं कि सूर्य की किरणें विटामिन डी का एक बहुत अच्छा तरीका साबित होती है क्योंकि यह नेचुरल तरीका होता है और इसका कोई साइड इफेक्ट होने की संभावना नहीं रहती है और जब हमारी त्वचा सूर्य की किरणों से संपर्क में आती है तो वह प्रकाश को अच्छी तरह से संश्लेषित कर लेती है। 

Surya ki kirano se vitamin d kab lena chahiye

हालांकि कुछ लोगों को यह डर रहता है कि यदि वह ज्यादा देर तक धूप में बैठेंगे तो उन्हें पिंपल्स हो जाएंगे। साथ ही उनकी त्वचा का रंग भी काला पड़ना शुरू हो जाएगा। इसीलिए हम आपको बताएंगे कि सूर्य के किरणों के द्वारा विटामिन डी लेना कब सही होता है। 

यदि आप भारत के निवासी हैं और सूर्य की किरणों के माध्यम से विटामिन डी लेना चाह रहे हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा समय या तो सुबह को 10 से 12:00 के बीच का होता है या फिर दोपहर को 3 से 5 बजे का समय बहुत अच्छा माना जाता है। 

विटामिन डी के नुकसान क्या है? – (What are the Disadvantages of Vitamin D)

अब तक हम आपको यह बता रहे हैं कि विटामिन डी आपके शरीर के लिए किस प्रकार से जरूरी है और आपको इसे लेने से कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं। लेकिन नीचे हम आपको यह बताएंगे कि विटामिन डी को लेने से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।

Vitamin D ke nuksaan

  • यदि अधिक मात्रा में विटामिन डी का सेवन कर लिया जाए तो आपको कब्ज या दस्त की समस्या भी हो सकती हैं। 
  • कुछ लोगों को ज्यादा मात्रा में विटामिन डी लेने से सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। 
  • बहुत से मामलों में विटामिन डी हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता हैं।
  • जब व्यक्ति विटामिन डी का सेवन करना शुरू करता है तो उसके शरीर में कैल्शियम बनने लग जाता है जो कि उल्टी और मितली जैसी स्थिति को जन्म दे देता है। इसीलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इतना ही नहीं जब विटामिन डी के कारण शरीर में कैल्शियम बढ़ जाता है तो व्यक्ति को भूख लगनी भी कम हो जाती है।
  • हो सकता है कि इसका सेवन करने के बाद कुछ लोगों को किडनी की समस्या हो जाए इसके अलावा कुछ लोगों को किडनी में पथरी की समस्या भी देखी गई है। इसका सेवन करने से किडनी फेल होने की समस्या भी देखी  गई हैं।
  • ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
  • ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति को विटामिन डी के सेवन से शरीर में दर्द रहना शुरू हो जाता है।
  • यदि मानव शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो उसके बाल भी झड़ने लगते हैं जी हां विटामिन डी की कमी बाल झड़ने का कारण भी बन सकती है। 

मानव शरीर में विटामिन डी की कमी क्यों होती है? – (Why is there deficiency of Vitamin D in human body)

यह जानना भी बहुत ज्यादा जरूरी है कि आखिर विटामिन डी की कमी होने के कारण क्या है जिससे कि आप कारणों को ही खत्म कर दें।

Vitamin d ki kami shareer me kyo hoti hai

  • मोटापा भी विटामिन डी की कमी का एक कारण है क्योंकि जब शरीर में ज्यादा वसा जमा हो जाता है तो आपका विटामिन डी अवशोषित नहीं हो पाता। 
  • जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे मनुष्य की स्किन विटामिन डी को अवशोषित नहीं कर पाती है। इसीलिए बड़े बुजुर्गों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपना अधिकतर समय घर के भीतर ही बताएं और सूर्य की किरणों से दूर रहे।

निष्कर्ष – (Conclusion)

आशा करते हैं कि हमने विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने के लिए जो तरीके बताए हैं उनसे आपको काफी मदद मिलेगी और आपका शरीर सुचारू रूप से कार्य करेगा। इसके अलावा हमने आपको विटामिन डी से संबंधित और भी बहुत ही जानकारी देने का प्रयास किया है।

हमें पूर्ण आशा है कि आपको वह जानकारी पसंद आई होगी लेकिन हम आपको यह सलाह देना चाहेंगे कि हमारे लिखे गए इस लेख को चिकित्सीय सलाह न माना जाएं।

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