जिस व्यक्ति को ओसीडी की समस्या होती है उसे सदैव भी एक प्रकार की चिंता खाएं जाती है। जैसे कि भविष्य में क्या होगा? तनाव यह सब उसके लिए बहुत सामान्य सी बात होती है। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि आप ओसीडी के चक्र को कैसे तोड़े? क्योंकि इसे तोड़ना बहुत ज्यादा जरूरी है।
ओसीडी के चक्र से बाहर आने का तरीका
बहुत से मामलों में ओसीडी एक गंभीर समस्या साबित हो सकती है। इसीलिए जरूरी है कि समय रहते ओसीडी के चक्र को तोड़ा जाए।
ओसीडी के चक्र को तोड़ने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप इसके कुछ स्तरों को समझने का प्रयास करें।
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* यह ओसीडी सबसे खतरनाक स्तर होता है जब आपको ऐसा महसूस होने लगता है कि आप आसपास के लोगों से अलग है और उनसे दूर है या फिर आप को बहुत ज्यादा चिंता होने लगती है। आपकी सांस होने लगती है आपका दिल घबराने लगता है। कई मामलों में तो व्यक्ति को बिना किसी कारण के रोना तक आ जाता है। यदि आपके साथ भी यह हो रहा है तो यह ओसीडी का खतरनाक स्तर है।
इसके लिए आपके लिए यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप अपने भीतर सकारात्मकता को बनाकर रखें। अभी जीवन जीना बाक़ी है अभी जीवन बहुत लंबा बचा हुआ है। जरूरी नहीं है कि हमेशा व्यक्ति को अच्छा ही महसूस हो। हो सकता है कि इस समय आपको अच्छा महसूस नहीं हो रहा हो लेकिन भविष्य में सब कुछ अच्छा महसूस होने लगे।
* जब आपको बहुत ज्यादा चिंता होने लगती है तो यह भी ओसीडी का एक खतरनाक स्तर माना जाता है। ऐसे में आपकी सोचने समझने की क्षमता ही लगभग क्षीण सी हो जाती है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो गहरी सांस लेने का प्रयास करें आपको अच्छा महसूस होने लगेगा। यदि आपको बहुत ज्यादा चिंता हो रही है तो यह भी गहरी सांस के माध्यम से ही ठीक की जा सकती है।
ओसीडी के चक्र को कैसे तोड़े?
कई मामलों में ओसीडी के चक्र को तोड़ना बहुत मुश्किल सा प्रतीत होता है या फिर यह कह सकते हैं कि इसके चक्र को तोड़ने के बारे में जानकारी एकत्रित करना ही बहुत ज्यादा मुश्किल सा प्रतीत होता है। क्योंकि इसमें हमें समझ नहीं आता कि हमें करना क्या है।
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* ओसीडी के मरीज को एक जुनून सा प्रतीत होता है यही कारण है कि वह इस जुनून के कारण वर्तमान में नहीं रह पाता है। इस दौरान आप कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहते जो आपको भविष्य में किसी कठिनाई में डाल दे या फिर आप हर ऐसी चीज से दूर रहने के बारे में सोच रहे होते हैं जो भविष्य में आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकती है।
यदि आपके साथ यही सब हो रहा है तो आपको सांस लेने का प्रयास करना चाहिए और अपनी समस्याओं को यही छोड़ देने का विचार करना चाहिए। जितना ज्यादा हो सके चिंता को सहन करने की कोशिश ना करें और जितना अधिक हो सके अपने शरीर को आराम पहुंचाने का प्रयास करें।
* ओसीडी के दौरान एक स्तर ऐसा भी आता है जब व्यक्ति को उसकी चिंता उसके शरीर में नजर आने लगती है। वह बहुत ज्यादा असहज महसूस करने लगता है। उसके मन में अनुष्ठान करने की ज्यादा से ज्यादा इच्छाएं जागृत होने लगती है। जब व्यक्ति के साथ ऐसा हो रहा होता है तो उसे अपने भीतर हो रहे बदलाव को एक्सेप्ट करने की जरूरत होती है।
उसे यह महसूस करने की आवश्यकता होती है कि उसका शरीर तनाव से गुजर रहा है ऐसे में उसे अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा आराम देना चाहिए। सबसे जरूरी बात ऐसे में व्यक्ति को अनुष्ठान में शामिल नहीं होना चाहिए और एकांत में अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।
ओसीडी के चक्र को किस प्रकार तोड़े?
ओसीडी के चक्र को। तोड़ना उतना भी कठिन नहीं है जितना लोग सोचते हैं लेकिन यह उतना ज्यादा सरल भी नहीं है।
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* ओसीडी के दौरान अकेला रहना बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इसीलिए जितना ज्यादा हो सके किसी के साथ रहने का प्रयास करें। ऐसे लोगों से मुझे प्राप्त करते हैं या फिर जो आपको बहुत ज्यादा पसंद है। आप अपने मन की बात उनसे बताएं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं।
आप अपनी भावनाओं के बारे में भी उनसे जिक्र कर सकते हैं ऐसा करने से अपने नाम आपको अच्छा लगा शुरू हो जाएगा बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको अकेला बिल्कुल भी नहीं रहना है । क्योंकि इससे आपके मन में नकारात्मक विचार आएंगे और आप अंदर ही अंदर घुटने लगेंगे जिससे आपकी समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
यहां पर हमने आपको यह बताया कि ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति को किन-किन समस्याओं का सामना करना है। इसके अलावा हमने आपको ओसीडी के चक्र को कैसे तोड़े के बारे में भी जानकारी दी है। इन तरीकों को अपना कर आप निश्चित रूप से ओसीडी के चक्र को तोड़ उससे बाहर आ सकते हैं।