ऐसा कहा जाता है कि मानव शरीर माटी का एक पुतला है और इसमें थोड़ी सी भी चोट लगती है तो इसमें काफी दर्द होता है। खासकर शरीर की कुछ हड्डियां ऐसी होती है जिन पर हमारा पूरा शरीर निर्भर होता है।
जिनमें थोड़ी सी भी चोट लगने पर मनुष्य का चलना तक दूभर हो जाता है। इसी में से एक कूल्हे की हड्डी और यदि कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाए तो इस हड्डी को जोड़ पाना काफी मुश्किल होता है।
आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि कूल्हे की हड्डी के फ्रैक्चर को आयुर्वेदिक उपचारों के माध्यम से किस प्रकार जोड़ा जा सकता है।
कूल्हे की हड्डी को आयुर्वेदिक उपचार से किस प्रकार जोड़ा जाता है?
हम पहले भी बता चुके हैं कि कूल्हा मनुष्य के शरीर का अभिन्न अंग है। कूल्हे पर ही मनुष्य की चाल ढाल निर्भर करती हैं यहां तक कि कूल्हे की हड्डी टूटी होने पर मनुष्य कपड़े भी ठीक प्रकार से नहीं पहन सकता है।
- गुग्गल काफी लाभदायक साबित हो सकता है: कॉमिफ़ोरा वेटू इसे हिंदी में लोग गुग्गल के नाम से जानते हैं हड्डियों को जोड़ने के लिए काफी असरदार माना जाता है। इसका उपयोग हड्डी टूटने पर तो किया ही जाता है साथ ही इसका उपयोग उस वक्त भी किया जाता है जब हड्डी अपने स्थान से खिसक जाती है जिससे हड्डियों की अवस्था कहते हैं। यकीनन आप इसे कूल्हे की हड्डी के फ्रैक्चर के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप इसके लिए इस्तेमाल करना चाह रहे हैं तो आपको इस का इस्तेमाल दूध के साथ करना चाहिए। यदि आपके पास त्रयोदशा गूगल मौजूद है तो आप इसका सेवन पानी के साथ भी कर सकते हैं।
- चोलाई का साग भी होगा फायदेमंद: चोलाई का साथ भी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। कूल्हे की हड्डी टूटने पर बहुत से लोग चोलाई का साग भी इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें ऐसे बहुत से गुण पाए जाते हैं जो हड्डी टूटने में सहायक साबित होते हैं। इसके लिए आपको इसे पीसकर इसका रस निकाल लेना है और चार चम्मच रस का सेवन ताजे पानी के साथ करना है।
इसके आलावा आप यहाँ पर आयुर्वेदिक उपचारों से नपुंसकता से छुटकारा पा सकते है।
कूल्हे की हड्डी टूटने पर आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद एक ऐसा माध्यम है जिससे किसी भी बीमारी का इलाज संभव है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी कोई साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिलते हैं हालांकि यह अपना असर दिखाने में थोड़ा वक्त अवश्य लगा सकता हैं।
- यदि आप चाहते हैं कि आपकी टूटी हुई हड्डी जल्दी-जल्दी ठीक हो जाए और आपको ज्यादा परेशानी का सामना भी ना करना पड़े। तो यह आहार में बदलाव के माध्यम से भी संभव है। जी हां आपको अपने भोजन में ऐसी चीज शामिल करनी चाहिए जो कि विटामिन सी और कैल्शियम से भरपूर हो क्योंकि विटामिन सी और कैल्शियम दोनों ही हड्डियों की मजबूती के लिए जाने जाते हैं। आप चिकन सूप और मास का सूप आदि का सेवन कर सकते हैं। मटन के सूप के माध्यम से भी टूटी हुई हड्डी को जोड़ना संभव है।
- आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए जो आपके शरीर में वात की मात्रा को कम कर देते हैं। इसमें उबला हुआ दूध, घी और चावल जैसी चीज शामिल है।
कूल्हे की हड्डी टूटने पर अपनाएं यह आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचारों को आज से ही नहीं बल्कि बहुत पहले से इस्तेमाल किया जाता रहा है और उनके बेहतरीन फायदे भी देखने को मिले हैं।
- अलसी का इस्तेमाल होगा बेहतरीन: अलसी एक बहुत ही आसानी से मिल जाने वाला आयुर्वेदिक पदार्थ है और इसका इस्तेमाल बहुत से रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से कूल्हे की टूटी हुई हड्डी को भी सही किया जा सकता है।
- मंजिष्ठा: इसके बारे में भी लगभग आप सभी लोग जानते होंगे यह भी एक बहुत बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार के रूप में साबित होता है। यह बाजार में आसानी से मिल जाता है आप इसके उपयोग से भी कूल्हे की टूटी हुई हड्डी को ठीक कर सकते हैं।
- लाल चंदन: लाल चंदन के बारे में लगभग सभी लोग जानते होंगे और जो लोग नहीं जानते हैं उन्हें हम बता दें कि यह आपको किसी भी पंसारी की दुकान से आराम से मिल जाएगा इसके माध्यम से आप चाहे तो अपने को लेकर फ्रैक्चर हुई हड्डी को सही कर सकते हैं इसके इस्तेमाल की विधि आपको किसी आयुर्वेदाचार्य से पूछ लेनी चाहिए।
नोट – यदि लटका हुआ पेट अंदर करने के आयुर्वेदिक उपचार ढूंढ रहे है तो आप सही जगह पर है दिए लिंक पर क्लिक करके सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
कूल्हे की फ्रैक्चर के लिए विधिपूर्वक आर्युवेदिक उपचार
मनुष्य की हड्डियां उसके शरीर का बहुत विभिन्न अंग होती है यदि यह टूट जाए तो मनुष्य को बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- तोड़ा की जड़ का इस्तेमाल करें: आयुर्वेद में लोग इसे हड्डी जोड़ के नाम से भी जानते हैं और यह एक बहुत ही प्रचलित आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही हड्डियों को जोड़ने के लिए किया जाता रहा है। यदि आपकी या फिर आपकी किसी करीबी की कूल्हे की हड्डी फ्रैक्चर हो गई है तो आप उसे किसी यह इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि हम यह नहीं जानते कि इसको इस्तेमाल करने का तरीका क्या है इसे इस्तेमाल करने का तरीका आप किसी से पूछ सकते हैं।
- सांगवान का पेड़: आयुर्वेद में इसे एक बहुत ही बेहतरीन दर्जा प्राप्त है। सांगवान का पेड़ बहुत आसानी से मिल जाता है। लोग इसकी छाल को सूखाकर बाजार में भी बेचते हैं आप इसकी छाल को बाजार से खरीद सकते हैं। यदि आप इसका इस्तेमाल कूल्हे की टूटी हुई हड्डी को जोड़ने के लिए करने जा रहे हैं तो आपको लगभग डेढ़ तोला इस पेड़ की छाल को लेना है और उसे चार अंडों में मिला लेना है। याद रहे छाल अच्छी तरह से पिसी हुई होनी चाहिए अब इसमें एक चम्मच देसी घी को मिलाकर इसे दूध में मिक्स कर पी लीजिए। इससे आपकी हड्डी धीरे-धीरे जुड़ने लगेगी इतना ही नहीं इससे हड्डियों में मजबूती भी आती है
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको ऐसे बहुत से आयुर्वेदिक उपचार बताए हैं जिनके माध्यम से आप कूल्हे हड्डी के फ्रैक्चर को ठीक कर सकते हैं। साथ ही हम आपको यह सलाह भी देना चाहेंगे की पूरी तरह से इन उपायों पर निर्भर ना रहते हुए डॉक्टर से सलाह अवश्य करें क्योंकि डॉक्टर की सलाह के बिना कुछ भी संभव नहीं है।
1 comment
मेरे ताऊजी की खुले की हड्डी में काफी समय से तकलीफ है जिसकी वजह से उनसे ढंग से चला फिर अभी नहीं जाता है हम जानना चाहते हैं कि क्या वाकई में आयुर्वेदिक उपचार की सहायता से काले में हड्डी के दर्द से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाना संभव है ?