हमारे बदलते लाइफस्टाइल के कारण हमें इतनी बीमारियां घेर लेती हैं कि इनमें से कुछ के तो हम नाम भी नहीं जानते। कुछ बीमारियों का इलाज इतना महंगा होता है कि गरीब लोग इसका खर्चा नहीं उठा पाते यही कारण है कि भारत में प्रत्येक वर्ष बहुत सी मौतें हो जाती हैं।
जॉन्डिस के बारे में तो आप सभी जानते होंगे। आज के इस लेख में हम आपको इस बीमारी के लक्षण कारण और इलाज के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि जौंडिस को हिंदी में क्या कहा जाता है तो आइए शुरूआत करते हैं आज के इस लेख की।
जौंडिस को हिंदी में क्या कहते हैं?
हो सकता है कि आपमें से अधिकतर लोग इस बीमारी के बारे में पहले से ही जानते हो। लेकिन जैसा कि भारत में अधिकतर लोग कोई बीमारियों के सिर्फ हिंदी नाम जानते हैं वह उनके अंग्रेजी नाम के बारे में नहीं जानते।
इसके अलावा आप यहां पर बीड़ी पीने के नुकसान में उपयुक्त जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इसी क्रम में हम आपको बताते हैं कि जौंडिस को हिंदी में क्या कहते हैं। दरअसल जौंडिस को हिंदी में पीलिया कहा जाता है। कुछ लोग जॉन्डिस को हिंदी के अलावा वायरल हेपेटाइटिस के नाम से भी जानते हैं।
जॉन्डिस की बीमारी के लक्षण हिंदी में (Symptoms of jaundice in Hindi)
किसी भी बीमारी के बारे में जानने से पहले सबसे जरूरी यह जानना होता है कि आपको यह पता चल जाए कि आखिर वह बीमारी किस तरह से होती है। मतलब कि आपको उसके लक्षण जानने चाहिए तो आइए हम आपको बताते हैं कि जॉन्डिस की बीमारी के लक्षण क्या है।
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- जॉन्डिस के कुछ मामलों में खुजली का सामना करना पड़ सकता है।
- पीलिया के कुछ मामले में उल्टी का होना भी देखा गया है।
- जौंडिस के दौरान व्यक्ति को बुखार भी आता है।
- पीलिया के मरीज का वजन घटने लगता है।
- जॉन्डिस के मरीज के पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाता है।
- पीलिया के मरीज को बहुत अधिक थकान महसूस होती है।
- जॉन्डिस के मरीज को भूख न लगने की समस्या भी होती है।
- यदि किसी व्यक्ति को पीलिया हुआ होता है तो उसका मल हल्के रंग का आता है।
- जॉन्डिस के मरीज को सिर दर्द की समस्या का सामना भी करना पड़ता है।
- जॉन्डिस के मरीज को शरीर में जलन भी महसूस होती है।
जॉन्डिस के कारण हिंदी में
अब जब हम यह जान चुके हैं कि जॉन्डिस के मरीज को कौन-कौन से लक्षणों का सामना करना पड़ता है तो आइए अब हम जानते हैं कि जॉन्डिस होने के कारण क्या होते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि आप यहां पर दिल की धड़कन तेज होने पर घरेलू उपाय के बारे में विभिन्न प्रकार की आवश्यक जानकारियां हासिल कर सकते हैं।
बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने के कारण व्यक्ति को जौंडिस हो सकता है बिलीरुबिन की मात्रा लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण बढ़ जाती है।
- मलेरिया के मरीज को भी जौंडिस हो सकता है यानी कि मलेरिया भी जॉन्डिस होने का एक कारण है।
- थैलासीमिया भी पीलिया होने का एक कारण हो सकता है।
- सिकल सेल रोग को भी जॉन्डिस के एक कारण के रूप में जाना जाता है।
- गिल्बर्ट सिंड्रोम को भी जॉन्डिस का एक कारण माना जाता है।
- इन सब के अलावा भी अन्य कुछ आनुवांशिक कारण हो सकते हैं जिनके कारण जौंडिस होता है।
जॉन्डिस का इलाज हिंदी में (Treatment of jaundice in hindi)
अब जब आप जॉन्डिस के लक्षण और कारण दोनों के बारे में ही जान चुके हैं तो आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि इसका इलाज किस प्रकार किया जाना संभव है।
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पीलिया का इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाता है हालांकि ऐसी कुछ खाद्य पदार्थ है जिनका सेवन जौंडिस के दौरान नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह पीलिया बढ़ा सकते हैं नीचे हम आपको इन्हीं खाद्य पदार्थों की सूची देने जा रहे हैं।
- पीलिया के मरीज को ज्यादा तीखा और ज्यादा तेलीय पदार्थ नहीं खाना चाहिए।
- यदि आपको जॉन्डिस हुआ है तो आपको चाय और कॉफी से परहेज करना चाहिए।
- जॉन्डिस के मरीज को मक्खन से भी परहेज करना चाहिए। क्योंकि यह भी बहुत अधिक चिकनाई वाला होता है।
- पीलिया के मरीज को बाहर का खाना भी नहीं खाना चाहिए।
- यदि आपको जॉन्डिस हुआ है तो आप दाल और बीन से विशेष प्रकार से परहेज करें।
- जॉन्डिस के मरीज को यह सलाह दी जाती है कि वह एक साथ बहुत सारा भोजन न करें वह थोड़ा-थोड़ा करके ही खाएं।
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निष्कर्ष
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख से जॉन्डिस के बारे में काफी जानकारी मिली होगी। साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि जॉन्डिस को हिंदी में क्या कहा जाता है।
हमने आपको जॉन्डिस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में हिंदी में बताया। साथ ही हम आपको यह सलाह भी देना चाहते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए किसी भी इलाज को करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले।
1 comment
हम जानना चाहते हैं कि क्या पीलिया (जॉन्डिस) बीमारी जानलेवा होती है ?