क्या अपने आप कभी सुना है कि किसी व्यक्ति को गेहूं से एलर्जी है। हां यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है। लेकिन वास्तव में यह सत्य हैं कि कुछ लोग गेहूं से बने हुए पदार्थ बिल्कुल भी नहीं खा पाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि वह पूरा जीवन बिना गेहूं खाए कैसे बता सकते हैं। तो आइए हम आपको बताएंगे कि गेहूं असहिष्णुता के साथ जीवन बीमा कितना कठिन हो सकता है।
गेहूं असहिष्णुता क्या है?
यदि इस कांसेप्ट को सामान्य शब्दों में कहा जाए तो आप कह सकते हैं कि गेहूं से एलर्जी होना। लेकिन कुछ लोग इसे ग्लूटेन असहिष्णुता भी कहते हैं वैसे यह बहुत आम सी समस्या है 100 में से 15 लोगों को ही है होती ही है और इसके लक्षण भी सभी में अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आपको गेहूं खरे ही तुरंत इसके बारे में पता चल जाएगा इसके लक्षण आपको दो से तीन दिन बाद तक दिखाई देते हैं।
गेहूं असहिष्णुता के लक्षण क्या है?
कहीं आप या फिर आपके आसपास का कोई व्यक्ति इस तरह की एलर्जी से तो नहीं जूझ रहा। अब आप सोच रहे होंगे कि यह हमें कैसे पता चलेगा। तो आइए हम आपको इसके लक्षणों के बारे में बताते हैं।
जानिए : माइग्रेन क्यों होता है? जानिए माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज
* इससे जूझ रहे व्यक्ति को ग्लूटेन को पचाने में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है या यूं कहिए की वह गेहूं को बिल्कुल भी नहीं पचा पाता है। जिस भी व्यक्ति को यह समस्या होती है उसे गैस से संबंधित समस्या भी रहती है जैसे कि उसके पेट में सूजन बन जाती है या फिर पेट में दर्द होता रहता है। उसे दस्त भी बार-बार लगते हैं उसका पेट फुला फुला रहता है या फिर किसी व्यक्ति को दस्त नहीं लगते तो उसे कब्ज हो जाता है।
* इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को सूजन से संबंधित बीमारियां भी होनी शुरू हो जाती है जैसे उसके जोड़ों में अक्सर अकड़न बनी रहती है या फिर उसे एलर्जी हो रही होती है। वह गठिया का शिकार भी हो सकता है और सबसे आम बात इस समस्या से जुड़े व्यक्ति को कोलाइटिस की समस्या बनी रहती है।
* इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को बार-बार मुंह में छाले हो जाते हैं या फिर उसे किसी कीटाणु से संक्रमण भी हो जाता है। सर्दी खांसी भी ऐसे व्यक्तियों को बार-बार होता है।
यह भी पढ़े: शरीर में बढ़ गई है शुगर की मात्रा? अपनाएं यह घरेलू उपाय
* ऐसे लोगों की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है उनका व्यवहार भी बदलने लगता है। उन्हें बार-बार अवसाद की स्थिति बन जाती है और सिर दर्द की समस्या तो ऐसे लोगों के लिए बहुत ज्यादा आम होती है।
गेहूं असहिष्णुता का उपचार क्या होता है?
अब अब इसके उपचार के बारे में जानने को लेकर थोड़ा उत्सुक होते हैं तो आइए हम आपको इसके उपचार के बारे में बताते हैं।
* बच्चों में इसके बारे में तभी पता चल जाता है जब आपने पहली बार अनाज खिलाते हैं क्योंकि जब मैं पहली बार अनाज खाते हैं तो उनके त्वचा पर सकते हो सकते हैं या वह सिर दर्द के बारे में बात कर सकते हैं हो सकते हैं उन्हें गैस से संबंधित कोई समस्या हो जाए तो ऐसे में समझ आ जाता है कि बच्चों को गेहूं असहिष्णुता है।
हालांकि यह इतनी जल्दी भी नहीं दिखाई देते कि लोग यह सोच सके कि बच्चों को अनाज खाने के कारण यह समस्या हो रही है। बहुत से लोग यह सोच भी नहीं सकते कि हम अपने बच्चों को अनाज देना बंद कर दे तो वह ठीक हो जाएगा लेकिन इसका इलाज यही है कि आपको बिना गेहूं वाला आहार अपने बच्चों को देना शुरू कर देना है इससे वह कभी भी किसी परेशानी को सामना नहीं करेगा।
यह जानकारी भी प्रयास करे: दाद को करें जड़ से खत्म: दाद की मेडिसिन क्रीम
* बता दे कि इस तरह की समस्या से ठीक होने के लिए कोई भी दवा या फिर परीक्षण की जरूरत नहीं होती है। बस आपको जैसे ही इस बीमारी के बारे में पता चल जाए आपको गेहूं से बने खाद्य पदार्थ खाना बंद कर देना है। ऐसा कह सकते हैं कि जैसे ही इसकी पहचान हुई अपने गेहूं खाना बंद कर दिया तो आपका इलाज भी शुरू हो गया।
क्या गेहूं असहिष्णुता के साथ जीवन जीना मुश्किल है?
अब यदि हम इस प्रश्न का उत्तर देना चाहे तो इसका उत्तर हां या ना दोनों हो सकते हैं। क्योंकि जीवन पर कभी ना कभी तो व्यक्ति का अनाज खाने का मन ही करता है ऐसे में भी वह गेहूं का सेवन न कर पाए तो उसके लिए जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है । लेकिन यदि व्यक्ति ज्यादा ध्यान देते हुए गेहूं से दूरी बनाकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।
देखा आपने गेहूं असहिष्णुता के साथ में जीवन जीने का तरीका क्या है और गेहूं असहिष्णुता के साथ जीवन जीना कितना ज्यादा मुश्किल हो सकता है। इस लेख से आपको इस तरह के स्थिति से जुड़ी सभी संभव जानकारी मिल गई होगी। दरअसल कुछ लोग गेहूं से एलर्जी के साथ ही जीवन जीते हैं।