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कार्पल टनल सिंड्रोम कैसे होता है? लक्षण, कारण और उपचार

by Rajeev Kumar

बहुत बार ऐसा होता है कि मनुष्य सो रहा होता है और उसे सोकर उठने के बाद अपनी कलाई और पैरों में दर्द महसूस होने लगता है। बहुत बार इसका कारण समझ नहीं आता लेकिन इसका कारण यह होता है कि बहुत बार सोते सोते मनुष्य की कोई नस दब जाती है। इसे कार्पल टनल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। 

कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है?

कुछ लोग इसे सीटीएस के नाम से भी जानते हैं। इस रोग में मनुष्य को अपने हाथ और पैर में तेज अकड़न या दर्द का सामना करना पड़ता है। यह तेज दर्द या अकड़न उसकी किसी नर्स के दब जाने के कारण होता है। इसमें मनुष्य की कलाई की बीच की नस दब जाती है।

कार्पल टनल सिंड्रोम क्या हैइसके अलावा आप यहां पर एड़ी के दर्द का पक्का इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण क्या है?

इस सिंड्रोम के एक से ज्यादा लक्षण देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि इसे सिंड्रोम कहा जाता है। तो चलिए इसके कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं।

कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैयह भी पढ़ें: कमर दर्द के ईलाज की दवा

  • जो व्यक्ति इस सिंड्रोम से ग्रसित होता है उसे बहुत बार कलाई के अगले हिस्से में तेज दर्द या फिर अकड़न महसूस होती है। 
  • इसके मरीज को उस जगह पर तेज अकड़न दर्द या फिर सुन्न महसूस होता है। जहां पर उसके शरीर की मीडियन नर्व दबी होती है। यह दर्द या अकड़न शरीर के उस हिस्से में महसूस होती है जिस हिस्से से होकर मीडियन नर्व गुजरती है।

* इस रोग के बढ़ने के साथ ही मनुष्य अपने हाथ से कुछ भी पकड़ने में सक्षम नहीं हो पाता ।

कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण क्या है? (What causes carpal tunnel syndrome?)

प्रत्येक व्यक्ति यह आवश्यक जानना चाहेगा कि यह रोग किन कारणों से होता है तो आइए हम इस आपको इसके मुख्य कारणों के बारे में बताते हैं। 

कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण क्या है

इसके अलावा आप यहां पर हर्निया रोग क्या है के उपचार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • अचानक से उंगलियों में झनझनाहट महसूस होना भी इस सिंड्रोम का एक कारण है।
  • बहुत बार मनुष्य को उंगलियों में सुन्नता महसूस होती है यह भी इसका एक कारण है। 
  • इस सिंड्रोम का एक कारण मधुमेह भी हो सकता है।
  • जो व्यक्ति बहुत अधिक कंप्यूटर पर टाइपिंग करता है उसे भी इस सिंड्रोम का खतरा बना रहता है।
  • शराब की अत्यधिक सेवन से भी इस सिंड्रोम के होने का खतरा सदैव बना रहता है।
  • यह सिंड्रोम मोटे व्यक्ति को जल्दी होता है।
  • जब कोई व्यक्ति कंप्यूटर के माउस या फिर कीबोर्ड का बहुत अधिक इस्तेमाल करता है तो उसकी मीडियन नर्व दबने का खतरा भी बढ़ जाता है और वह इस सिंड्रोम का शिकार हो सकता है। 
  • यदि किसी व्यक्ति की कलाई के अंदर कैंसर पनप रहा हो तो भी है इस सिंड्रोम का शिकार हो सकता है।
  • जो व्यक्ति थायराइड की समस्या से एक ग्रसित होता है उसे भी यह सिंड्रोम बने रहने का खतरा सदैव रहता है।
  • जिन व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है उन्हें भी यह खतरा होता है।
  • गठिया बाई वाले मरीजों को भी इस सिंड्रोम का खतरा बना रहता है।
  • ऑटोइम्यून रोग से ग्रसित व्यक्ति को भी इस रोग का खतरा बना रहता है।
  • यदि किसी व्यक्ति को कलाई में चोट लगी हुई या फिर किसी प्रकार का फैक्चर हुआ हो तो उसे भी यह सिंड्रोम हो सकता है।

कार्पल टनल सिंड्रोम को ठीक करने के उपचार

इस सिंड्रोम को कुछ घरेलू उपचार द्वारा दूर किया जा सकता है। आइए इन घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।कार्पल टनल सिंड्रोम को ठीक करने के उपचारयह भी पढ़ेंMole removal cost in India

  • आपको अपनी कलाई पर हमेशा गर्म या फिर ठंडी पट्टी बांधकर रखनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इस सिंड्रोम में बहुत अधिक आराम मिलता है।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भी इस सिंड्रोम से राहत मिल सकती हैं। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में रक्त का संचार अच्छी तरह से होता है।
  • इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को नमक का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि अधिक नमक का सेवन इस सिंड्रोम को और बढ़ा सकता है।  
  • जब आप सोते हैं तो अपने हाथों पर न सोए। जब आप अपने हाथो पर सोते हैं तो रक्त का प्रभाव ठीक से नहीं हो पाता और आपको इस सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है। यदि संभव हो पाए तो सोते वक्त अपने हाथों को बेड से नीचे लटका ले।
  • बर्फ की सिकाई करना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि आप इस सिंड्रोम से पीड़ित है तो अपने हाथ पर दिन में पांच से छह बार बर्फ की सिकाई करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगा और सूजन और अकड़न भी काम हो जाएगी। 
  • यदि आप इस सिंड्रोम से पीड़ित है और अरंडी के तेल का इस्तेमाल करते हैं तो यकीनन आपको राहत मिलेगी।
  • इस बात को तो सभी जानते हैं की हल्दी का इस्तेमाल एक बहुत अच्छी औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसीलिए यदि आप इस सिंड्रोम में राहत पाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको निराश नहीं करेगी। हल्दी सूजन और अकड़न दोनों को भी कम कर देती है।

शायद आपको इन सभी विषयों के बारे में पढ़कर बेहतर तथा उच्चतम स्तर की जानकारी प्राप्त हो सके।

निष्कर्ष

हम इस लेख में किसी भी बात की पुष्टि नहीं करते हैं। ना ही हमने इस लेख के माध्यम से किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह दी है। हमारे इस लेख  को किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह नहीं मानते हुए मात्र जानकारी के उद्देश्य से पढ़ा जाए। 

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1 comment

Bhavya Gupta जून 4, 2024 - 5:59 अपराह्न

क्या हम सिंड्रोम जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचारों का इस्तेमाल कर सकते हैं और क्या घरेलू उपचार वाकई में इतने कारगर हैं कि इस समस्या से पूरी तरह हमें निजात दिला सके ??

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