Home » डॉक्टर के पर्चे पर लिखे BDPC का मतलब क्या है?

डॉक्टर के पर्चे पर लिखे BDPC का मतलब क्या है?

by Dev Pawar

डॉक्टर के पर्चे पर मरीज की स्थिति से संबंधित जानकारी लिखी जाती है  इसके अलावा उसके लिए परहेज और उसकी दवाइयां के बारे में भी लिखा जाता है। यह भी लिखा जाता है कि दवाइयां किस प्रकार से और कितनी खुराक लेनी है। लेकिन डॉक्टर के पर्चे पर यह सब अंग्रेजी भाषा के अलावा कुछ ऐसे शब्दों में लिखा होता है जो आम व्यक्ति के लिए समझ पाना मुश्किल है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही एक शब्द BDPC का मतलब बताने जा रहे हैं।

BDPC की फुल फॉर्म क्या होती है?

क्या डॉक्टर ने कभी आपके पर्चे पर भी बीडीपीसी लिखा है। जब डॉक्टर आपके पर्चे पर कभी BDPC लिखता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपको इस दवा का सेवन दिन में तीन बार करना है। याद रहे दवा का समय इस तरह से निर्धारित किया जाना चाहिए कि आपको 24 घंटे में बराबर अंतराल पर इस दवा की पूर्ति होती रहे और आपको किसी प्रकार के साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़े।

ध्यान दे : एक्जिमा की बेस्ट क्रीम: एक्जिमा के लिए कौन सी क्रीम लगाना चाहिए?

वैसे यह कहा जाता है कि जब व्यक्ति खाने से पहले दवा लेता है तो वह अच्छी तरह से फायदा पहुंचाती है और खाने से पहले दवा लेना ही ज्यादा सही भी माना गया है। इससे आपको किसी प्रकार की साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं क्योंकि जो व्यक्ति खाने के बाद दवा का सेवन करता है उससे उसे गैस से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं।

bdpc kya hota hai

बाकी आपको डॉक्टर जब बीडीपीसी के अनुसार दवा लेने की सलाह देता है तो निश्चित रूप से वह आपको इस दवा का समय भी निर्धारित करके ही देता है। यहां पर यह बहुत ज्यादा स्पष्ट है कि आपको यदि बीडीपीसी के तहत दवा लेने के निर्देश दिए गए हैं तो आपको इस दवा का सेवन रात को खाने से पहले करना है, खाने के बाद करना है और सोने से पहले करना है। यदि आपके पर्चे पर डॉक्टर ने बीडीपीसी लिखा है तो यह बात आपको खुद ही समझ जाना है कि दवा का समय यह तीन होंगे।

BDPC का उपयोग क्यों किया जाता है?

बहुत से लोगों का प्रश्न यह होता है कि डॉक्टर बीडीपीसी जैसे लैटिन शब्द का इस्तेमाल क्यों करते हैं जबकि यह सब की समझ में नहीं आते हैं। तो आइए हम आपको इस शब्द के इस्तेमाल करने के कारण के बारे में बताते हैं। 

जानिए : थ्रोंबोफोब (Thrombophob) के उपयोग, फायदे, नुक्सान, खुराक व् पूरी जानकारी

* जब डॉक्टर अपनी पढ़ाई कर रहे होते हैं तो वह याद रखने के लिए ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल करते हैं या फिर उनकी किताब में भी है ऐसे ही लैटिन शब्द लिखे होते हैं और यह शब्द उन्हें इतनी ज्यादा रट जाते हैं। उन्हें यह शब्द लिखने की इतनी ज्यादा आदत हो जाती है कि वह अपने पर्चे पर भी इसी शब्द का इस्तेमाल करने लगते है।

bdpc kyu likhte hai

* यह शब्द जल्दी लिखे जाते हैं और आपको इनकी फुल फॉर्म लिखने की आवश्यकता नहीं होती। जिससे कि डॉक्टर का समय बचता है दरअसल डॉक्टर को एक ही सीटिंग में बहुत सारे रोगी को देखना होता है। जिस कारण उनके पास इतना ज्यादा वक्त नहीं रहता कि वह पर्चे पर लंबे-लंबे पैराग्राफ लिख सके। इसीलिए वह लैटिन शब्द का इस्तेमाल करते हैं। जो की बहुत जल्दी लिखे जाते हैं यही कारण है कि उन्हें पढ़ाई के दौरान भी यह शब्द और उनकी फुल फॉर्म दोनों के बारे में पढ़ाया जाता है।

यह भी पढ़े : मोंटेलुकास्ट सोडियम और लेवोसिटराजिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट के उपयोग, फायदे, नुक्सान,व पूरी जानकारी

* शुरुआती समय में भी रोमन साम्राज्य के दौरान जब डॉक्टर की पढ़ाई कराई जाती थी तो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता रहा है और लोग इन्हें बदलते भी नहीं है।  डॉक्टर की पढ़ाई के दौरान इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है बाद में भी डॉक्टर अपने पर्चे पर इन शब्दों का इस्तेमाल इसी कारण से करते हैं क्योंकि उन्हें इन शब्दों की आदत हो जाती है। 

BDPC के अनुसार दवा लेना क्यों जरूरी है?

डॉक्टर मरीज की आयु, स्थिति और लिंग आदि को देखते हुए ही किसी प्रकार की दवा के लिए कोई बात लिखते हैं। ऐसे में यदि आपके मन में भी यह प्रश्न है कि आपको बीडीपीसी के अनुसार ही दवा क्यों लेनी चाहिए तो यह बहुत स्पष्ट हो जाता है कि जब डॉक्टर ने आपको यह निर्देश दिया है तो आपकी स्थिति इसी प्रकार से दवा का सेवन करने से ठीक होगी।

bdpc likhne ke tarike

* इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि यदि आप इस दवा को दिन में तीन बार लेते हैं जैसा कि इस लैटिन शब्द की फुल फॉर्म से हमें पता चलता है तो भी आपको इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यकीनन यह ओवरडोज तो बिल्कुल नहीं होगी। 

आप यह भी पढ़ सकते है : नॉरफ्लोक्स टीजेड टैबलेट (Norflox TZ Tablet) के उपयोग, फायदे, नुक्सान, खुराक व् पूरी जानकारी

इस लेख में हमने आपको बीडीपीसी की जो फुल फॉर्म बताई है वह हमने बहुत से स्रोतों से जानकारी इक्कठी करने के बाद लिखी है। इसीलिए हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह लेख किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह की पुष्टि करता है। आपको किसी भी प्रकार की दवा किस समय लेनी है या फिर किस प्रकार से लेनी है। इसके बारे में डॉक्टर से पूछ कर ही वह दवा खानी चाहिए।

 

You may also like

Leave a Comment