जब भी बात डॉक्टर के पर्चे की होती है तो लोग उनकी हैंडराइटिंग को लेकर बात अवश्य करते हैं। दरअसल कुछ तो डॉक्टर की हैंडराइटिंग ज्यादा लिखने के कारण भी ऐसी हो जाती है और कुछ वह अपने पर्चे में बहुत से लैटिन शब्द का इस्तेमाल करते हैं। जिसका अर्थ हर कोई नहीं समझ पाता। इसी क्रम में आज हम आपको डॉक्टर के पर्चे में BD का क्या मतलब है यह बताने जा रहे हैं।
BD की फुल फॉर्म क्या है?
यहां पर बात डॉक्टर के पर्चे की हो रही है तो हमें आपको इस शब्द की फुल फॉर्म चिकित्सा शब्दावली के अनुसार ही बतानी होगी। दरअसल यह भी एक लैटिन शब्द है जिसकी फुल फॉर्म बिस इन डाई है और इसका हिंदी अर्थ है कि आपको इस दवा का सेवन दिन में दो बार करना है। हम आपको बता दें कि इस दवा की कितनी खुराक लेनी है यह आपको विशेषज्ञ बताते हैं बस वह यह जरूर लिख देते हैं कि BD या OD इन के अलग-अलग फुल फॉर्म है।
ध्यान दे : ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा
यहां पर बस बीड़ी की फुल फॉर्म की बात हो रही है तो जिस दवा के सामने यह शब्द लिखा गया होता है इसका सेवन आपको दिन में दो बार करना होता है। अनुशंसित खुराक के बारे में आपको डॉक्टर बता सकता है या फिर केमिस्ट बता सकते हैं।
इस दवा को लेने का समय डॉक्टर आपको जरूर बता सकते हैं जैसे कि वह दवा आपको सुबह शाम लेनी है या फिर खाने के बाद लेनी है। हालांकि यदि आपके पर्चे पर दिन में दो बार BD लिखा गया है तो इसका अर्थ है कि आप इस दवा को किसी भी समय अपने हिसाब से दिन में दो बार ले सकते हैं।
BD डॉक्टर के पर्चे में लिखने का इतिहास क्या है?
बता दे कि प्रत्येक वस्तु प्रत्येक चीज का कोई ना कोई इतिहास तो होता ही है या फिर उसका कोई ओरिजिन रहा होता है जहां से इसकी शुरुआत हुई होती है। ऐसे में यदि बात BD डॉक्टर के पर्चे में लिखने के इतिहास की बात की जाए तो यह तब से लिखा आ रहा है। जब से रोमन साम्राज्य हुआ करता था और उस वक्त चिकित्सा पढ़ाई की मुख्य भाषा लैटिन ही हुआ करती थी।
जानिए : भारत में दांत दर्द की सबसे अच्छी दवाई कौन सी है?
इस शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया जाता था क्योंकि बहुत-बहुत मरीज को याद करने में दिक्कत होती है कि उसे कौन सी दवाई कितनी बार लेनी है और यह याद रखना बहुत ज्यादा जरूरी है इसीलिए डॉक्टर अपने पर्चे में दवाई के सामने यह BD लिख देते है जिससे मरीज को यह याद रहे कि उसे इस दवा का सेवन दिन में दो बार करना है।
इस शब्द से सिर्फ यह स्पष्ट होता है कि इस दवा का सेवन दिन में दो बार करना है लेकिन यहां पर यह स्पष्ट नहीं होता कि आपको इस दवा की कितनी खुराक लेनी है क्योंकि दवा की खुराक की मात्रा मरीज की आयु, लिंग और स्थिति को देखते हुए अलग-अलग हो सकती है। जिसके बारे में डॉक्टर ही बता सकता है इसका BD डॉक्टर के पर्चे पर लिखने का इतिहास से कोई संबंध नहीं है।
चिकित्सा परिस्थिति जिनमें BD का इस्तेमाल किया जाता है?
नीचे हम आपको कुछ मेडिकल सिचुएशंस के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें बीड़ी (BD) का इस्तेमाल एक नुस्खे के रूप में किया जाता है।
* सांस से संबंधित कोई संक्रमण: डॉक्सीसाइक्लिन, क्लेरिथ्रोमाइसिन या फिर एज़िथ्रोमाइसिन यह सभी ऐसे एंटीबायोटिक है जिन का इस्तेमाल सांस से संबंधित संक्रमण के दौरान डॉक्टर करने की सलाह देते हैं और यह सभी एंटीबायोटिक दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है। इसीलिए इन्हें BD के नुस्खे के साथ इस्तेमाल किया जाता है।
यह भी पढ़े : सर्वोत्तम खुजली रोधी दवा कौन सी है? गोली, क्रीम और लोशन में से क्या चुने
* दर्द निवारक गोलियां: पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन दवाएं दर्द निवारक गोलियों के रूप में इस्तेमाल की जाती है और इनका इस्तेमाल भी BD के नुस्खे के अनुसार ही करने की सलाह दी जाती है।
* हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के दौरान: व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए बहुत सी ऐसी दवाई दी जाती है जो उन्हें BD के नुस्खे के अनुसार इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है। इनमें लिसिनोप्रिल, एम्लोडिपिन और लोसार्टन जैसी असरदार दवाएं शामिल हैं।
आप यह भी पढ़ सकते है : बेस्ट फंगल इन्फेक्शन क्रीम कौन सी है?
देखा आपने डॉक्टर के पर्चे को पढ़ना कितना ज्यादा मुश्किल है। खास कर की इसमें लिखे लैटिन शब्दों की फुल फॉर्म जिस व्यक्ति को नहीं पता हो वह तो इस पर्चे को पढ़ ही नहीं पाएगा और इन लैटिन शब्दों की फुल फॉर्म जानना इतना आसान कार्य भी नहीं है। भविष्य में भी हम आपके लिए इसी प्रकार के और लेख लेकर आते रहेंगे। याद रहे इस लेख के माध्यम से किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करना उचित नहीं होगा आपको कोई भी समस्या है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करना चाहिए।