जब एक महिला गर्भवती होती है तो निश्चित रूप से उसे ऐसी कई गतिविधियों और बातों के बारे में पता चलता है जिससे वह पहले से अवगत नहीं होती है। इसी क्रम में उसे बहुत सी दवाओं के बारे में पता चलता है तो बहुत से परहेज के बारे में भी पता चलता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान बीपीडी का अर्थ क्या होता है।
गर्भावस्था में बीपीडी का अर्थ
बीपीडी शब्द का अर्थ समझने के लिए आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप इस शब्द की फुल फॉर्म को समझें। बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर यह इस शब्द की फुल फॉर्म है। हिंदी में इसे सीमा रेखा व्यक्तित्व विकार कहा जाता है और यह खासतौर से गर्भवती महिलाओं में ही देखा जाता है।
गर्भावस्था में बीपीडी क्या है?
अब जब आप इस शब्द की फुल फॉर्म जान चुके हैं तो आपके लिए यह जानना भी बहुत ज्यादा जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान जो महिला इससे गुजर रही होती है उसे सामान्य गर्भवती महिला के मुकाबले कुछ ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। यह बीमारी अचानक बदलते मूड के साथ या फिर जीवन में अस्थिर रिश्तो के साथ बढ़ती ही चली जाती है और इसी से यह उत्पन्न भी होती है।
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इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि जब महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव आ रहे होते हैं जो आपकी बीपीडी की समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं या यूं कहिए कि यह आपको बद से बदतर की ओर ले जा सकते हैं।
इस स्थिति में महिला को ऐसा लगता है कि उसका पति उसे छोड़ देगा या फिर उसका बच्चा भी उसे छोड़ देगा या फिर वह अपने बच्चों को खो देगी। कम शब्दों में कहा जाए तो महिला को हर वक्त ऐसा लगता है कि उसे त्याग दिया जाएगा और इससे उसकी स्थिति और ज्यादा बिगड़ने लग जाती हैं।
जब महिला प्रेग्नेंट होती है तो अक्सर उसके मूड स्विंग्स होते रहते हैं उसके मूड में अचानक से बदलाव हो जाता है या फिर वह अपने रिश्तों को लेकर बहुत ज्यादा सिक्योर होने लगती है। उसके मन में सदैव कोई ना कोई भय बना रहता है और यह सभी कारण महिला की बीपीडी की समस्या को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
क्योंकि जब महिला यह सब कुछ झेल रही होती है और उसे बीपीडी की समस्या भी होती है। तो वह इस सब कुछ सह नहीं पाती है क्योंकि बीपीडी की समस्या इन सब कारणों को बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है और यह सब कारण पहले से ही बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं।
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* गर्भावस्था के दौरान महिला को जो भावनाएं महसूस होती है या फिर वह जिन भावनाओं का सामना करती है वह बीपीडी की समस्या के दौरान और ज्यादा बढ़ जाती है और यह महिला का गर्भावस्था वाला समय और ज्यादा कठिन बना देती है।
* जो महिला गर्भवती होती है उसके शरीर में कुछ ना कुछ बदलाव तो आते ही हैं जैसे कि वह मोटी हो जाती है ऐसे में यदि वह बीपीडी का भी शिकार हो जाती है तो उसे ऐसा लगने लगता है कि उसकी छवि समाज में खराब हो जाएगी। लोग उसे सुंदर नहीं बोलेंगे। उसे बॉडी शेमिंग करेंगे या फिर उसे इसी प्रकार के और भय सताने लगते हैं।
जिससे कि उसकी स्थिति बिगड़ने लगती है साथ ही उसे ऐसा भी लगता है कि क्या वह भविष्य में एक अच्छी माता बन पाएगी। क्या वह भविष्य में अपने बच्चों को एक अच्छा जीवन दे पाएगी। इन्हीं सब भावनाओं को मन में लिए हुए वह जी रही होती हैं जिससे कि उसकी स्थिति और ज्यादा जटिल हो जाती है।
बीपीडी के दौरान गर्भवती महिला क्या करें?
बहुत सी गर्भवती महिलाओं को यह प्रश्न रहता है कि यदि वह बीपीडी का शिकार हो गई है तो उन्हें किस प्रकार से इस स्थिति से बाहर आना है और एक खुशहाल जीवन जीना है और कैसे अपने गर्भावस्था की समस्याओं को कम करना है।
* बता दे कि जो भी महिला बीपीडी से जूझ रही है उसे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पाने की जरूरत है। ऐसा वह परिवार वालों की मदद से कर सकती है या फिर खुद से भी उसे स्ट्रांग बने रहने की जरूरत है।
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* ऐसे बहुत से उपचार भी हैं जो कि आपका बीपीडी को सही कर सकते हैं जो कि आपकी भावनाओं को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं। आपके मूड स्विंग्स की देखभाल भी वह कर सकते हैं और गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल चेंज या फिर सुरक्षा की भावना को भी उन उपचारों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। आपको डॉक्टर से सलाह लेने के बाद यह उपचार लेने की ओर ध्यान देना चाहिए।
आशा करते है कि आपको इस लेख से यह समझ आ गया होगा कि प्रेगनेंसी में बीपीडी का मतलब क्या होता है और यह गर्भवती महिला के भीतर कितना होना चाहिए। साथ ही हम आपको यह सलाह भी देना चाहते है कि इस लेख को चिकित्सीय सलाह न माना जाएं और सामान्य जानकारी हेतु भी डॉक्टर से संपर्क करें।
1 comment
गर्भवती महिला जब अपना अल्ट्रासाउंड करवाने जाती है तो गर्भवती महिला अपने बच्चों के लिए BPD करवाती है।
BPD इस वजह से किया जाता है जो गर्भ में बच्चा होता है ।उसके सिर के विकास को जांचते हैं गर्भावस्था की कुछ सही अवधि के लिए BPD करवाया जाता है।