भारतीय रसोई में बहुत ही टेस्टी अचार बनाए जाते हैं और इन्हीं में से क्रैनबेरी एक ऐसा फल है जिसका इस्तेमाल अधिकतर लोग अचार बनाने के लिए करते हैं क्योंकि इसका अचार बहुत ज्यादा टेस्टी होता है और यह खाने के साथ इस्तेमाल किए जाने पर खाने का स्वाद दोगुना कर देता है।
आज के इस लेख में हम आपको यह बताने का प्रयास करेंगे कि क्रैनबेरी को हिंदी में क्या कहा जाता है? साथ ही इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी हम आपको बताएंगे।
क्रैनबेरी को हिंदी में क्या कहा जाता है?
तो सबसे पहले शुरुआत इसी प्रश्न का उत्तर जानने से करते हैं कि आखिर क्रैनबेरी (Cranberry) को हिंदी में क्या कहा जाता है। हो सकता है आप में से इसके अंग्रेजी नाम से बहुत कम लोग वाकिफ हो लेकिन जब आपको इसका हिंदी नाम पता चले तो आपको इसके सारे फायदे और नुकसान याद आ जाए।
दरअसल क्रैनबेरी को हिंदी में करौंदा कहा जाता है। यह टेस्ट में खट्टा होता है और यह खाने को बहुत ज्यादा स्वादिष्ट बना देता है।
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क्रैनबेरी को इस्तेमाल करने से होने वाले फायदे
करौंदे का इस्तेमाल करने से बहुत से फायदे होते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम कैरीसा करेंडस है। इसके बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसके सिर्फ फल का ही नहीं बल्कि इसकी पत्ती, जड़ और छाल सब चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।
- Cranberry में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है जो की त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। यहां तक की इसमें मौजूद कुछ तत्व त्वचा के खिंचाव और घाव को भरने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। साथ ही इसके भीतर विटामिन ई भी पाया जाता है जो की यूवी किरणों से लड़ने में आपकी मदद करेगा। विटामिन सी को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है और हम ऊपर बता चुके हैं कि इसमें विटामिन सी पाया जाता है तो यह इम्यूनिटी के लिए भी अच्छा होता है।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन जो कि आमतौर पर युवतियों और बुजुर्गों में देखा जाता है के दौरान भी यदि Cranberry का इस्तेमाल किया जाए तो आपको काफी फायदा देखने को मिल सकते हैं।
- यूटीआई यानी की पेशाब के इंफेक्शन के दौरान भी महिलाओं को क्रैनबेरी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से यह समस्या कम हो सकती है यदि आप इसका पूर्णतः सही इलाज चाहते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- ऐसी महिला और पुरुष जो कि मोटापे से परेशान है और उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ है यदि इसका इस्तेमाल करते हैं तो इससे उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है। यहां तक की इसके रस का सेवन करने से आपके शरीर का एंटीऑक्सीडेंट का स्तर भी काफी अच्छा हो जाता है।
- करौंदे में काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है यही कारण है कि हड्डियों के कमजोर होने के दौरान करोंदा खाने की सलाह दी जाती है।
- इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है यदि आपको भी यह समस्या बनी हुई है तो आपको अपनी डाइट में इसे लेना शुरू कर देना चाहिए। कब्ज के अलावा यह पेट में बन रही गैस से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
- बालों के लिए भी यह बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है और साथ ही विटामिन ए की मात्रा भी मौजूद होती है यह दोनों ही बालों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं।
क्रैनबेरी को इस्तेमाल करने के नुकसान
इसका सेवन करने से व्यक्ति को ज्यादा नुकसान तो नहीं होते हैं लेकिन यदि आपको किसी विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ से एलर्जी है तो आपको इसकी जांच करवा लेनी चाहिए। यदि आपको इससे एलर्जी है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए बाकी इसके और साइड इफेक्ट्स के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
- यदि जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन कर लिया जाता है तो आपको गुर्दे की पथरी होने का खतरा बन सकता है। क्योंकि इसमें ऑक्सेलेट बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जो की गुर्दे की पथरी को बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने पर छोटे बच्चों बुजुर्गों को दस्त की समस्या भी हो सकती है। इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि बच्चों और बुजुर्गों का इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
इसके आलावा आप यहाँ पर दिए इस सभी विषयों के बारे में जान सकते है।
निष्कर्ष
क्रैनबेरी को हिंदी में क्या कहते हैं विषय पर लिखा गया यह लेख आपको पसंद आता है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं। यदि आप इस लेख के फायदे और नुकसान से संबंधित कोई और जानकारी हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो वह भी आप कमेंट सेक्शन के माध्यम से हमें दे सकते हैं। लेकिन हम आपको यह सलाह देंगे कि किसी भी चीज का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए।