व्यक्ति के शरीर के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां जन्म लेती है और इन सभी का इलाज व्यक्ति विभिन्न प्रकार की दवाइयां पर निर्भर रहकर करता है। ल्यूकोडर्मा यानी की विटिलिगो के बारे में बताने जा रहे हैं हम आपको यह बताएंगे कि
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा कौन सी है तथा इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा का चयन
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा का चयन करते वक्त आपको यह पता होना चाहिए कि आपको चयन किस प्रकार से करना है और किन जरूरत को ध्यान में रखकर करना है।
* सोरालिया कोरिलीफोलिया: यह एक होम्योपैथिक दवा है जो की सोरालिया नामक पौधे के बीज से बनाकर तैयार की जाती है और इसके इस्तेमाल से आप ल्यूकोडर्मा का इलाज कर सकते हैं। यदि बात इस बारे में की जाएगी यह दवा किस प्रकार से कार्य करती है तो बता दें कि यह मेलेनिन के बनने की प्रक्रिया को उत्तेजित करने में मदद करती है जिससे कि शरीर पर जो सफेद धब्बे हुए होते हैं वह दोबारा से रंगीनीकरण की तरफ बढ़ने लगते हैं। यदि इस प्रकार के इलाज के बारे में ज्यादा चर्चा की जाए तो इस प्रकार के इलाज को बहुत से मामलों में अंदरूनी उपचारों के साथ अनुप्रयोग करके अनुशंसित किया जाता है।
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* कैल्केरिया कार्बोनिका: इस दवा का इस्तेमाल भी किया जा सकता है और इसका इस्तेमाल यदि बहुत अधिक पसीना आ रहा है या फिर हाथ पैर ठंडे हो रहे हैं। यह पसीना आपको खोपड़ी पर आना चाहिए या फिर मोटापा है इसके दौरान करना अच्छा माना जाता है। जिस भी व्यक्ति को इस प्रकार के उपचार की जरूरत पड़ सकती है हो सकता है कि वह मरीज थोड़ा सुस्त हो और अक्सर या तो थका थका सा महसूस करता हो या फिर चिंता उसे घेरे रहती हो।
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा कौन सी है?
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा के बारे में लोग अक्सर जानना चाहते हैं क्योंकि सभी होम्योपैथिक दवाइयां के माध्यम से ठीक होना चाहते हैं क्योंकि इनके कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होते हैं।
* आर्सेनिकम सल्फ्यूरेटम फ्लेवम: यदि आपको सफेद धब्बों के आसपास बहुत ज्यादा खुजली हो रही है और जलन होती है या फिर वहां पर लाल लाल हो गया है। इस दवा का उपयोग करने की सलाह इस स्थिति में ही दी जाती है या फिर आपको त्वचा से संबंधित कोई भी ऐसी समस्या है जो दबी हुई है या फिर आपको भूतकाल में कभी एक्जिमा की समस्या रही हो तो भी आप इस दवा का इलाज इस्तेमाल कर सकते हैं। जो भी व्यक्ति इस दवा से माध्यम से लाभ लेते हैं हो सकता है कि वह कुछ समय तक बेचैन और चिंतित बने रहे।
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* सल्फर: यह सिर्फ ल्यूकोडर्मा के इलाज के लिए ही नहीं बल्कि और भी बहुत सी बेहतरीन दवाओं के रूप में जाना जाता है। जैसे कि यदि किसी व्यक्ति को त्वचा से संबंधित कोई भी रोग हो गया है तो वह सल्फर का इस्तेमाल कर सकता है। इस दवा का इस्तेमाल ऐसी स्थिति में करने की सलाह दी जाती है जब व्यक्ति को सफेद धब्बों के आसपास जलन हो रही हो लाल हो गया हो या फिर खुजली हो रही हो।
ल्यूकोडर्मा का होम्योपैथिक दवा क्या है?
ल्यूकोडर्मा के एक नहीं बल्कि बहुत से होम्योपैथिक उपचार मिलते हैं। जिनमें से कुछ के बारे में हम आपके ऊपर बता चुके हैं और कुछ के बारे में नीचे बताएंगे। लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले आपको किसी अच्छी होम्योपैथिक विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
* फास्फोरस: आप चाहे तो इसका इस्तेमाल भी ल्यूकोडर्मा की होम्योपैथिक दवाई के रूप में कर सकते हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल तब किया जाना चाहिए जब आपकी झाइयां और तिल तो गायब हो गए हैं साथ ही सिर्फ सबसे धब्बे बचे हो और इस दवाई को ऐसे व्यक्तियों के लिए सही माना जाता है जो सामान्य स्थिति में चिंतित रहते हैं या फिर उनकी नाक से खून रहता है या फिर वह बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
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* थूजा ऑक्सीडेंटलिस: इस होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल ऐसी स्थिति में करना चाहिए जब या तो आपको पहले बहुत ज्यादा तक लगे हो या किसी प्रकार का प्रतिरक्षण हो और उनके कारण आपको ल्यूकोडर्मा हो गया हो और इस दवा का इस्तेमाल तब करने की सलाह दी जाती है जब आपके शरीर पर सफेद धब्बे तो हो ही इसके अलावा आपके शरीर में मस्से भी हो रहे हैं।
ल्यूकोडर्मा के लिए एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा के बारे में जानकर आपको अवश्य अच्छा लगा होगा। क्योंकि सभी व्यक्ति अंग्रेजी दवाइयां पर निर्भर न रहकर होम्योपैथिक दवाइयां का सेवन करना बेहतर समझते हैं। हालांकि यह असर थोड़ा देर से दिखाती है लेकिन उनके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार की दवा का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछने के बाद ही करना चाहिए।