जटामांसी का इस्तेमाल आयुर्वेद में बहुत समय पहले से होता रहा है और इसका उपयोग बहुत सी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको बहुत सी बातें पता होनी चाहिए। जिनके बारे में हम आपको इस लेख में विस्तार से बताने जा रहे हैं हम आपको इसके उपयोग, लाभ, दुष्प्रभाव, प्रतिदिन खुराक और कीमत के बारे में भी बताएंगे। तो आइए इस लेख की शुरुआत करते हैं।
जटामांसी के फायदे
जैसा कि हम बता चुके हैं कि हम आपको इस पौधे के बारे में सभी चीज बताएंगे तो सबसे पहले हम इस पौधे से फायदे जानने से शुरुआत करते हैं।
* सिर दर्द: यदि आपको सिर दर्द की समस्या बनी रहती है जो कि दिनभर की थकान और काम के कारण हो सकती है। इसके लिए आप जटामांसी की जड़ों की पाउडर का पेस्ट बनाकर उसे अपने माथे पर लगा सकते हैं आपके सिर दर्द की समस्या में काफी हद तक राहत मिल जाती है।
* गंजेपन का इलाज: आपको शायद जानकर आश्चर्य होगा कि जटामांसी के इस्तेमाल से गंजेपन का इलाज भी संभव है। यह किसी भी कारण से हो सकता है या तो आपका आहार अच्छा ना हो या फिर आपकी दिनचर्या प्रदूषण किसी भी कारण से यदि आपके बाल खराब हो रहे हैं और झड़ रहे हैं तो इसके लिए आपको जटामांसी के पाउडर का कुछ अन्य चीजों के साथ मिलाकर लेप तैयार करना है और उसे अपने बालों में लगाना है इससे आपके बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
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* आंखों के रोग में: यदि आपको आंख से संबंधित किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि आपकी आंखें लाल हो रही है, रतौंधी की समस्या हो रही है या फिर अन्य किसी प्रकार की आंखें संबंधित समस्या है तो आप जटामांसी के घरेलू उपयोग कर सकते है।
* खांसी में भी फायदेमंद: जटामांसी का इस्तेमाल खांसी के दौरान भी किया जा सकता है। यदि आप बच्चे को यह देना चाह रहे हैं तो उसे आपको जटामांसी का शरबत देना चाहिए। इसके अलावा कुछ और अन्य चीजों के साथ मिलकर बड़े लोग भी उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
* मुंह की बदबू: जटामांसी के इस्तेमाल से आपके मुंह की बदबू में भी राहत मिलती है। इसके लिए आपको इसे पानी को मिलाकर काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना चाहिए। आपको इसके चूर्ण से मंजन भी करना चाहिए उससे भी आपको इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
* दिल के खतरे को कम करें: यदि आपको दिल से संबंधित या फिर छाती से संबंधित किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो आपको इसके पाउडर का लेप बनाकर अपनी छाती में लगाना चाहिए। इससे आपको काफी तरह से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।
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* जलोधर में राहत: यदि किसी व्यक्ति को यह रोग होता है तो उस का पेट बहुत ज्यादा फूल जाता है और आकार में बहुत बड़ा दिखने लगता है। ऐसे व्यक्ति का वजन भी बढ़ना शुरू हो जाता है। इसके लिए आप नमक को सिरके में पीस कर जटामांसी को मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
जटामांसी पाउडर का सेवन कैसे करे?
जटामांसी पाउडर का इस्तेमाल विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इनमें से जो तरीका आपको सही लगता है आप वह अपना सकते हैं इसके अलावा आपको जटामांसी का पाउडर इस्तेमाल करते वक्त यह भी ध्यान देना चाहिए कि आप इसे किसी समस्या के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि प्रत्येक समस्या के लिए यह अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है।
* यदि आप चाय पीने की बहुत ज्यादा शौकीन है तो आप अपनी चाय में थोड़ा सा जटामांसी का पाउडर मिलाकर पी सकते हैं।
* कुछ लोग स्वाद के लिए इसका इस्तेमाल शहद और पानी में मिलकर भी करते हैं ऐसे में भी यह फायदे पहुंचाता है।
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* यदि आप इसे बहुत ही सरल तरीके से लेना चाहते हैं तो गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं इस तरह से लेना उत्तम माना जाता है।
झड़ते बालों को रोकने के लिए जटामांसी तेल
यदि आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे है तो ऐसे में जटामांसी का तेल बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। यह तेल आपको बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा आप इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं तो आपको बालों को शैंपू करने से लगभग 30 मिनट पहले इस तेल को बालों में अच्छी तरह से लगा लेना। आपको इस तेल की अच्छे से मालिश करनी है। आप चाहे तो इसे रात को लगा कर भी सो सकते हैं और सुबह को उठकर शैंपू कर सकते हैं।
जटामांसी के साइड इफेक्ट्स
अब तक हम जटामांसी के बारे में बहुत सी बातें जान चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद हमारे लिए यह बहुत ज्यादा आवश्यक है कि हमें यह पता हो कि जटामांसी का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को कौन-कौन सी साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते है। जिससे कि भविष्य में से किसी प्रकार की समस्या होने पर वह इसका उपयोग बंद कर सके या फिर किसी प्रकार का परहेज पहले से ही कर सके।
* उल्टी: यदि इसका सेवन जरूरत से ज्यादा मात्रा में कर लिया जाता है तो उलटी लगने की समस्या हो जाती है।
* हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज को इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
* दस्त: आवश्यकता से अधिक मात्रा में लिए जाने पर आपको दस्त लगने की समस्या भी हो जाती है।
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* मासिक धर्म: मासिक धर्म के दौरान इसका इस्तेमाल किए जाने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
* एलर्जी: बहुत ज्यादा मात्रा में इसका इस्तेमाल करने पर आपको एलर्जी होने की संभावना बनी रहती है।
* पेट दर्द: यदि आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है कि आपको पेट दर्द की समस्या का सामना भी करना पड़े इसीलिए जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसे न लें।
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* सीने में जलन: हो सकता है कि यदि आप इसका इस्तेमाल ज्यादा कर ले तो आपको सीने में जलन की समस्या भी हो जाए।
जटामांसी की कीमत
यदि आप जटामांसी का किसी तरह से उपयोग करना चाह रहे हैं और इसे खरीदने की चाह रखते हैं तो आपके लिए यह आवश्यक है कि आपको इसकी कीमत के बारे में भी पता हो। नीचे हम आपको इसकी कीमत के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
* जटामांसी अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में होता है और यदि आप इसे खरीदने की चाह रखते हैं तो वहां आपको इसके लिए 3000 से 3500 रुपए तक प्रति किलोग्राम के लिए चुकाने पड़ सकते हैं।
* बाजार में इसके पाउडर के पैकेट भी मिलते हैं जिनकी 100 ग्राम के लिए आपको 350 से ₹400 तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
हमारे द्वारा जटामांसी के बारे में लिखा गया यह लेख आपको कैसा लगा यह आप हमें कमेंट सेक्शन में अवश्य बताइए। यदि इस लेख से जुड़े किसी भी प्रकार के सुझाव आप हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो वह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं। लेकिन आपको इसके साइड इफेक्ट का विशेष तौर से ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा यदि आप चाहते हैं कि आप इसका इस्तेमाल करें तो आपको पहले किसी अच्छे विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए और इस लेख को किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह न माना जाएं।