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उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा: उच्च रक्तचाप प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण

by Dev Pawar

उच्च रक्तचाप की समस्या कोई नहीं समस्या नहीं है लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि आजकल यह बहुत ज्यादा लोगों में देखने को मिलती है और लोगों को इसके कारण बहुत सी बीमारियां पकड़ लेती हैं। आज के इस लेख में हम आपको उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा बताने जा रहे हैं।

उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा 

उच्च रक्तचाप अक्सर दिल से जुड़ी कई बीमारियों को जन्म दे देता है। इसीलिए इसका इलाज समय रहते करवा लेना जरूरी होता है। यही कारण है कि हम आपके लिए उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा विषय पर यह लेख लेकर आए हैं।

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* जो व्यक्ति नियमित रूप से अपने भोजन में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल करता है उसे उक्त रक्तचाप की समस्या नहीं होती है और यदि हो भी जाती है तो वह धीरे-धीरे प्याज और लहसुन के उपयोग से इसे बहुत ज्यादा कम कर सकते हैं। इसीलिए आपको आज ही अपनी डाइट में यह शामिल कर लेना चाहिए हालांकि सभी लोगों को यह पसंद नहीं होता है। 

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* उच्च रक्तचाप का सबसे बड़ा कारण होता है तनाव। जो व्यक्ति ज्यादा तनाव लेते हैं उसका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा रहता है ऐसे में उसे अश्वगंधा का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इससे उच्च रक्तचाप की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। यदि आप अश्वगंधा के माध्यम से उच्च रक्तचाप का इलाज करना चाह रहे हैं तो आपको इसके दो चम्मच पाउडर का इस्तेमाल सुबह-सुबह एक गिलास पानी में मिलाकर करना है। याद रहे यह खाली पेट किया जाना चाहिए। 

हाई ब्लड प्रेशर का आयुर्वेदिक चिकित्सा 

आजकल लोग अंग्रेजी दवाइयां से ज्यादा आयुर्वेदिक उपचार अपनाना पसंद करते हैं इसी कारण से हम आपको बता रहे हैं कि उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक चिकित्सा क्या है। 

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* जब भी आयुर्वेद की चर्चा होती है तो ब्राह्मी का नाम तो लिया ही जाता है। इससे आपकी याददाश्त भी तेज होती है और आपको भूलने की बीमारी भी नहीं होती है। लेकिन इसका उपयोग उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में भी किया जा सकता है। इसका उपयोग जानवरों पर करके देखा गया है जिससे कि इसे उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक चिकित्सा का दर्जा प्राप्त हो गया है। 

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* भारत के हर घर में पाए जाने वाली तुलसी का उपयोग लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। यही कारण है कि ऐसा कहा जाता है कि तुलसी का इस्तेमाल भी उच्च रक्तचाप के आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में किया जा सकता है और लोग ऐसा करते भी हैं और बहुत से लोगों को ऐसा करने से फायदा भी मिला है।

उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें?

उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक इलाज खोजने कोई मुश्किल कार्य नहीं है हमारी रसोई और हमारे पास ऐसी बहुत सी चीज पाई जाती है जो उच्च रक्तचाप के आयुर्वेदिक उपचार में इस्तेमाल की जाती है। 

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* क्यूमिनलडिहाइड और थाइमोल दो ऐसे गुण हैं जो भारत की हर रसोई में पाए जाने वाले जीरे में मौजूद होते हैं और जीरा इन्हीं के दो कारण से उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक इलाज कर पाने में सक्षम है। यदि आप जीरे के माध्यम से उच्च रक्तचाप का इलाज करना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से इसका सेवन अपने खाने के पदार्थ में करना चाहिए इसके अलावा आप चाहे तो चाय में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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* आपको सुनकर शायद थोड़ी हैरानी हो सकती है लेकिन रुद्राक्ष भी उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक इलाज कर पाने में सक्षम है। आप इसके लिए रुद्राक्ष की माला भी पहन सकते हैं और रुद्राक्ष के बीजों का अर्क बनाकर भी पी सकते हैं दोनों ही तरीकों से आपके उच्च रक्तचाप का इलाज करने में मदद मिलेगी। इस क्योंकि इसमें आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक दोनों ही गुण पाए जाते हैं इसीलिए इसका इस्तेमाल यकीनन फायदेमंद साबित होता है। 

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* केसर का इस्तेमाल तो लोग खूब करते हैं और यह बहुत महंगा भी आता है। साथ ही यह आसानी से मिलता भी नहीं है। केसर को एक दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है। केसर आपके उच्च रक्तचाप की समस्या का निवारण भी कर सकता है। क्रोसेटिन और क्रोसिन जैसे यौगिक केसर के भीतर मौजूद होते हैं।

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आप चाहे तो इसका इस्तेमाल गर्म दूध में मिलाकर भी कर सकते हैं। इसके अलावा जब आप खाना बना रहे हैं तो पानी में इसे मिलकर उस पानी का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए कीजिए आपको कुछ रक्तचाप का निवारण हो जाएगा।

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उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा जो हमने आपको बताई है यकीनन बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। लेकिन हम फिर भी आपको यह सलाह देना चाहते हैं कि किसी भी प्रकार की दवा या फिर औषधी या फिर जड़ी बूटी का इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। क्योंकि हो सकता है कि आपको किसी चीज से एलर्जी हो जाए। किसी भी दवा का इस्तेमाल आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बिना करना नहीं चाहिए।

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