बवासीर और फिशर के विभिन्न उपचारों के बारे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं। यहां पर हम आपको इन दोनों बीमारियों से जुड़ी आयुर्वेदिक दवाइयां के बारे में बताएंगे। इसके अलावा कुछ घरेलू उपचार के बारे में भी हम आपको बताएंगे। आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आएगा। तो आइए आज के इस खास लेख की शुरुआत करते हैं।
बवासीर और फिशर के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय
यदि आपको बवासीर की समस्या है या फिर फिशर की समस्या है और आप इससे काफी ज्यादा परेशान है और आपके ऐसे उपाय ढूंढ रहे हैं जो आयुर्वेदिक घरेलू हो। जिससे कि आपको किसी प्रकार का साइड इफेक्ट भी ना हो। तो नीचे हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं यह लेख आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
* नारियल का तेल इस्तेमाल करें: यदि आप अपने बवासीर और फिशर के इलाज के लिए नारियल का तेल इस्तेमाल करते हैं तो आपको आश्चर्यजनक फायदे देखने को मिल सकते हैं। बहुत से लोग इसका इस्तेमाल कर इन दोनों समस्याओं के लक्षणों को कम कर चुके हैं और वह इसके बहुत ज्यादा फायदे भी बताते हैं। क्योंकि नारियल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कि आपकी सूजन और दर्द दोनों को ही कम कर सकता है बवासीर और फिशर में आपको इन दोनों ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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* कचूर का चूर्ण लें: कचूर का चूर्ण भी लगभग हर घर में पाया जाता है। यदि यह आपके घर में मौजूद नहीं है तो यह आपको किसी भी पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जाता है। आयुर्वेद में कचूर चूर्ण का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। अधिकतर बीमारियों के घरेलू उपाय आयुर्वेदिक इलाज के लिए कचूर चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आप बवासीर और फिशर दोनों ही समस्याओं के लिए कचूर चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।
* आंवले का जूस ले: आंवले को वैसे भी मानव शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद माना गया है। अधिकतर बीमारियों के दौरान आंवले का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यदि आप फिशर की समस्या से जूझ रहे हैं या फिर बवासीर की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको आंवले का चूर्ण इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए या फिर आंवले के जूस का इस्तेमाल करना और तो ज्यादा फायदेमंद साबित होता है।
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* संतुलित आहार लें: यदि आप वास्तव में फिशर और बवासीर दोनों से छुटकारा पाना चाह रहे हैं और इसके लिए कुछ घरेलू उपाय की तलाश में तो आपके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह होता है कि आपको अपना संतुलित आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। आपको अपने डाइट में हमेशा वह चीज शामिल करनी चाहिए जिसमें की फाइबर, विटामिन, मिनरल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं क्योंकि संतुलित आहार लेने से भी आप बहुत सी बीमारियों को मात दे सकते हैं।
आयुर्वेदिक से बवासीर और फिशर का इलाज
अक्सर लोगों का यह प्रश्न रहता है कि क्या आयुर्वेद के माध्यम से बवासीर और फिशर का इलाज संभव है? तो हां आयुर्वेद के माध्यम से भी बवासीर और फिशर का इलाज संभव है क्योंकि पुराने समय में भी जब अंग्रेजी दवाइयां नहीं हुआ करती थी तो लोग आयुर्वेद के माध्यम से बीमारियों का इलाज किया करते थे।
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इसीलिए आयुर्वेद के महत्वपूर्ण को नकारा नहीं जा सकता है। यदि आप किसी भी प्रकार की समस्या से जूझ रहे हैं जो चाहे फिशर से संबंधित हो या फिर बवासीर से संबंधित हो l। इसके लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं लेकिन आयुर्वेदिक दवाइयां का इस्तेमाल किसी अच्छे विशेषज्ञ से परामर्श से बाद ही करना चाहिए क्योंकि सभी को आयुर्वेद का ज्ञान नहीं होता है। यदि आप गलत आयुर्वेदिक दवा ले लेते हैं तो आपको नुकसान भी हो सकता है।
बवासीर और फिशर के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां
बवासीर और फिशर जैसी समस्याओं के इलाज के लिए लोग अक्सर आयुर्वेदिक दवाइयां पर निर्भर रहते हैं। यही कारण है कि इस लेख में हम आपको बवासीर और फिशर की आयुर्वेदिक दवाइयां के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
* अश्वगंधा है बेहतरीन दवाई: अश्वगंधा को आयुर्वेद में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि आप अश्वगंधा का इस्तेमाल फिशर और बवासीर जैसी समस्याओं से लड़ने के लिए करते हैं तो यह इसके लक्षणों को काफी हद तक कम कर देता है।
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* त्रिफला की मदद ले: यदि आप अपने इलाज के लिए किसी आयुर्वेदिक औषधि की तलाश में है तो यकीनन आपको इसके लिए त्रिफला का सहारा लेना चाहिए। क्योंकि त्रिफला एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक दवाई है जिसके माध्यम से फिशर और बवासीर के लक्षणों को काम किया जा सकता है यह बहुत ज्यादा प्रभावित होती है
बवासीर और फिशर से राहत के लिए आयुर्वेदिक उपचार
नीचे हम बवासीर और फिशर से राहत के लिए आयुर्वेदिक उपचारों पर चर्चा करने जा रहे हैं।
* तुलसी की पत्तियां: आप चाहे तो बवासीर के उपचार के लिए तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इससे आपको सूजन और दर्द दोनों में ही राहत मिलेगी। तुलसी की पत्तियां फिशर से राहत देने के लिए भी जानी चाहती हैं।
* अश्वगंधा होगा फायदेमंद: यदि आप चाहे तो बवासीर और फिशर दोनों से ही राहत पाने के लिए अश्वगंधा का उपयोग भी कर सकते हैं।
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* अमलकी का चूर्ण: अमलकी के चूर्ण से भी आपको फिशर और बवासीर में राहत मिलती है।
* गुग्गल: आप चाहे तो फिशर और बवासीर दोनों के लक्षणों को कम करने के लिए गुगग़ल का सहारा ले सकते हैं।
आपको बवासीर और फिशर से राहत देने के बारे में हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख कैसा लगा यह आप हमें अवश्य बताएं। इस लेख में हमने आपको बवासीर और फिशर दोनों से ही राहत पाने के आयुर्वेदिक और घरेलू दोनों उपचारों के बारे में विस्तार से बताया हैं। यहां पर हमने आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में भी आपको बताया है। यदि आप इसमें से किसी भी उपाय को अपनाना चाह रहे है तो आपको पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। क्योंकि इस लेख की चिकित्सा पुष्टि कर पाना हमारे लिए संभव नहीं है।