पवित्र अश्वत्थ पौधे के बारे में आप सभी लोग जानते होंगे। हिंदू धर्म के लोग इस पौधे की पूजा किया करते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं पीपल के वृक्ष की। अब तो आपको इससे जुड़े सभी पूजा पाठ याद आ गए होंगे। इसके अलावा इसके बहुत से चिकित्सा के फायदे भी हैं। लेकिन आज का हमारा उद्देश्य आपको इससे जुड़ी पूजा बताना नहीं है बल्कि हम आपको पवित्र अश्वत्थ पौधे के उपयोग, लाभ और वैज्ञानिक नामबताने जा रहे हैं।
पवित्र अश्वत्थ पौधे का वैज्ञानिक नाम
सबसे पहले हम इस पौधे का वैज्ञानिक नाम जानेंगे। इसके बाद हम इस पौधे के उपयोग और लाभ के बारे में बहुत ज्यादा विस्तार से जानेंगे।
* फिकस रिलीजिओसा पवित्र अश्वत्थ पौधे यानी कि पीपल का वैज्ञानिक नाम है और यह अंजीर की प्रजाति से संबंध रखने वाला एक पेड़ है। इसके अलावा यह शहतूत के परिवार से संबंध रखता है। यह आपको भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सा में देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा इस पीपला वृक्ष और बोधि वृक्ष भी कहा जाता है।
पवित्र अश्वत्थ पौधे के लाभ
इस पौधे का धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध धर्म के लोग इस पौधे की पूजा किया करते हैं।
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* यदि बात इस पौधे के मुख्य लाभ की हो रही है तो बता दे कि इस पौधे का इस्तेमाल करने से किसी भी व्यक्ति को बहुत ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाती है। जहां अन्य पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन के साथ व्यवहार करते है तो दूसरी ओर यह पेड़ बस ऑक्सीजन के साथ व्यवहार करता है।
इसीलिए व्यक्ति को स्वस्थ ऑक्सीजन पाने के लिए हमेशा इस वृक्ष के आसपास रहना चाहिए। यदि सुबह-सुबह इस वृक्ष के आसपास टहला जाए तो आपको बहुत सी बीमारी से छुटकारा मिला रह सकता है।
पवित्र अश्वत्थ पौधे के उपयोग
पवित्र अश्वत्थ पौधे के बहुत से उपयोग है लोग इसकी पूजा करते हैं तो दूसरी ओर लोग इसका कई बीमारियों में भी इस्तेमाल कर रहे है। नीचे हम इसके सभी उपयोग के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं।
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* पारंपरिक चिकित्सा में इस पौधे का इस्तेमाल अस्थमा से राहत पाने के लिए किया जाता रहा है।
* मधुमेह के रोगी भी इस पौधे का इस्तेमाल करते हैं जिससे कि उनका मधुमेह ठीक हो जाता है। हालांकि आपको यह डॉक्टर से पूछना चाहिए कि मधुमेह के रोगी को इस वृक्ष का इस्तेमाल किस प्रकार करना है और यह आपको आयुर्वेदाचार्य ही अच्छे से बता सकता है
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* सूजन संबंधित सभी विकारों का इलाज पवित्र अश्वत्थ पौधे के माध्यम से किया जा सकता है। चेहरे की किसी भी हिस्से की सूजन को इस पौधे के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
* इस पौधे के इस्तेमाल से यौन विकारों से भी छुटकारा मिल जाता है यही कारण है कि आयुर्वेद में भी इस पौधे का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। यह पवित्र होने के साथ ही अपने भीतर बहुत से लाभ भी समाएं हुए हैं। इसके लिए आप इसका इस्तेमाल धार्मिक चीजों में तो कर ही सकते है। साथ ही आप इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की दवाइयां के रूप में भी कर सकते हैं।
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* यदि किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की गैस्ट्रिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाएं जिससे कि उसे काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है। तो बता दे कि आप गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत पाने के लिए पीपल के पेड़ का फायदा ले सकते हैं।
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* दस्त लगने की स्थिति में भी इस वृक्ष का इस्तेमाल किया जा सकता है दस्त लगने की स्थिति में है आपको बहुत ज्यादा फायदे पहुंचा सकता है। यही कारण है कि लोग दस्त लगने के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं आयुर्वेद में बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है।
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* यदि किसी व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो वह यकीनन पीपल के पेड़ से फायदा ले सकते हैं। मिर्गी वाले व्यक्ति को पीपल के पेड़ के अद्भुत फायदे देखने को मिलते हैं। आयुर्वेद में भी यह बात लिखी गई है इसलिए यदि आप मिर्गी के रोगी हैं तो आपको पीपल के पेड़ से फायदे लेने चाहिए।
* संक्रामक रोगों के दौरान भी इस पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को कोई ऐसा रोग हो गया है जो कि किसी संक्रमण के कारण हुआ है फिर चाहे वह कैसा भी संक्रमण हो तो वह इस पौधे का इस्तेमाल कर लाभ उठा सकता है।
पवित्र अश्वत्थ पौधे के उपयोग, लाभ और वैज्ञानिक नाम आपको अवश्य पसंद आया होगा और अब आप इस पौधे के फायदे के बारे में जानकारी इनका इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे लेकिन हम आपको यह सलाह देना चाहते हैं कि आपको किसी भी बीमारी में किसी भी चीज का उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। यदि आप इस लेख से जुड़े सुझाव हमें देना चाहते हैं तो कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं।
4 comments
पीपल के पेड़ के बारे में अपने अच्छी जानकारी बताई है इस जानकारी को बताने के लिए धन्यवाद क्योंकि हमें वैसे पीपल की पेड़ की पूजा करनी चाहिए क्योंकि शनिवार वाले दिन खासकर क्योंकि पीपल के पेड़ में शनिवार वाले दिन शनि जी विराजमान रहते हैं क्योंकि शनिवार को हमें पीपल के पेड़ के नीचे उनका दिया जलाना चाहिए तेल से क्योंकि और काले तिल और ₹1 का सिक्का या गुड बीच चढ़ाना चाहिए धन्यवाद
वैसे हमें पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए क्योंकि यह हमारा एक ऐसा पेपर का पेड़ होता है जो बरसों से लोग इसकी पूजा करते आ रहे हैं इसकी पूजा एक ऐसी पूजा होती है जिसे भगवान खुश होते हैं शनिवार वाले दिन पीपल के पेड़ में शनि होते हैं जिससे हम पीपल के पेड़ पर उनका सनी के नाम पर एक दीप जलते हैं
पीपल के पेड़ की पूजा हमेशा हिंदू धर्म में की जाती है और कोई धर्म में इसकी पेड़ की पूजा नहीं होती क्योंकि हिंदू धर्म ही इसकी पूजा करता आ रहा है काफी साल पहले पीपल का पेड़ बहुत ही शुभ माना जाता था और अब भी इसको शुभ माना जाता है ताकि लोग बाग इसकी लकड़ियां को ना काटे इसकी पूजा करते रहे यह पेड़ बहुत ही हिंदू धर्म में सब माना जाता है इसकी सब लोग हिंदू पूजा करते हैं
पीपल के पेड़ की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है क्योंकि इसकी पूजा करने से पहले हमें कुछ नियम निभाना होते हैं और पूजा करने के बाद भी कुछ नियम निभाना होते हैं क्योंकि नियम निभाने से ही पेट की पूजा सफल मानी जाती है वरना असफल पूजा मानी जाती है इसकी पूजा करने से पहले पंडित जी से सलाह जरूर ले क्योंकि पूजा करने से पहले हमें पंडित जी से नियम पूछने होते हैं ताकि हमें बाद में कोई दिक्कत ना हो