हमारे आसपास बहुत से पेड़ पाए जाते हैं। इनमें से कई तो ऐसे होते हैं जो बहुत ही बेहतरीन दवाइयां के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन हमें इनके बारे में हमें नहीं पता होता है। इसीलिए इन्हें हम मात्र हरियाली फैलाने का एक तरीका मान लेते हैं। लेकिन उनके बारे में जानकारी होना बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको कपिकच्छु क्या है साथ इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
कपिकच्छु क्या है?
यह एक प्रकार की फली होती है जो की उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाई जाती है। यह फलियां बहुत से औषधीय गुणों से भरी हुई होती है। इसके पुष्पों का रंग लैवेंडर, बैंगनी और सफेद होता है। लगभग 10 सेंटीमीटर लंबी यह फली नारंगी रंग के बालों से ढकी हुई होती है और यदि इन पर हाथ पांव लग जाता है यानी कि यदि यह त्वचा को छू जाती है तो आपको बहुत ज्यादा खुजली का सामना करना पड़ सकता है। फली के अंदर से बीज निकलते हैं जिनका उपयोग किया जाता है और वह काले या फिर गाढ़े भूरे रंग के होते हैं।
कपिकच्छु के इस्तेमाल से होने वाले फायदे
यदि आप कपिकच्छु की फलियों का इस्तेमाल करते हैं तो आपको काफी फायदे देखने को मिल सकते हैं क्योंकि यह एक बहुत ही बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि मानी गई है। नीचे हम आपको इसके फायदे के बारे में बताएंगे।
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* आपके शरीर में किसी भी कारण से आ रही सूजन को यह काम करने में मदद कर सकता है। जी हां इसमें सूजनरोधी गुण आपके शरीर की सूजन कम हो जाती है।
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* पार्किंसस नामक रोग में भी यह फली आप बचाव के लिए या फिर इलाज के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यदि आप पीडी रोग से ग्रसित है और चाह रहे हैं कि इसका कोई लॉन्ग टर्म इलाज किया जाए तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि पीडी रोग के लॉन्ग टर्म इलाज के लिए यह फली फायदेमंद साबित होती है।
* यदि किसी व्यक्ति को आराम करने के बाद भी थका थका महसूस हो रहा है तो वह इसका इस्तेमाल कर सकता है या फिर किसी व्यक्ति को नींद नहीं आ रही है तो भी वह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दोनों ही समस्याओं में यह बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि यह आपके शरीर को उच्च डोपामाइन प्रदान कर सकता है और जब हमारे शरीर में डोपामाइन की मात्रा उच्च होती है तो हम विश्राम अच्छे से कर सकते हैं। इसके माध्यम से आपके शरीर को एल्डोपा मिलता है जो की डोपामाइन को आपके पेनियल ग्रंथि तक पहुंचाने में मदद करता है जिसके माध्यम से व्यक्ति को नींद अच्छी आती है।
* यदि आप नियमित रूप से इसके बीजों से बना हुआ काढ़ा पीना शुरू कर देते हैं तो यदि आपका मन और दिमाग अशांत रहता है तो उसमें आपको शांति मिलने लगती है। आपको सुकून का एहसास होने लगता है। साथ ही यदि आप चिड़चिड़े स्वभाव के बने रहते हैं तो आपका चिड़चिड़ापन भी इसके बीज से बने काढ़े के द्वारा दूर हो सकता है।
* तंत्रिका तंत्र से संबंधित किसी भी प्रकार के रोग के लिए यह बीज काफी पुराने समय से इस्तेमाल किए जाते रहे हैं। मस्तिष्क के पूर्ण रूप से विकास के लिए भी इन बीजों का इस्तेमाल किया जाता है।
* इसका इस्तेमाल पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए भी किया जाता है और यह उसमें काफी कारगर भी साबित होता है। इसके अलावा यह शुक्राणुओं का आकार भी बढ़ा देता है और उनकी मोबिलिटी को भी बढ़ा देता है। क्योंकि इसमें अल डोपा नामक कंपाउंड मौजूद होते हैं यह मस्तिष्क में डोपामाइन को डेवलप करने में भी मदद करते हैं। जिससे कि हारमोंस की फर्टिलिटी बढ़ जाती है। इसके भीतर एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो कि पुरुषों को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाए रखने में मदद करते हैं।
कपिकच्छु के नुकसान
वैसे तो इसके कोई दुष्प्रभाव अब तक सामने नहीं आए हैं या फिर हम यह भी कह सकते हैं कि इसके दुष्प्रभाव पर अभी तक कोई रिसर्च नहीं की गई है। लेकिन जैसे कि इसके फायदे में हम आपको बता चुके है कि यह एल डोपा की मात्रा को उच्च कर देता है तो इसका इस्तेमाल सोच समझ कर ही किया जाना चाहिए।
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* बच्चों को इस दवाई का सेवन करवाते वक्त खास तरह की सावधानियां बढ़ती जानी चाहिए।
* गर्भवती महिलाओं को भी बहुत सोच समझने के बाद इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
* धात्री महिलाओं को भी यह सलाह दी जाती है कि वह इसका इस्तेमाल सोच समझकर करें।
इस लेख में हमनें आपको कपिकच्छु के बारे में बताने का प्रयास किया है। हमने आपको बताया है कि यह क्या है साथ ही हमने आपको इसके फायदे और नुकसानों के बारे में भी बताया है। हमने यह भी बताया कि आप इसका उपयोग कब कर सकते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार की जड़ी बूटी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।