चव्य पौधा-वानस्पतिक नाम, उपयोग, लाभ और अधिक
के बारे में जानकर आपको बहुत ज्यादा लाभ पहुंचेगा क्योंकि प्रकृति ने हमें कई ऐसे वानस्पतिक पदार्थ दिए हैं जिनका हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्व है। लेकिन हम उनके बारे में नहीं जानते हैं। इसी क्रम में हम आपको चव्य पौधे के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
चव्य पौधा–वानस्पतिक नाम
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि इस पौधे का वानस्पतिक नाम क्या है। बता दें कि पाइपरेसी परिवार से संबंध रखने वाले इस औषधि पौधे का वानस्पतिक नाम पाइपर रेट्रोफ्रैक्टम वाहल है जो की एक फूलों वाली बेल होती है और उसके पत्तों और सूखी हुई जड़ों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की औषधियां को तैयार करने के लिए किया जाता है।
चव्य पौधे के लाभ
बड़ी पिप्पली के नाम से जाने जाने वाला यह पौधा कई प्रकार के लाभ आपको दे सकता है। यह कई प्रकार की बीमारियों से आपको निजात दिला सकता है जैसे की सांस से संबंधित रोग के दौरान, मिर्गी के दौरान, खांसी बुखार के दौरान, पाचन संबंधित समस्याओं के दौरान यह आपको लाभ पहुंचाने के लिए जाना जाता है।
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इसके अलावा इस पौधे में बहुत से सूजन रोधी गुण पाए जाते हैं इसीलिए यह आप को ऐसी समस्या से राहत दिला सकता है जिसमें कि आपकी सूजन का सामना करना पड़ता है। नीचे इसके सभी उपयोगों पर हम विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं।
चव्य पौधे के विभिन्न उपयोग क्या है?
इस पौधे का इस्तेमाल आप कई तरह के गुण को प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। यह कई तरह की बीमारियों को मात देने के लिए भी जाना जाता है। नीचे हम आपको इसके सभी उपयोगों के बारे में बता रहे हैं।
* पाचन में: यदि किसी व्यक्ति को बदहजमी या फिर किसी प्रकार की पेट से संबंधित समस्याएं जो की पाचन से संबंधित होती है हो रखी है तो वह इस पौधे का इस्तेमाल कर लाभ उठा सकते हैं। कब्ज आदि की समस्या में भी यह पौधा आपको लाभ देने के लिए जाना जाता है।
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* श्वास रोग में: सांस से संबंधित समस्या होने पर भी आप इस पौधे का इस्तेमाल कर लाभ उठा सकते हैं। दमे और फेफड़ों की समस्या में भी यह लाभ दिलाता है। यदि फेफड़ों में सूजन की समस्या हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति को सांस लेते में समय विभिन्न प्रकार की समस्या देखनी पड़ती है।
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* टीबी में फायदेमंद: यदि किसी व्यक्ति को टीबी जैसा रोग हो गया है तो वह इस पौधे का इस्तेमाल विभिन्न जड़ी बूटियां के साथ मिलाकर कर सकता हैं जिससे कि उसे तुरंत लाभ होगा।
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* बवासीर में फायदेमंद: बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाए तो जल्दी से ठीक नहीं होती है। इसका इलाज समय रहते करवा देना चाहिए। ऐसे में इस पौधे की जड़े आपको इस बीमारी से लड़ने में मदद कर सकती है और उसे पूरी तरह से समाप्त करने में भी आपकी मदद कर सकती है।
* मिर्गी के दौरान: मिर्गी की समस्या एक ऐसी समस्या है जिसके दौरान यह पौधा चूर्ण के रूप में लिए जाने पर आपकी मदद कर सकता है।
चव्य पौधे के साइड इफेक्ट्स
यदि आप इस पौधे का इस्तेमाल औषधीय रूप में करते हैं तो यकीनन आपको कुछ प्रकार के साइड इफेक्ट भी देखने को मिल जाते हैं। नीचे इसके सभी साइड इफेक्ट्स पर हम प्रकाश डालने जा रहे हैं।
* नींद की समस्या: यदि आप इस पौधे का इस्तेमाल करते हैं तो आपको कुछ प्रकार के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं जैसे कि इससे आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है या फिर आपकी नींद बार-बार खुल सकती है।
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* मधुमेह: यदि मधुमेह के रोगी इस पौधे का इस्तेमाल कर लेते हैं तो इससे उनका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है।
* एलर्जी: हालांकि यह साइड इफेक्ट सभी में देखने को नहीं मिलता है। लेकिन कुछ व्यक्ति को इस पौधे से साइड इफेक्ट हो सकते हैं जिससे कि उनके शरीर पर खुजली हो सकती है, लाल रैशेज हो सकते हैं और भी कई समस्याएं हो सकती है।
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* दिल के रोग: इस पौधे का इस्तेमाल करने से आपको विभिन्न प्रकार के दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। जैसे कि आपके दिल की धड़कन तेज हो सकती है या फिर आपके दिल की मांसपेशियों में कमजोरी का एहसास हो सकता है।
आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा चव्य पौधा-वानस्पतिक नाम, उपयोग, लाभ और अधिक पर लिखा गया यह लेख पसंद आया होगा और इससे आपको इस पौधे के बारे में अच्छे से जानकारी मिली होगी। अब इस पौधे के औषधीय लाभ उठाने के लिए आप तैयार होंगे। साथ ही हम आपको यह सलाह देना चाहते हैं कि किसी भी प्रकार से इस लेख को पढ़कर इस पौधे की किसी औषधि का इस्तेमाल न करें। आपको इससे पहले विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।