बकुल वृक्ष के बारे में तो आप सभी जानते होंगे यह अपने आप में बहुत ज्यादा चमत्कारी वृक्ष होता है और इसका इस्तेमाल लोग सदियों से करते आए हैं। दरअसल हमारे आसपास बहुत से वृक्ष पाए जाते हैं ऐसे में एक वृक्ष की पहचान कर पाना संभव नहीं है। लेकिन यहां पर हम आपको बकुल वृक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे कि आपको इस वृक्ष की पहचान महत्व सभी के बारे में पता चल जाएगा।
बकुल वृक्ष के महत्व
सबसे पहले हम इस लेख की शुरुआत यह जानने से करेंगे कि आखिर इस वृक्ष के फायदे क्या होते हैं और इस वृक्ष की इतनी ज्यादा महत्वता क्यों है।
* पौराणिक कारण: माना जाता है कि बहुत से हिंदू ग्रंथो में इस वृक्ष का उल्लेख मिलता है इसीलिए इसे बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इसका उल्लेख बहुत ज्यादा पौराणिक संदर्भ में भी देखने को मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि रामायण के समय में जब हनुमान के नेतृत्व वाली सेना रावण से लड़ रही थी तो उन्होंने हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बकुल के वृक्ष को ही उखाड़ा था।
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* अन्य कारण: इसके अलावा इस वृक्ष की महत्वता इसलिए भी है क्योंकि इसके माध्यम से बहुत सी बीमारियों का उपचार किया जाता है और इसका उल्लेख बहुत से आयुर्वेदिक दवाइयां में भी देखने को मिलता है।
बकुल वृक्ष की पहचान
दरअसल हमारे आसपास इतनी ज्यादा पौधे और वृक्ष पाए जाते हैं कि इनमें से एक पौधे और वृक्ष की पहचान कर पाना संभव नहीं है यही कारण है कि नीचे हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आप बकुल वृक्ष की पहचान किस प्रकार से कर सकते हैं।
* 12 से 25 मिनट मीटर तक लंबा यह वृक्ष सदाबहार होता है। यह पौधा देखने में बहुत ज्यादा चमकदार होता है और इसकी पत्ती ऐसी होती है जैसे कि वह चमड़े की बनी हुई हो। हालांकि वह आकार में ज्यादा बड़ी नहीं होती है। इस पर हमेशा नारंगी रंग के बहुत ज्यादा फूल लगे होते हैं जो की आकार में बहुत ज्यादा छोटे होते हैं। इसकी छाल भूरे रंग की टूटी टूटी होती है और इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं। इन विशेषताओं को देखकर आप बकुल वृक्ष की पहचान कर सकते है।
बकुल वृक्ष के फायदे
यदि आप बकुल के वृक्ष का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इससे बहुत से फायदे हो सकते हैं। नीचे हम आपको इसके सभी फायदों के बारे में एक-एक कर विस्तार से बताने जा रहे हैं।
* खांसी: खांसी की समस्या में भी आप इस पौधे की मदद से लाभ पा सकते हैं इसके लिए आपको इसके चूर्ण और इसके पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है।
* अल्सर: बकुल के वृक्ष के इस्तेमाल से व्यक्ति को अल्सर में भी राहत मिलती है।
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* दांतों के लिए: यदि आपको दांतों की समस्या हो रही है जैसे कि आपके दांत सड़ रहे हैं या फिर आपकी मसूड़े से खून आ रहा है। इसके अलावा आपको दांत से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है तो बकुल के वृक्ष का इस्तेमाल करने से आपकी यह समस्या ठीक हो सकती है। इसके लिए आपको बकुल के वृक्ष की छाल का इस्तेमाल करना चाहिए।
* कब्ज: यदि किसी व्यक्ति को कब्ज की समस्या से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो बकुल का वृक्ष आपको कब्ज की समस्या से राहत दिलाने के लिए भी जाना जाता है।
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* मुंह के छाले: व्यक्ति को मुंह में छाले किसी भी कारण से हो सकते हैं यदि आप में से किसी को भी मुंह में छालों की समस्या है तो आपको बकुल के वृक्ष के अर्क का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इससे मुंह के छालों की समस्या से राहत मिल जाती है।
बकुल वृक्ष को उगाने के तरीके
यकीनन आप बकुल वृक्ष के फायदे को जानने के बाद इसे उगाने के तरीके के बारे में सोच रहे होंगे। यही कारण है कि हम आपको इस वृक्ष को उगाने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।
* सबसे पहले आपको एक गड्ढा करना है और उसमें अच्छे से वर्मी कंपोस्ट डाल लेना है। आपको पेड़ इस गड्ढे में लगा देना है और ऊपर से थोड़ा सा पानी डालना है याद रहे जड़ों में फैलने के लिए पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए। यह वृक्ष अम्लीय और तटस्थ में ज्यादा अच्छी तरह बढ़ता है। इस पौधे को उगाने के लिए आपको लवणीय मिट्टी का उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह इसी में ज्यादा अच्छे से उगता है हालांकि यह सामान्य मिट्टी में भी उग जाता है।
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इस लेख के माध्यम से हमने आपको बहुत ही प्रख्यात बकुल वृक्ष के बारे में बहुत सी बातें बताई हैं। हमने आपको यह बताया कि आप इस वृक्ष को घर पर कैसे उगा सकते हैं। हमने आपको इस वृक्ष के महत्व और फायदा के बारे में भी बताया है। यदि आप इस लेख से संबंधित कोई भी सुझाव हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट सेक्शन में दे सकते हैं।