भारतीय सभ्यता में आयुर्वेद के उपचार को नकारा नहीं जा सकता है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद का बहुत महत्व रहा है और लोग आयुर्वेदिक माध्यम से अपना उपचार करवाते रहे हैं।संस्कृत शब्द आयुर्वेद का अर्थ जीवन का ज्ञान है।
नीचे हम आपको आयुर्वेद के महत्व और आयुर्वेदिक उपचार के फायदे दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं। आयुर्वेद, एक प्राचीन भारतीय समग्र उपचार प्रणाली, हजारों वर्षों से प्रचलित है और आज भी व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त और सम्मानित है।
संस्कृत शब्द “अयुर” जिसका अर्थ है जीवन और “वेद” जिसका अर्थ है ज्ञान, से व्युत्पन्न, आयुर्वेद का अनुवाद “जीवन का ज्ञान” या “जीवन का विज्ञान” है।
यह प्राचीन प्रथा इस विश्वास के इर्द-गिर्द घूमती है कि मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करके इष्टतम स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त किया जा सकता है।
आयुर्वेद आहार, हर्बल उपचार, ध्यान, योग और जीवनशैली प्रथाओं सहित विभिन्न तरीकों के माध्यम से सद्भाव और संतुलन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह प्रत्येक व्यक्ति को अपने विशिष्ट शारीरिक और मानसिक संविधान के साथ अद्वितीय मानता है, जिसे दोष के रूप में जाना जाता है।
आयुर्वेद क्या है? – (What is Ayurveda)
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के लिए समूचे उपचार प्रणाली को वर्णन करती है। आजकल, स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में आयुर्वेद का महत्व बढ़ता जा रहा है।
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर एक विशिष्ट तत्त्व मिश्रण होता है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग होता है। इसलिए, आयुर्वेद में उपचार भी व्यक्ति के रूपांतर के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
इस पोस्ट में, हम आपको आयुर्वेद के बारे में विस्तार से बताएंगे जिससे आप इस चिकित्सा पद्धति को समझ सकेंगे।
- आयुर्वेदिक उपचार का सबसे अच्छा फायदा यही है कि आयुर्वेदिक दवाओं का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- आयुर्वेदिक उपचार एलोपैथिक उपचार की तरह बहुत अधिक महंगा भी नहीं होता है यह आम आदमी की पहुंच तक है।
- क्योंकि आयुर्वेदिक उपचार में योग, प्राणायाम और संतुलित आहार शामिल है इसीलिए इसके किसी भी साइड इफेक्ट की संभावना बहुत ही कम होती है।
- इसे इलाज के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक माना जाता है हालांकि यह लाभ पहुंचाने में थोड़ा वक्त लगाता है लेकिन यह बीमारी का इलाज जड़ से कर देता है।
- आयुर्वेदिक दवाइयां शरीर और दिमाग को डिटॉक्सिफाई करने का कार्य करती है।
- आयुर्वेदिक दवाइयां शरीर के विभिन्न अंगों को इस लायक बनाती है कि वह बीमारियों से खुद ही लड़ सके ना की उन्हें बीमारी से लड़ने के लिए किसी भी दवा का सहारा लेना पड़े।
- आयुर्वेदिक दवाइयां प्राकृतिक रूप से मनुष्य के शरीर को ऊर्जा पहुंचने का कार्य करती है।
- आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर का संतुलन बना रहता है।
- आयुर्वेदिक दवा का सेवन शुरू करने के बाद व्यक्ति के शरीर को सुकून मिलता है और दिमाग को शांति का अनुभव होता है जिससे कि उसे ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता।
- आयुर्वेद में बड़े से बड़े रोग का इलाज भी मौजूद है लेकिन यह बता पाना मुश्किल है कि किस रोग से निपटारा पाने में कितना वक्त लगेगा। क्योंकि आयुर्वेदिक दवाइयां अपना असर देर से दिखाना शुरू करती है।
क्योंकि आयुर्वेदिक दवाइयां में प्राकृतिक रूप से प्राप्त की गई वस्तुएं शामिल है इसीलिए इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि आपको इन दवाइयां से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट हो सकता है।
हां कुछ जड़ी बूटियां बहुत अधिक गर्म होती है तो यह जरूर हो सकता है कि जिस व्यक्ति को गर्म खाने से दिक्कत होती है उसे थोड़ी बहुत दिक्कत का सामना करना पड़े। ऐसे में वह दूसरी ओर किसी ठंडे पदार्थ का सेवन कर सकता है।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि बीपी लो कैसे ठीक होता है तो यहां पर क्लिक करें और जानें कि क्या है आयुर्वेदिक उपचार बीपी को ठीक करने का ।
आयुर्वेद का परिचय – (Introduction to Ayurveda)
आयुर्वेद, भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। इस चिकित्सा पद्धति का उद्देश्य हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखना है।
आयुर्वेद सिद्धांत पर आधारित होते हुए शरीर की प्राकृतिक रक्षा करने और रोगों का निदान करने का काम करता है।
आप जानना चाहते हैं कि सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे तो दिए हुए लिंक पर क्लिक करके आप इस विषय की पूरी जानकारी विस्तार सहित प्राप्त कर सकते हैं।
आयुर्वेद के शब्द में “आयुर” जीवन और “वेद” ज्ञान का अर्थ होता है। यह शास्त्र बताता है कि हमारे जीवन का स्वास्थ्य कैसे बना रह सकता है और उसे कैसे बनाए रखा जा सकता है। इसके अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष (वात, पित्त, कफ) होते हैं, और ये दोषों का संतुलन हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।
आयुर्वेद का मूल मंत्र है “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं” यानी स्वस्थ रहने का ध्यान रखने और बीमारियों को ठीक करने का उपाय।
जैतून का तेल के फायदे यहां पर क्लिक करके जाने और यह भी जाने की आयुर्वेद में जैतून का तेल कैसे फायदा करता है और किस बीमारी के उपचार में सहायक है ।
आयुर्वेद का इतिहास – (History of Ayurveda)
आयुर्वेद, भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए उपयोगी है। इस शास्त्र का इतिहास महान और समृद्ध है, जो लगभग 5000 वर्ष पुराना है।
आयुर्वेद का इतिहास भारतीय वैदिक साहित्य में प्रकट होता है, जिसमें चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं और तकनीकों का वर्णन किया गया है। इसे भारतीय ऋषियों ने खोजा था और उनके अनुभवों के आधार पर यह प्रणाली बनी
आयुर्वेद का मतलब होता है ‘जीवन का विज्ञान’।
- आयुर्वेद का इतिहास वैदिक काल से शुरू होता है, जब यह परंपरागत विद्या गुरु और छात्र के बीच गुरुशिष्य परंपरा के रूप में संचलित होती थी।
- यदि आप सुखी खांसी का इलाज ढूंढ रहे हैं तो आयुर्वेद है इसका उपचार ।
- इसके मूल लेखक धन्वंतरि महर्षि माने जाते हैं, जिन्होंने आयुर्वेद के महत्वपूर्ण दर्शन और निरूपण को विवरणीकृत किया है।
उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में ‘चरक संहिता’, ‘सुश्रुत संहिता’, और ‘अष्टांग हृदय’ शामिल हैं, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के मूल आधार साबित हुए है। यह हमें बताता है कि कैसे हम स्वस्थ और खुशहाल रह सकते हैं।
आयुर्वेद के तत्व और सिद्धांत – (Elements and principles of Ayurveda)
आयुर्वेद जीवन की विज्ञान है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और व्यंजन को संतुलित रखना है। इस विज्ञान का मानना है कि शरीर, मन और आत्मा एक मिलनसार हैं और स्वस्थ रहने के लिए इनके संतुलन को बनाए रखना आवश्यक है।
- आयुर्वेद में पांच महत्वपूर्ण तत्व हैं – भूमि (पृथ्वी), जल (जल), अग्नि (आग), वायु (वायु) और आकाश (आकाश)। ये प्राकृतिक तत्व शरीर के संतुलन को निर्माण करते हैं और रोग के लक्षणों का विश्लेषण करने में मदद करते हैं।
- आयुर्वेद में तीन गुण भी महत्वपूर्ण हैं – सत्त्व (मनोवृत्ति की शांति और स्थिति), रजस (उत्तेजना और गतिविधियाँ) और तमस (अकार्यक्षमता और उदासीनता)। इन गुणों का संतुलन हमारे शरीर और मन की स्थिति पर प्रभाव डालता है।
- आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन प्रकार की शक्तियाँ होती हैं – वात, पित्त और कफ। ये शक्तियाँ हमारे शरीर के काम को नियंत्रित करती हैं। जब ये शक्तियाँ संतुलित रहती हैं, तब हम स्वस्थ रहते हैं।
लेकिन जब ये शक्तियाँ असंतुलित होती हैं, तब हम बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए हमें अपने खान–पान और व्यवहार पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।
जाने आयुर्वेद के अनुसार क्या है तुरंत बीपी कम करने के उपाय।
त्रिदोष: वात, पित्त, कफ – (Tridosha: Vata, Pitta, Kapha)
आयुर्वेद, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो स्वास्थ्य और रोगों के लिए प्राकृतिक उपचार प्रदान करती है। यह चिकित्सा पद्धति हजारों वर्षों से भारत में प्रचलित है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त है। आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है “त्रिदोष”।
त्रिदोष एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “तीन दोष”। इस सिद्धांत के अनुसार, हमारे शरीर में तीन प्रमुख शक्तियां होती हैं जिन्हें त्रिदोष कहा जाता है: वात, पित्त, और कफ। ये तीनों दोष शरीर की स्थिति और स्वास्थ्य को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वात, पित्त, और कफ त्रिदोषों के प्रत्येक का अपनी विशेषताएं होती हैं। वात त्रिदोष वायु और आकाश महाभूतों से सम्बन्धित है और शरीर में गतिशीलता, चलने-फिरने, और संचार की विशेषताएं नियंत्रित करता है।
आयुर्वेद के जरिए पा सकते हैं आप एड़ी के दर्द का पक्का इलाज ।
आयुर्वेद में स्वास्थ्य के सूत्र – (Health Formulas in Ayurveda)
- दिनचर्या (Daily Routine): आयुर्वेद में दिनचर्या का अत्यंत महत्व होता है। हमें नियमित रूप से सोना, उठना, खाना–पीना और व्यायाम करना चाहिए।
- आहार (Diet): सही प्रकार के आहार का सेवन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। हमें फल, सब्जियाँ, अनाज और दूध के उत्तम स्रोत का सेवन करना चाहिए।
- योग और प्राणायाम (Yoga and Pranayama): योग और प्राणायाम करने से हमारे शरीर की क्रियाएँ सही तरह से काम करती हैं और हम तंदुरुस्त रहते हैं।
- ध्यान (Meditation): आयुर्वेद में ध्यान को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ध्यान करने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और हम तनाव से मुक्त होते हैं।
ध्यान दें: सुहागा के फायदे
प्राकृतिक प्रकृति और विकृति – (Natural Nature and Distortion)
आयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति का शरीर एक विशेष प्रकृति या प्राकृतिक स्वभाव रखता है। इस प्रकृति का निर्धारण करने के लिए, आयुर्वेदिक वैद्य प्रकृति परिक्षण का उपयोग करते हैं।
प्राकृति परिक्षण में, वैद्य व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक गुणों की जांच करता है और उसे वात, पित्त और कफ या तीनों की संयोग से मिल जाता है।
इसके अलावा, आयुर्वेद में ‘विकृति’ भी महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्थिति का विवरण करता है जो प्रकृति के विपरीत हो सकता है। विकृति शारीरिक और मानसिक रोग, तनाव, आहार और जीवनशैली के परिणामस्वरूप हो सकती है।
यहां पर पढ़ें अश्वगंधा के फायदे हिंदी में । वह फायदे और नुकसान जो ना कभी आपने सुने होंगे ना आपको किसी ने बताए होंगे।
आयुर्वेद के अनुसार, व्यक्ति की प्रकृति और विकृति का समंजन रखना उसके स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आवश्यक है। इसके लिए, वैद्य उपाय और उपचार की सिफारिश कर सकते है
आयुर्वेद में उपचार पद्धतियाँ – (Treatment Methods in Ayurveda)
क्या आपने कभी अपने दादी–नानी से सुना है कि उनके समय में बिना दवाई के ही लोग बीमारियों से बचे रहते थे? क्या उनके पास कोई जादुई ताकत थी? जी नहीं, फिर भी वे हमेशा स्वस्थ रहते थे। पर कैसे? जी हां, इसका राज आयुर्वेद में छिपा है!
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा की संतुलन और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए विभिन्न उपायों का उपयोग करती है। आयुर्वेद में उपचार के लिए कई विभिन्न पद्धतियाँ उपयोग में लाई जाती हैं।
यह पद्धतियाँ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए विशेष तरीकों को सम्मिलित करती हैं।
- आहार और पौष्टिकता: आयुर्वेद में आहार को एक महत्वपूर्ण उपचार पद्धति माना जाता है। इसमें संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जो शरीर की स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देता है। यह आहार रस, गुणा, वीर्य, विपाक, और प्रभाव के आधार पर क्लासिफाइड किया जाता है।
- जीवन शैली और दिनचर्या: आयुर्वेद में स्वस्थ जीवन शैली और नियमित दिनचर्या का महत्व बताया जाता है। यह सिर्फ आह
आयुर्वेद में बीमारियों का इलाज अथवा उपचार करने के लिए तरह–तरह की चीजें इस्तेमाल होती हैं। यहाँ कुछ उपचार बताए जा रहे हैं ज़रा ध्यान दे:
- आहार: आयुर्वेद में आहार को बहुत महत्व दिया जाता है। हमें सही तरह के आहार का सेवन करना चाहिए ताकि हमारे शरीर को सही पोषण मिले। हमें बहार का तला, भुना भोजन नही करना चाहिए ।
- योग और प्राणायाम: आयुर्वेद में योग और प्राणायाम को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ये हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं।
- औषधियाँ: आयुर्वेद में प्राकृतिक रूप से बनी जड़ी–बूटियाँ और पौधों का उपयोग होता है। ये जड़ी–बूटियाँ और पौधे हमें बीमारियों से बचाने और उनका इलाज करने में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें: टाइफाइड के लक्षण कारण व परहेज
आयुर्वेद के लाभ और महत्व – (Benefits and importance of Ayurveda)
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो हमारे देश में हजारों वर्षों से प्रचलित है। इस पद्धति के अनुसार, शरीर, मन और आत्मा तीनों को मिलकर स्वास्थ्य और सुख की प्राप्ति में सहायता करते हैं।
इसे ‘जीवन विद्या’ भी कहा जाता है क्योंकि यह हमें स्वस्थ और उत्तम जीवन जीने की विधि सिखाता है।
आयुर्वेद का महत्व इस बात में है कि यह सिर्फ समस्या के लक्षणों का इलाज नहीं करता, बल्कि समस्या के मूल कारण का पता लगाकर उसे जड़ से मिटाने का प्रयास करता है।
इसका अर्थ है कि आयुर्वेद शरीर के संतुलन को सुधारकर रोग के बाहर निकालता है, जिससे रोग का परिणामकारी से पूर्ण इलाज होता है। आयुर्वेद के उपयोग से अनेक लाभ होते हैं।
इस पद्धति का उपयोग करके शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखा जा सकता है और अवसाद, तनाव, बीमारियों के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: आयुर्वेद के अनुसार, हमें प्राकृतिक तरीकों से अपनी सेहत को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। यह हमें बीमारियों से बचाने में मदद करता है और हम लम्बे समय तक स्वस्थ रहते हैं।
- दिमाग की शक्ति में वृद्धि: आयुर्वेद में ध्यान और प्राणायाम का विशेष महत्व है। ये हमारे दिमाग की शक्ति को बढ़ाते हैं और हमें अधिक समझदार बनाते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: आयुर्वेद के अनुसार, योग और मेडिटेशन करने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। हम तनाव से मुक्त होते हैं और खुश रहते हैं।
- अंतरात्मा की खोज: आयुर्वेद के अनुसार, हमें अपने अंतरात्मा की खोज करनी चाहिए। हमें अपने जीवन को उच्चतम मानवता की दिशा में बदलने का प्रयास करना चाहिए।
आप यहाँ पर आयुर्वेद से जुडी विशेष प्रकार की रहस्यमई जानकारियां हासिल कर सकते है।
- बवासीर के मस्से सुखाने की आयुर्वेदिक दवा
- वात नाशक आयुर्वेदिक औषधि
- लिँग बढाने की आयुर्वेदिक दवा
- धातु रोग की आयुर्वेदिक दवा
- टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
निष्कर्ष – (Conclusion)
आयुर्वेद एक अद्भुत चिकित्सा प्रणाली है जो हमें प्राकृतिक तरीकों से स्वस्थ रहने का रास्ता दिखाती है। यह हमें बताती है कि हमें अपने खान-पान और व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम दिन–प्रतिदिन स्वस्थ और खुशहाल रह सकें।
आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करके हम बीमारियों से बच सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में हमें दिनचर्या, आहार, व्यायाम, योग, प्राणायाम और मेडिटेशन का महत्वपूर्ण रोल मिलता है।
ये सभी तत्व हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं और हमें बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में बताए गए उपायों को अपनाकर हम अपने शरीर, मन और आत्मा की संतुलन को बनाए रख सकते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन दिखता है।
आयुर्वेद एक प्राचीन औषधि विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को सुखी और स्वस्थ रखने के लिए समर्पित है। हमने इस ब्लॉग में आयुर्वेद की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है, जिसमें उसका मूलभूत सिद्धांत, प्रमुख तत्व, और इसके अनुप्रयोगिक उपायों के बारे में बताया गया है।
इसे पढ़ने के बाद, अब आप आयुर्वेद के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं और स्वास्थ्य और सुखी जीवन का आनंद उठा सकते हैं।
11 comments
आयुर्वेद के बारे में हमने काफी जानकारियां एकत्रित कि हैं जो की बहुत ही लाभदायक हैं जो हमें आयुर्वेद के बारे में अथवा आयुर्वेद के द्वारा शरीर में किसी भी तरह की बीमारी का निवारण अथवा उपचार के बारे में पूरी जानकारी देता है आयुर्वेदिक महत्वपूर्ण है भारत में कई साल पहले यदि किसी को कोई भी बीमारी होती थी तो उसका उपचार आयुर्वेद के द्वारा ही किया जाता था और यह पूरी तरह से सफल होता था।
आयुर्वेदा हमारे इतिहास की अथवा हमारी संस्कृति की सबसे प्राचीन चिकित्सक कला है जिसके उपचार मात्र से हम हमारे शरीर में होने वाली किसी भी भयानक से भयानक बीमारी का उपचार कर सकते हैं आयुर्वेदा एक ऐसी कला है जिससे हम अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ और रोग मुक्त बना सकते हैं आयुर्वेदा हमारे लिए तथा हमारे समाज हमारी संस्कृति आदि के लिए बहुत ही आवश्यक है हमें एलोपैथी से ज्यादा आयुर्वेदा पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम अपने शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ बना सकें बिना किसी दुष्प्रभाव के।
यहां पर आयुर्वेद के बारे में बहुत अच्छी जानकारियां प्राप्त की है और मैं इन सभी जानकारी से बहुत ही प्रभावित हुई हूं मैं जानना चाहती हूं कि क्या आयुर्वेद की सहायता से कैंसर जैसी भयानक बीमारी से भी मुक्ति पाई जा सकती है ?????
आयुर्वेद व् आयुर्वेदिक उपचार (हिंदी में): आयुर्वेद का महत्व व् आयुर्वेदिक दवा के फायदे के बारे में हम यह जानना चाहते हैं कि क्या आयुर्वेद की सहायता से शरीर में भयानक से भयानक होने वाली बीमारी से मुक्त हुआ जा सकता है ?
मैंने सुना है आयुर्वेद की सहायता से मनुष्य अपने शरीर को निरोगी तथा स्वस्थ बना सकता है और इसी के साथ मेरा यह सवाल भी है आपसे की क्या आयुर्वेद के उपयोग से हमेशा जवान रहा जा सकता है ???
आयुर्वेद व् आयुर्वेदिक उपचार (हिंदी में): आयुर्वेद का महत्व व् आयुर्वेदिक दवा के फायदे इसमें हमने आयुर्वेद से होने वाले चमत्कारिक फायदाओं की जानकारी प्राप्त की है आयुर्वेद बहुत ही पुराना चिकित्सा का तरीका है और प्राचीन काल से हमारे पूर्वजों ने आयुर्वेद के उपयोग से ही अपने आप को स्वस्थ रखा था और आयुर्वेद के किसी भी तरह की कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हमें ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहिए अन्यथा आयुर्वेद की कला जल्द ही लुप्त हो जाएगी।
हमने सुना है आयुर्वेद हमारे भारत में 5000 वर्ष पहले आया था और इसमें बहुत सी ऐसी गुणकारी जड़ी बूटियां हैं जिनके उपयोग से भयंकर से भयंकर बीमारी का इलाज किया जा सकता है हम जानना चाहते हैं कि क्या आयुर्वेद की सहायता से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का भी इलाज किया जा सकता है ?
जैसा कि आयुर्वेद के बारे में हम सब जानते हैं की आयुर्वेद के उपयोग से व्यक्ति के अंदर भयानक से भयानक बीमारी का खत्मा किया जा सकता है जैसा कि आपने बताया है कि आयुर्वेद का उपयोग करके व्यक्ति को मानसिक तथा शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है मैं आपके इस कथन से पूरी तरह संतुष्ट हूं क्योंकि आपके द्वारा बताई गई आयुर्वेद के बारे में सभी जानकारी पूरी तरह सही है धन्यवाद जो आपने आयुर्वेदिक के बारे में इतना सुंदर वर्णन किया है।
सुना है आयुर्वेद की सहायता से किसी भी भयानक से भयानक बीमारी का निवारण किया जा सकता है छाती में जमे बलगम की समस्या से भी छुटकारा पाने हेतु उपचार जानना चाहता हूं क्या कोई ऐसा उपचार है जिसका उपयोग करके छाती में बलगम की समस्या से तुरंत छुटकारा पाया जा सके?
आयुर्वेद के अंदर बहुत से रहस्य दफन है अपने यहां पर आयुर्वेद के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी है जिससे हम बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुए हैं हम जानना चाहते हैं कि क्या आयुर्वेद की सहायता से लकवा से ग्रस्त व्यक्ति को पूरी तरह से स्वस्थ किया जा सकता है ??
क्या आयुर्वेद की सहायता से ब्लड कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है हमने सुना है कि आयुर्वेद में बहुत ही ज्यादा शक्ति होती है क्या वाकई में आयुर्वेद किसी को मौत के मुंह से निकाल कर ला सकता है ??