आप सभी को जीवन में कभी ना कभी किसी प्रकार की एलर्जी या इन्फेक्शन तो अवश्य हुआ होगा। यह इन्फेक्शन या एलर्जी शरीर के किसी भी अंग पर किसी भी कारण से हो सकता है। क्योंकि इसका कोई एक मुख्य कारण नहीं है यह किसी भी चीज को खाने से हो सकता है या फिर किसी कीटाणु आदि के काटने से हो सकता है।
क्या आप ऑटोमायकोसिस के बारे में जानते हैं? दरअसल यह कानों में होने वाला फंगल इंफेक्शन है। आज के इस लेख में हम आपको इस इन्फेक्शन के मुख्य कारण, लक्षण और उपचार आदि सहित पूरी जानकारी देंगे।
ऑटोमायकोसिस क्या है?
जब आपके कानों की परत सूखने लगे और आपके कान सूखने लगे, साथ ही आपके कानों से बदबू आने की शिकायत होने लगे तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपको कानों का फंगल इन्फेक्शन हुआ है।
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कान में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
ऐसे कई लक्षण जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि आपके कानों में फंगल इंफेक्शन हुआ है या नहीं। आइए सबसे पहले इन लक्षणों के बारे में जानते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि आप यहाँ पर नाक से खून आने के कारण, उपचार और रोकथाम की महत्वपूर्ण जानकरियों का अध्यन कर सकते है।
- कान में सूजन का होना
- कान में सीटी बजती हुई महसूस होना।
- कान में दर्द होना। जी हां फंगल इन्फेक्शन के कारण कान की बाहरी या फिर ऊपरी परत में दर्द उत्पन्न हो सकता है।
- अचानक से कान का बंद हो जाना।
- जब आपके कान की ऊपरी परत पपड़ी की तरह निकलने लगे।
- कान से लिक्विड का निकलना यह हरे, लाला या फिर पीले रंग का हो सकता है। बहुत से लोग इसे कान का बहना भी कहते हैं।
- सुनने में परेशानी होना कई बार मनुष्य को धीमी आवाज में बोले गए शब्द नहीं सुनाई देते। ऐसे मनुष्य को फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
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कानों में फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है?
कानों में फंगल इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं। हम आपको इसके मुख्य कारणों के बारे में नीचे बताने जा रहे है।
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- जब कान में मैल जमा हो जाता है उसे वक्त भी फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए जब भी आप नहाएं तो अपने कानों को आराम से साफ जरूर करें।
- जिस मनुष्य को स्किन की कोई स्थाई बीमारी होती है उसे भी कानों में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा सदैव बना रहता है।
- डायबिटीज वाले मरीज को भी कान में फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- जो व्यक्ति पानी में ज्यादा रहता है या फिर पानी में ज्यादा खेलता है। उसके कानों में भी फंगल इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है।
- गंदे पानी में तैरने से भी कानों में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
- ऐसे नवजात शिशु जो बोतल से दूध पी रहे होते हैं कानों फंगल इन्फेक्शन का शिकार हो सकते हैं।
कानों में फंगल इन्फेक्शन के घरेलू उपचार
आइए कुछ ऐसे घरेलू उपचारों के बारे में जानते हैं जिनसे कि कानों में हुए फंगल इन्फेक्शन को खत्म किया जा सकता है।
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- आपको जानकर आश्चर्य होगा की हेयर ड्रायर के माध्यम से भी कानों के फंगल इन्फेक्शन को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए आपको हेयर ड्रायर को कम टेंपरेचर पर चलाकर कान से कुछ दूरी पर रखकर कान में हेयर ड्रायर से हवा करनी है। जिससे कि कानों में नमी सूख जाएगी और आपका फंगल इन्फेक्शन धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा।
- अक्सर मनुष्य के कान में ठोस मैल भर जाता है जिसे साफ नहीं किया जा सकता है और यह फंगल इन्फेक्शन का कारण बन जाता है। इसके लिए आपको हाइड्रोजन पराक्साइड की दो से तीन बूंदे अपने कानों में डालनी है। यह इस ठोस मैल को मुलायम करने का काम करेगा जिससे कि आप इसे आसानी से निकाल सकेंगे और आपके कानों में फंगल इन्फेक्शन नहीं होगा।
- घर में आसानी से मिल जाने वाले लहसुन के गुणों से कोई भी अनजान नहीं है। लहसुन में बहुत से एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं और यह कानों में फंगल इन्फेक्शन को भी खत्म कर सकता है। इसके लिए आपको लहसुन के तेल का एक कैप्सूल अपने कान में डालना है।
- विटामिन सी से भरपूर पदार्थ और कैप्सूल बहुत से रोगों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनका एक इस्तेमाल कानों में हुए फंगल इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए भी किया जा सकता है। यदि आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो भरपूर मात्रा में विटामिन सी का सेवन कीजिए। ऐसे बहुत से फल होते हैं जिनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यदि आप इन फलों का सेवन नहीं भी कर पा रहे हैं तो बाजार में विटामिन सी के कैप्सूल भी मौजूद हैं।
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निष्कर्ष
हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख पसंद आया होगा। लेकिन साथ ही हम यह आग्रह भी करते हैं कि हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख को किसी भी तरह की चिकित्सीय सलाह ने माना जाए और कानों में किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
1 comment
कान से जुड़े संक्रमण की समस्या से पूरी तरह बचने के लिए क्या कोई घरेलू उपाय होते हैं जिनका उपयोग करके कान के संक्रमण की समस्या से मुक्ति पाई जा सके ??