ग्लूकोमा और मोतियाबिंद यह दोनों ही दो ऐसे शब्द हैं जिनके बारे में सुनते ही हमारे दिमाग में आंखों से संबंधित बहुत ही भयानक बीमारी आ जाता है। यह दोनों बीमारी आंखों की रोशनी तक छीन लेती है और यह बहुत ज्यादा आम बीमारी भी है। लेकिन लोग अक्सर इन दोनों को एक ही समझने की भूल कर बैठते हैं। यह दोनों पूर्ण रूप से अलग है आज के इस लेख में हम आपको ग्लूकोमा और मोतियाबिंद दोनों के अंतर के बारे में स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास करेंगे।
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के फर्क को कैसे समझे?
नीचे हम आपको ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के फर्क के बारे में स्पष्ट रूप से बताने जा रहे हैं हम आपको बताएंगे कि कैसे यह दोनों अलग-अलग होते हैं। जिससे कि आपको भविष्य में इनमें से कोई एक हो तो आप उसका अंतर खुद पता लगा सके।
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ग्लूकोमा क्या है?
* यह ऑप्टिक तंत्र को हानि पहुंचाने वाली एक प्रकार की आंखों की बीमारी है। आपकी आंखों की दवा में वृद्धि होती है तो आपको यह बीमारी हो सकती है।
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मोतियाबिंद क्या होता है?
* यह भी आंखों की एक बीमारी होती है लेकिन इसमें आपकी लेंस पर धुंधलापन आने लगता हैं जिससे कि आपको धीरे-धीरे कम दिखने लगता है। यह बहुत ही आम बीमारी है जो बढ़ती उम्र के साथ किसी को भी हो सकती है।
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के लक्षण क्या होते है?
आइए अब यह जानते हैं कि ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के लक्षण क्या होते हैं जिससे कि आपको यह पता चल जाए कि कहीं आप ग्लूकोमा या मोतियाबिंद में से किसी से तो नहीं जूझ रहे हैं।
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ग्लूकोमा के लक्षण
* रंगों का धुंधलापन: यदि आपको देखने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और आपको धुंधला दिख रहा है या फिर आपको सभी रंग धुंधले नजर आ रहे है तो हो सकता है कि आपको ग्लूकोमा हो गया हो।
* नजर कमजोर होना: यदि आपकी नजर कमजोर हो गई है और आपकी दृष्टि धुंधला रही है। साथ ही आपकी आंखों में दर्द बना रहता है तो यह ग्लूकोमा के लक्षण हो सकते हैं।
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मोतियाबिंद के लक्षण
* आंखों के सामने धुंधलापन होना: यदि आपकी आंखों के सामने हो रहा है और आपको रंगों को देखने में भी धुंधलेपन का सामना करना पड़ रहा है तो हो सकता है कि आपको मोतियाबिंद हो।
* आंखों में दर्द रहना: यदि आपकी आंखों में अक्सर दर्द रहने लगा है तो हो सकता है कि आपको मोतियाबिंद की समस्या है।
* दृष्टि कम होना: कई बार दृष्टि कम हो जाती है हो सकता है कि आपको मोतियाबिंद हो।
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के क्या कारण होते है?
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह होता है कि आपको इसके कारणों के बारे में पता चले जिससे कि आपको इसके कारण को समय रहते खत्म कर सके।
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ग्लूकोमा के कारण
* डायबिटीज वाले मरीजों में: डायबिटीज वाले में ग्लूकोमा काफी ज्यादा देखने को मिल सकता है क्योंकि इससे आपकी आंखों पर दबाव पड़ता है।
* नेत्रों में खून के प्रवाह की कमी के कारण: यदि आपकी आंखों में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं हो पाता तो भी आपको ग्लूकोमा हो सकता है।
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* हाई ब्लड प्रेशर: यदि आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है तो इससे भी आपको ग्लूकोमा हो सकता है। लेकिन यह एक दो बार ब्लड प्रेशर बढ़ने से नहीं होता यदि आपका ब्लड प्रेशर अक्सर ही बहुत ज्यादा रहता है तो यह संभव है कि आपको ग्लूकोमा हो जाए।
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मोतियाबिंद के कारण
* आनुवांशिक कारण: कई बार यह वंश से एक दूसरे वंश में भी जा सकता है यदि आपके पिताजी को मोतियाबिंद होता है तो इसकी काफी ज्यादा संभावना है कि आपको भी बड़े होकर मोतियाबिंद होगा।
* बढ़ती आयु के कारण: कई मामलों में बढ़ती आयु भी मोतियाबिंद का एक कारण हो सकती है क्योंकि जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है वैसे-वैसे उसके लेंस पर धुंधलापन आने लग जाता है।
* मांसपेशियों में परेशानी के कारण: यदि आपकी आंखों की मांसपेशियों में अक्सर समस्याएं बनी रहती है तो यह हो सकता है कि आपको मोतियाबिंद की समस्या हो जाए।
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* डायबिटीज की वजह से: मधुमेह भी मोतियाबिंद का एक कारण बन सकता है इसीलिए यदि आप चाहते हैं कि आपको मोतियाबिंद न हो तो आपको अपनी मोतियाबिंद को कंट्रोल करने की आवश्यकता है।
मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का इलाज कैसे करते है?
अंत में यह जानते हैं कि ग्लूकोमा और मोतियाबिंद का इलाज किस प्रकार से संभव है।
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मोतियाबिंद का इलाज
* चश्मा लगाना: मोतियाबिंद के इलाज के लिए आपको चश्मा लगाना पड़ सकता है।
* लेजर सर्जरी: आजकल मोतियाबिंद के इलाज के लिए लेजर सर्जरी होने लगी है। यकीन मानिए लेजर सर्जरी मोतियाबिंद का काफी अच्छा इलाज है।
* कॉन्टैक्ट लेंस लगवाना: आप चाहे तो मोतियाबिंद के इलाज के लिए कांटेक्ट लेंस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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ग्लूकोमा का इलाज
* ग्लूकोमा ड्रेनेज डिवाइस का इस्तेमाल करें: यह एक ऐसी डिवाइस है जिसके माध्यम से आपकी आंखों के दबाव को कम किया जा सकता है और आपकी ग्लूकोमा का इलाज किया जा सकता है।
* सर्जरी भी है विकल्प: यदि आप चाहे तो अपने ग्लूकोमा के इलाज के लिए सर्जरी के विकल्प को भी चुन सकते हैं।
* ट्रैबेकुलॉकटॉमी: यह एक प्रकार की सर्जरी होती है जिसके माध्यम से ग्लूकोमा का इलाज संभव है।
* लेजर सर्जरी है फायदेमंद: लेजर सर्जरी के माध्यम से भी ग्लूकोमा का इलाज संभव हो गया है। आउटपेशेंट के लिए यह सर्जरी काफी अच्छी होती है।
ग्लूकोमा और मोतियाबिंद के अंतर के बारे में हमारा यह लेख पढ़ कर आपको इन दोनों शब्दों के अंतर के स्पष्ट अर्थ के बारे में अच्छे से पता चल गया होगा। यह दोनों भले ही आंखों से संबंधित हो लेकिन हमें इन्हें कभी भी एक समझने की भूल नहीं करना चाहिए हमने आपको इस लेख में इसके कुछ सामान्य उपचारों के बारे में भी बताया है। लेकिन क्योंकि यह लेख एक चिकित्सा लेख नहीं है आपको किसी भी प्रकार के इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।