फल खाना किसे नहीं पसंद होता? ऐसे में प्रत्येक मौसम के हिसाब से अलग-अलग फल आते हैं और जब गर्मी चल रही हो ऐसे में कोई भारतीय जामुन का सेवन न करें ऐसा तो हो ही नहीं सकता। दरअसल भारतीय जामुन खाने में जितना ज्यादा स्वादिष्ट होता है उतने ही ज्यादा इसके फायदे भी होते हैं। आज के इस लेख में हम आपको भारतीय जामुन के लाभ के बारे में ही बताएंगे।
जामुन के प्रकार
भारत में बहुत से प्रकार के जामुन पाए जाते हैं। नीचे हम आपको भारतीय जामुन के प्रकार के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
* मैरियनबेरी: यह भारतीय जामुन का एक प्रकार है। अधिकतर मैरियन बैरी मेरियन में ही उगाई जाती है।
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* हकलबेरी: यह खाने में खट्टी मीठी होती है और यह बैंगनी रंग की होती है। लेकिन इन्हें भारतीय जामुन कहना गलत होगा क्योंकि यह बहुत ज्यादा नहीं उगाई जाती है और भारत में इनका मिलना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।
* अकाइ: यह आपको पूर्वी अमेजॉन में ताड के पेड़ पर मिल सकते हैं। लेकिन यदि इन्हें एक बार काट लिया जाता है तो इन्हें ताजा रखना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।
* सैल्मनबेरी: यह जामुन का एक दूसरा प्रकार है।
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* एल्डरबेरी और शहतूत जामुन के दो अन्य प्रकार हैं।
भारतीय जामुन के लाभ
अब तक हमने यह जाना कि भारतीय जामुन की कितने प्रकार होते हैं। हमने इनके सभी प्रकारों के बारे में लगभग जान लिया है। अब हम यह जानेंगे कि भारतीय जामुन के लाभ क्या-क्या होते हैं और इन्हें कब-कब प्रयोग किया जा सकते हैं।
* रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि यदि व्यक्ति को शरीर की किसी हिस्से पर बहुत ज्यादा पुरानी सूजन है तो वह कहीं बीमारियों को जन्म दे सकती है जिसमें की कैंसर, मधुमेह और दिल से जुड़े रोग आदि शामिल है। पॉलीफेनोल और एंटीऑक्सिडेंट ऐसे तत्व है जो की सूजन से लड़ने में आपकी मदद करते हैं और जामुन में यह दोनों ही पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यही कारण है कि सूजन वाले व्यक्ति को जामुन खाने की सलाह दी जाती है।
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* आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि छोटा सा दिखने वाला जामुन कैंसर से रोकथाम में भी आपकी मदद कर सकता है। लिंगोनबेरी और ब्लैक रास्पबेरी एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को दूर रखने में मदद कर सकते हैं और अकाइ जामुन में यह भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह बात रिसर्च में भी साबित हो चुकी है।
* स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, रसभरी और ब्लूबेरी ऐसे जामुन है जिनमें घुलनशील फाइबर पाया जाता है। घुलनशील फाइबर जब आपकी आंतों से जुड़ जाता है तो वह आपके कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल कर फेंकने का कार्य करता है। कम शब्दों में कहा जाए तो यदि आप रोजाना घुलनशील फाइबर का सेवन करते हैं तो आपको कोलेस्ट्रॉल से राहत मिल सकती है और आपका कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा और हमने आपको जामुन बता दिए हैं जिनमें भरपूर मात्रा में घुलनशील फाइबर पाया जाता है। जब आपका कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहेगा तो आपको किसी भी प्रकार के हृदय रोग के होने का खतरा बहुत ज्यादा कम हो जाता है।
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* इसके अलावा जमुना में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कि आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचाए रख सकते हैं इसीलिए ब्लड प्रेशर के मरीज को जामुन खाने की सलाह दी जाती है।
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* यदि आप वजन घटाना चाह रहे हैं तो आपके लिए जामुन बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं। जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि इसमें घुलनशील फाइबर पाया जाता है और घुलनशील फाइबर आपको काफी देर तक पेट के भरे होने का एहसास कराता है। इसके अलावा यदि आप फाइबर का सेवन दुगना कर देते हैं तो आपके शरीर की कैलोरी भी बंद होनी शुरू हो जाती है। जिससे कि आपका वजन खुद-ब-खुद कम होना शुरू हो जाता है इसीलिए आपको जामुन का सेवन करना चाहिए। आप किसी भी रूप में जामुन को खा सकते हैं।
* आपके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को मेंटेन करने के लिए भी जामुन काफी फायदेमंद साबित होगा। इसके लिए आप चाहे तो ड्राई जामुन भी खा सकते हैं और ताजा जामुन भी खा सकते हैं। दोनों ही तरीके से आपका ब्लड शुगर लेवल मेंटेन में रहेगा। यह दोनों गहरे नीले रंग के होते हैं और ऐसा कहा जाता है कि गहरे नीले रंग का जामुन खाना आपके रक्त शर्करा को कंट्रोल में करने का कार्य कर सकता है। जिससे कि आप कई प्रकार की बीमारियों से बचे रह सकते हैं। इसीलिए यदि आपको ब्लड शुगर लेवल की समस्या बनी रहती है तो आपको जामुन का सेवन अवश्य करना चाहिए।
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आशा करते हैं कि आपको भारतीय जामुन के लाभ उनके प्रकार और उपयोग के बारे में जान कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। ऐसे नहीं यदि आपने अभी तक भारतीय जामुन का सेवन नहीं किया है और इनका लुत्फ नहीं उठाया है तो आपको इससे पीछे नहीं रहना चाहिए। किसी भी चीज का सेवन जरूर से ज्यादा नहीं करना चाहिए अन्यथा यह आपको हानि पहुंचा सकती है।