हरियाली किसे पसंद नहीं होती? सभी व्यक्ति अपने आसपास हरे-भरे पेड़ पौधे देखना चाहते हैं. ऐसे में वह चाहे फूलों के पौधे हो या फिर किसी फल या फिर किसी सब्जी का पेड़ हो। पेड़ सभी को पसंद आते हैं। लेकिन हमारे आसपास इतने पौधे लगे होते हैं कि हमें सबके फायदे के बारे में नहीं पता होता है। ऐसा ही एक पौधा है अपामार्ग का पौधा। आज का यह लेख आपको अपामार्ग के पौधे के चिकित्सीय के उपयोग व इससे होने वाले लाभ बताने के उद्देश्य से ही लिखा गया है।
अपामार्ग के पौधे के लाभ
पौधों का इस्तेमाल हमारे पूर्वज भी जड़ी बूटियां के रूप में करते आए हैं और उन्होंने ही हमें इनमें से बहुत के फायदे के बारे में बताया भी है।
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* बहुत बार व्यक्ति को तो बिच्छू, तैतया या सांप जैसे जहरीले कीड़े काट लेते हैं। जिससे कि उन्हें काफी ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है लेकिन अपामार्ग ऐसे में आपके लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है। इससे ऐसी स्थिति में लाभ लेने के लिए आपको इसके पत्तों के रस को निकाल कर कीटाणु द्वारा काटे गए हिस्से पर लगा देना है।
* यदि कोई व्यक्ति बहरा है या फिर उसे सुनने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो वह भी अपामार्ग का इस्तेमाल कर सकता है। आपको अपामार्ग की जड़ लेनी है और इसे अच्छे से धो लेना है। धोने के बाद आपको इसका रस निकाल लेना है और इतनी ही मात्रा में बराबर तिल का तेल डालकर आपको इन दोनों को एक साथ तब तक पकाना है जब तक की सिर्फ तेल शेष न रह जाए।
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आप इसे स्टोर कर रख सकते हैं फिर इसे रोज गर्म कर नियमित रूप से कानों में दो-दो बूंद इसकी डालने शुरू कर दीजिए। आपको बहरेपन में भी आराम लगने लगेगा और यदि आपके कान से मवाद बहने की समस्या है तो वह भी दूर हो जाएगी।
अपामार्ग के चिकित्सीय उपयोग
अपामार्ग के पौधों का इस्तेमाल बहुत सी दवाइयां को बनाने के लिए किया जाता है और आयुर्वेद में भी इसका जिक्र देखने को मिला है।
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* यदि किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है और वह व्यक्ति को बहुत ज्यादा कष्ट पहुंचा रही है तो आपको इसका चूर्ण सूंघ लेना चाहिए। जी हां अपामार्ग का चूर्ण सूंघने से ही माइग्रेन की समस्या को काफी हद तक दूर करने के लिए काफी होता है। ऐसा करने से आपके दिमाग में जमा हुआ कफ धीरे-धीरे कर नाक के माध्यम से बाहर आना शुरू हो जाएगा और आपको आराम मिलने लगेगा।
* रसौली के इलाज के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको इसके पत्तों को और दूध के पत्तों को साथ में मिलाकर पीस लेना है। जब यह पीसकर एक पेस्ट जैसा तैयार हो जाए तो आपको इसमें पानी मिलाकर इसे छान लेना है। इसके बाद आपको इसका सेवन नियमित रूप से 7 दिन तक गाय के दूध में मिश्री के साथ मिलकर करना है। ऐसा करने से आपके गर्भाशय में हो रही गांठ भी खत्म हो जाती है।
अपामार्ग के उपयोग चिकित्सा में
अपामार्ग के उपयोग बहुत ज्यादा है इन सब पर प्रकाश डालना हमारे लिए संभव भी नहीं है। क्योंकि आयुर्वेदाचार्य इसका उपयोग बहुत से प्रकार से रोगों से लड़ने के लिए करते हैं।
* यदि किसी महिला की योनि में दर्द की समस्या बनी रहती है तो उसे इसके जड़, पत्ते और तने सबको मिलाकर पीस लेना चाहिए और इस लेप को अपनी योनि पर लगाना चाहिए। इसके अलावा यदि आपकी मासिक धर्म में रुकावट आती है तो भी आप इसके रस को कॉटन की मदद से योनि पर लगा कर रख सकते हैं इससे यह रुकावट ठीक हो जाती है।
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* पथरी की समस्या को खत्म करने के लिए भी यह फायदेमंद साबित होता है। आपको इसकी जड़ को साफ कर पीस लेना है और उस पेस्ट को पानी में मिलाकर पीना है। ऐसा करने से धीरे-धीरे आपकी पथरी खत्म हो जाएगी। यहां तक की किडनी की पथरी भी धीरे-धीरे कट कर बाहर आने लगेगी।
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* यदि किसी व्यक्ति को खूनी बवासीर की समस्या है जो की बहुत ज्यादा नुकसानदायक साबित होती है तो वह भी अपामार्ग के पौधे से फायदा पा सकते हैं। इसके लिए आपको इसकी जड़ को चावल के धोएं हुए पानी के साथ मिलाकर पीस लेना है।
इसके बाद आपको इस पानी को छानकर इसका सेवन दो चम्मच शहद को मिलाकर करना है ऐसा करने से निश्चित रूप से आपका कफ बाहर आने लगेगा और आपको खूनी बवासीर की समस्या से धीरे-धीरे कर फायदा मिलेगा।
देखा आपने कैसे साधारण सा दिखने वाला अपमार्ग का पौधा आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। ऐसे ही और भी बहुत से पौधे आपके आसपास पाए जाते हैं। जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होगी लेकिन अपमार्ग के पौधे का इस्तेमाल करने से पहले भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।