Home » डॉक्टर द्वारा पर्चे में इस्तेमाल किए जाने वाला TDS क्या है?

डॉक्टर द्वारा पर्चे में इस्तेमाल किए जाने वाला TDS क्या है?

by Dev Pawar

ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जिसे आज तक डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता ना पड़ी हो। क्योंकि प्रत्येक बीमारी के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ता ही है चाहे वह छोटी हो या फिर बड़ी और डॉक्टर उसका इलाज आपको अपने पर्चे पर लिख कर देता है। ऐसे में यदि आप उसे प्रिस्क्रिप्शन को पढ़ना चाहे तो नहीं पढ़ सकते हैं क्योंकि उस पर बहुत से लैटिन शब्द भी लिखे होते हैं। आज के इस लेख में हम आपको एक लैटिन शब्द TDS के बारे में बताने जा रहे हैं।

TDS की फुल फॉर्म क्या है?

doctor dvara tds likha gya kon sa hota hai

मेडिकल प्रिसक्रिप्शन में इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकतर शब्द लैटिन भाषा में लिखे होते हैं और इनकी फुल फॉर्म के साथ ही इनका हिंदी अर्थ जानना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है। आइए सबसे पहले टीडीएस की फुल फॉर्म जानते हैं। टेर डाइ सुमेंडम टीडीएस की फुल फॉर्म है। इसका हिंदी अर्थ यह होता है कि दिन में तीन बार अर्थात आपको इस दवा का सेवन दिन में तीन बार करना है।

जानिए : डॉक्टर द्वारा लिखा गया प्रिस्क्रिप्शन पर्चा कैसे पढ़ा जाए?

हालांकि इसकी सही खुराक के बारे में आपको डॉक्टर ही बता सकता है। बस यहां पर इस शब्द से यह स्पष्ट हो जाता है कि आपके इस दवा को दिन में तीन बार खाना है। लेकिन खुराक के बारे में डॉक्टर रोगी की आयु, स्थिति आदि को देखते हुए बताता है। यह भी डॉक्टर ही बताता है कि आपको इस दवा का सेवन दिन में तीन बार किस-किस समय पर करना है। जैसे कि आपको इसे सुबह दोपहर शाम लेना है या फिर और किसी वक्त लेना है। खाने से पहले लेना है या फिर भोजन ग्रहण करने के बाद लेना है।

दूध के साथ लेना है या पानी के साथ लेना है। आपको इस दवा को अपने शरीर के किसी हिस्से पर अप्लाई करना है या फिर मुंह से निगलना है। यह दवा आपको चूर्ण के रूप में मिलेगी या फिर गोली के रूप में इन सभी प्रश्नों का उत्तर डॉक्टर द्वारा ही दिया जाता है। लेकिन डॉक्टर द्वारा टीडीएस लिखे जाने से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि दिन में तीन बार 8 घंटे के अंतराल पर यह दवा ली जानी चाहिए।

doctor dvara tds kyu likha jata hai

क्योंकि किसी भी दवा का सेवन 8 घंटे से पहले दोबारा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यह आपके साइड इफेक्ट पहुंचा सकती है। 

कुछ ऐसी स्थितियां जिनके दौरान डॉक्टर टीडीएस लिखते हैं?

डॉक्टर कुछ परिस्थितियों के दौरान टीडीएस लिखते हैं लेकिन यह परिस्थितियों अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन यहां पर हम आपको कुछ आम परिस्थितियों के बारे में बता रहे हैं जिनके दौरान डॉक्टर टीडीएस ही लिखते हैं। 

* यदि किसी व्यक्ति को दिमाग से संबंधित समस्या है तो: यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से जूझ रहा है उसे चिंता हो रही है अवसाद हो रहा है या फिर और किसी तरह की मनोवैज्ञानिक संबंधी समस्या हो रही है तो डॉक्टर उसे टीडीएस ही लिखते हैं। यह एक आम स्थिति है जिसके द्वारा डॉक्टर मरीज को टीडीएस के अनुसार खुराक लेने की सलाह देते हैं। 

महत्वपुर्ण जानकारी : क्या व्यक्ति अपने फेफड़ों को पुनर्जीवित कर सकता है? यदि हां तो कैसे?

* दर्द के इलाज हेतु: यदि किसी व्यक्ति को कैंसर के दौरान दर्द हो रहा है या फिर गठिया बाई का दर्द हो रहा है तो ऐसे में एंटी इन्फ्लेमेटरी दवा लिखी जाती है और इन दवाई की खुराक टीडीएस के खुराक लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

doctor tds kyu likhte hai

* डायबिटीज: आज के समय में डायबिटीज बहुत ही आम सी समस्या है। यह हर दूसरे व्यक्ति में पाई जाती है ऐसे में यह परहेज के माध्यम से ठीक किया जाता है। लेकिन डॉक्टर डायबिटीज के मरीज को जो दवा लिखते हैं वह भी टीडीएस के अनुसार ही निर्धारित करते हैं। हालांकि इसकी खुराक सबके लिए अलग-अलग हो सकती हैं। 

* इन्फेक्शन के इलाज हेतु: यदि किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो ऐसे में भी उसे दवा लेने की सलाह दी जाती है। यदि किसी व्यक्ति को स्किन एलर्जी हो गई है या फिर पेशाब के रास्ते में एलर्जी हो गई है तो डॉक्टर से एंटीबायोटिक लिखता है और इस दौरान लिखी गई एंटीबायोटिक टीडीएस के अनुसार ही लेने की सलाह दी जाती है। 

हम सबके लिए : मानव शरीर में जल का महत्व

* हाई ब्लड प्रेशर के दौरान: हाई ब्लड प्रेशर के दौरान भी मरीज को दवा लेने की सलाह जरूर दी जाती है लेकिन यह दवा बहुत ज्यादा तेज भी हो सकती हैं और इससे मरीज का ब्लड प्रेशर और ज्यादा बढ़ सकता है। यही कारण है कि इस दौरान मरीज को जो दवा दी जाती है वह टीडीएस के तरीके से लेने की सलाह दी जाती है।

doctor tds ko likhne ka kya karan hota hai

मतलब की इन दवाओं का सेवन मरीज को दिन में तीन बार 8 घंटे के अंतराल पर ही करना होता है। यह दवाई आपका ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए दी जाती है साथ यदि आपको दिल से संबंधित कोई समस्या है तो उसके इलाज के लिए भी यह दवा दी जाती है।

यहां पर हमने आपको लैटिन शब्द TDS के बारे में पूरी जानकारी दी है। किसी भी व्यक्ति को अपने पर्चे से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए और उसे पता होना चाहिए कि उस पर क्या लिखा गया है। इसके लिए वह किसी डॉक्टर की सलाह ले सकता है या फिर खुद से भी इसे पढ़ना सीख सकता है।

You may also like

Leave a Comment