आज का यह लेख आपको गलगंड रोग के बारे में जानकारी देगा। इसमें आपको यह पता चलेगा कि आखिर यह रोग क्या होता है और हम आपको यह भी बताएंगे कि इस रोग के कारण और लक्षण क्या है।
गलगंड रोग क्या होता है?
बता दे कुछ लोग इसे घेंघा के नाम से जानते हैं। यह गले से जुड़ी हुई एक समस्या है। इस समस्या के दौरान गला यानी कि थायराइड ग्रंथि बढ़ने लग जाती है।
यह ग्रंथि के गर्दन के अंदर पाई जाती है। इस रोग के दौरान व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसके गले में सूजन आ गई है।
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गलगंड रोग के लक्षण क्या है?
नीचे हम आपको इस रोग के लक्षण बताएंगे जिससे कि आप इसे लेकर सतर्क हो जाए और इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह करें।
- यदि आपको निगलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो
- यदि आपका गला बैठ गया है तो भी यह रोग हो सकता है। याद रहे गले में खराश और गला बैठना आम समस्या है लेकिन यदि यह बार-बार हो रही है और बहुत लंबे समय से है तो यह घेंघा के लक्षण हो सकते हैं।
- कई बार व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है लेकिन सांस लेने में दिक्कत का मतलब यह नहीं है कि आपको यही रोग हो गया है आपको कोई और समस्या भी हो सकती है इसीलिए डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
- यदि आपको खांसी हो रही है तो हो सकता है कि आप इसके शिकार हो गए हो लेकिन हम यहां पर यह बिल्कुल भी नहीं कहेंगे की खांसी होने का सीधा मतलब घेंघा रोग का होना होता है।
- कई स्थिति में जब व्यक्ति अपने हाथों को सिर के ऊपर करने का प्रयास करता है। मतलब की सीधा करने का प्रयास करता है तो उसे ऐसा महसूस होता है कि उसे चक्कर आ रहे हैं और यह भी इसी रोग का एक लक्षण है।
गलगंड रोग होने के कारण क्या है?
यहां पर यह जरूरी हो जाता है कि आप इस रोग के कारणों के बारे में जान लें जिससे कि भविष्य में आप इन कारणों को खत्म करने का प्रयास करें।
- यदि थायराइड ग्रंथि जरुरत से ज्यादा मात्रा में थायराइड नामक हार्मोन बनाने शुरू कर दे तो यह रोग हो सकता है।
- यदि थायराइड ग्रंथि जितनी जरूरत है उससे कम मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाती है तो भी यह इस रोग के होने का खतरा बना रहता है।
- वैसे तो यह कारण बहुत कम होता है लेकिन यदि पीयूष ग्रंथि अपने हारमोंस की मात्रा को बढ़ाने के लिए थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने का प्रयास करती है और उसका आकार बढ़ा देती है तो भी यह रोग हो जाता है।
- जब व्यक्ति आयोडीन की मात्रा कम लेता है खासकर की भोजन के माध्यम से उसकी आयोडीन की खपत पूरी नहीं हो रही होती है तो वह इस रोग का शिकार हो सकता हैं।
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घेंघा के बढ़ने के कारण क्या है?
कुछ कारण ऐसे भी है जो इस रोग को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
- याद रहे यह रोग महिलाओं में ज्यादा होता है पुरुषों में इस रोग की होने की संभावना कम रहती है।
- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है यह रोग होने का खतरा भी बढ़ता जाता है 40 की उम्र के बाद इस रोग के होने का खतरा और ज्यादा हो जाता है।
- यदि किसी व्यक्ति की गर्दन या फिर छाती के आसपास के हसन की रेडिएशन थेरेपी की जाती है तो हो सकता है कि उसे यह रोग हो जाए।
- कुछ दवाइयां ऐसी भी है जो इस रोग को जन्म दे देती हैं और इसके विकास को बढ़ावा भी देती है।
गलगंड रोग का इलाज
अब जब यह जान चुके हैं कि यह रोग क्या होता है हमने यह भी जान लिया है कि इसके कारण क्या होते हैं साथ ही हम इसके लक्षणों के बारे में भी जान चुके हैं तो जरूरी हो जाता है कि हम यह जाने की हम इसका इलाज किस प्रकार से कर सकते हैं।
- मरीज को आयोडीन का सेवन करा कर भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल इस प्रक्रिया के अंदर मरीज को आयरन पीने के लिए दे दी जाती है जो कि उसके ब्लड के थ्रू थायराइड तक पहुंच कर उसके बड़े हुए ऊतकों को खत्म कर देती है।
- हालांकि यह तरीका अधिकतर लोगों को पसंद नहीं आएगा लेकिन सर्जरी से भी इसका इलाज संभव है क्योंकि सर्जरी के माध्यम से व्यक्ति की थायराइड ग्रंथि बाहर निकल जा सकती है।
- यदि इस रोग को शुरुआती स्टेज पर ही पकड़ लिया जाए तो इसे दवाओं के माध्यम से ठीक करना भी संभव है।
निष्कर्ष
यदि गलगंड रोग के बारे में लिखा गया यह लेख आपको पसंद आता है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं। हम आपको यह सलाह देना चाहेंगे कि इस लेख में बताएं गए किसी भी प्रकार के समस्या के निवारण को सीधा डॉक्टरी सलाह न मानते हुए पहले डॉक्टर से सलाह मशवरा कर लें।
1 comment
गलगंड रोग के बारे में अपने रामबाण इलाज बताया है इसी तरह की जानकारी बताओ